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नेपाल भूकंप (Nepal Earthquake In Hindi )
हिमालय पर रहते थे और फैलाश पर्वत पर स्थाई निवास बनाये थे। ऐसा लगता है हमने उनको है तपस्या भंग कर दी है। उनकी तपस्या में खलल डाला है इंसान ने जब उनको खुली तो प्रकृति के साथ हो अन्याय को देखकर के क्रोधित हुए और ने अपनी तीसरी आंख खोल दी। जिससे चारों ओर सिर्फ मौत से सीत दिखाई दे रही है। इंसान से ऐसी फोन सी गलती हुई कि शिव ने रुष्ट होकर ऐसा तांडव नृत्य किया। इस पर हमें आज विचार करने की जरूरत है। Posted on 13 Oct, 2023 03:34 PM

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जब अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं तो तवा मच जाती है। नेपाल में भूकंप की तस्वीरें देखकर तो यही लगता कि शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया है। पशुपतिनाथ शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला और देखते ही देखते पूरा इलाका मानो शान बन गया। नेपाल में दसों हज़ार लोगों के मरने की आशंका हजारों लोग जख्मी है। मौत के इस सन्नाटे की पूरी दुनिया में है। लोग खौफ में हैं, दहशत में हैं और जीने की

नेपाल भूंकप
ज्वार भाटा का क्या महत्व है
समुद्री जलस्तर के उतार एवं चढ़ाव को ज्वार-भाटा कहा जाता है। समुद्री जलस्तर के चढ़ाव के समय समुद्र का पानी तट की ओर बढ़ता है जिसे ज्वार कहते हैं और इसके विपरीत उतरते के समय समुद्र का जल तट से समुद्र की ओर घटता है और इस घटना को भाटा या निम्न ज्वार कहा जाता है। जो समुद्री तरंग ज्वार के द्वारा उत्पन्न होती है उसे ज्वारीय तरंग (Tidal (wave) कहते हैं। उच्च ज्वार एवं निम्न ज्वार के अंतर को ज्वारीय सीमा (Tidal Range) कहा जाता है।  Posted on 13 Oct, 2023 12:56 PM

पृथ्वी का लगभग 21 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है। केवल 20 प्रतिशत भू-भाग में दीप और महाद्वीप अवस्थित हैं। पृथ्वी का बड़ा भाग जो पानी से ढका हुआ है, उसे हम समुद्र कहते हैं और इस समुद्र को कई सागरों और महासागरों में विभाजित किया गया है। समुद्र की गतिविधियों के बारे में हमें बहुत कम ज्ञान है और समुद्र से संबंधित जो भी साहित्य उपलब्ध है वह उच्चकोटि का है। जो आम आदमी की समझ से बाहर है। जो व्यक्ति सम

ज्वार-भाटा की स्थिति
घटती जल गुणवत्ता से कैंसर जनित संभावनाएं
यूरिया से प्रदूषित भूजल श्मेरिन डेड जोन बनाने का कार्य करता है। जल में घुलनशील नाइट्रेट पौधों की वृद्धि के साथ-साथ काई की अनियंत्रित वृद्धि जिसे एल्गल ब्लूम भी कहते हैं को बढ़ावा देते हैं। शैवालों या काई की मात्रा बेहद अधिक होने से इनका अपघटन होता है Posted on 12 Oct, 2023 03:47 PM

सारांश 

प्राकृतिक जल संसाधनों के संरक्षण की अपेक्षा उनके लगातार और अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिसको दूर करने के लिए विभिन्न माध्यम से जल संरक्षण किया जाता है। परन्तु सबसे अधिक चिंता भूजल की तेजी से घटती गुणवत्ता को लेकर है जिसका मुख्य कारण उत्सर्जित पदार्थों को भूमि की गहरी पतों में विसर्जित करना, कीटनाशकों आदि का अत्यधिक उपयोग, व्य

घटती जल गुणवत्ता से कैंसर,PC-Wikipedia
आर्थिक विकास का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है (What effect does economic development on the environment?)
विकसित देशों द्वारा विलासिता संबंधी आवश्यकताओं हेतु प्रकृति के संसाधनों का कितना उपयोग किया जाए एवं विकासशील देशों द्वारा मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्राकृतिक संसाधनों का कितना इस्तेमाल किया जाए। अनेक देशों ने प्रकृति से अधिकतम लिया है, पर अब जब वापस करने की जिम्मेदारी आई है. तो ये पीछे हट रहे हैं। Posted on 10 Oct, 2023 01:35 PM

सारांश

वर्तमान में संपूर्ण विश्व में यह विचार चल रहा है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना किस प्रकार सतत् आर्थिक विकास किया जाए। जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, आर्थिक असमानता एवं भूख आदि समस्याएं आज भयानक रूप धारण करती जा रही हैं। ऐसे कौन-से उपाय है, जिससे विकास जारी रहे और पर्यावरण भी प्रभावित न हो?

 आर्थिक विकास एवं पर्यावरण
ऊर्जा संरक्षण द्वारा डिमांड साइड मैनेजमेंट(Demand Side Management by Energy Conservation in Hindi)
विद्युत डिमांड मैनेजमैंट के दृष्टिगत ग्रामीण, अर्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऊर्जा बचत का मतलब कटौती करना नहीं बल्कि कम ऊर्जा खपत वाले आधुनिक ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की खपत में कमी करना है Posted on 09 Oct, 2023 02:48 PM

विद्युत डिमांड मैनेजमैंट के दृष्टिगत ग्रामीण, अर्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऊर्जा बचत का मतलब कटौती करना नहीं बल्कि कम ऊर्जा खपत वाले आधुनिक ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की खपत में कमी करना है। यदि हम कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखें तो काफी ऊर्जा की बचत कर सकते हैं:-

ऊर्जा संरक्षण
समुद्री पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता
20 वर्षों की लंबी बातचीत के उपरांत एक  सैकड़ा से अधिक देश समुद्री जीवन को बचाने की अहम संधि पर मुहर लगाने को तैयार हो गए हैं। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संपन्न इस हाई सीज ट्रीट्री के तहत 2030  तक दुनिया के 30  प्रतिशत महासागरों को संरक्षित किया जाना है। संधि को लागू करने के लिए अब सभी देशों को अपनी-अपनी संसद से मंजूरी दिलानी होगी। संधि में प्रावधान है कि समुद्री जलीय जीवन को संरक्षित करने के लिए निकाय बनेगा और जलीय जीवों को हो रहे नुकसान के आंकलन के लिए नियम बनेंगे। Posted on 09 Oct, 2023 01:15 PM

यह है सुखद है कि 20 वर्षों की लंबी बातचीत के उपरांत एक  सैकड़ा से अधिक देश समुद्री जीवन को बचाने की अहम संधि पर मुहर लगाने को तैयार हो गए हैं। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संपन्न इस हाई सीज ट्रीट्री के तहत 2030  तक दुनिया के 30  प्रतिशत महासागरों को संरक्षित किया जाना है। संधि को लागू करने के लिए अब सभी देशों को अपनी-अपनी संसद से मंजूरी दिलानी होगी। संधि में प्रावधान है कि समुद्

समुद्री पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता
भूजल दोहन और भूकंप का गहरा संबंध:विनाशकारी होगी प्रकृति का धैर्य टूटने की प्रतीक्षा 
भूजल भंडार का बेलगाम दोहन हो रहा है। यदि नदियों की स्थिति बेहतर होती तो भूजल भंडार लगातार रिचार्ज होते रहते। लेकिन हमारी नदियां तो स्वयं अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं पिछले दिनों भूकंप के कारण धरती हिलने से देश की राजधानी दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत देश के कई शहरों में अनिष्ट की आशंका से हड़कंप मच गया। भूकंप के अनेक कारण हैं Posted on 09 Oct, 2023 11:42 AM

पिछले दिनों भूकंप के कारण धरती हिलने से देश की राजधानी दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत देश के कई शहरों में अनिष्ट की आशंका से हड़कंप मच गया। भूकंप के अनेक कारण हैं, लेकिन एक प्रमुख कारण भूजल का अंधाधुंध दोहन भी बताया जाता है। विकास की आंधी में हम हरियाली और भूमिगत जल को खोते जा रहे हैं। देखते-देखते ही महानगर ही नहीं छोटे शहर भी कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे हैं। इसके लिए भ

भूजल दोहन और भूकंप का गहरा संबंध
पिघलते ग्लेशियरों की निगरानी ज़रूरी
साल 2021 में एक अध्ययन से पता चला था कि दक्षिण लोनाक झील का आकार गंभीर रूप से बढ़ चुका है। इस अध्ययन में यह भी कहा गया था कि अब झील भारी बारिश जैसे चरम मौसम के प्रति संवेदनशील हो गयी है। अब क्योंकि हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि ग्लेशियर में बाढ़ कब आएगी, इसलिए ऐसी किसी बाढ़ के लिए तैयार रहना ही हमारे पास एकमात्र विकल्प है। जरूरत है उचित आपदा जोखिम न्यूनीकरण योजना और क्षति नियंत्रण की। Posted on 07 Oct, 2023 04:24 PM

बीते हफ्ते, सिक्किम में दक्षिण लोनाक झील पर बहुत भारी बारिश हुई। इसके चलते झील के पानी ने अपना किनारा छोड़ दिया। सब कुछ इतना अचानक हुआ कि झील के पानी ने चुंगथांग बांध को तोड़ दिया। और इसके बाद तबाही का ऐसा दौर आया कि फिलहाल चालीस से ज़्यादा लोगों की मौत की खबर है, तमाम लोग गायब हैं, अनगिनत लोग चोटिल हैं, और  सिक्किम के कई हिस्सों में बाढ़ आ चुकी गई।

पिघलते ग्लेशियर
भारत में पर्यावरण प्रदूषण के कारण | Causes of Environmental Pollution in Hindi
भारत में पर्यावरण प्रदूषण के कारणों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और अपने ज्ञान को बढ़ाएं । Get information about the causes of environmental pollution in hindi. Posted on 06 Oct, 2023 02:15 PM

अपने चारों ओर के परिवेश को हमने इस कदर छेड़ा है कि बात अगर पर्यावरण की उठती हैं तो प्रदूषण का सवाल अपने आप ही आगे आ जाता है। चारों ओर सुनी जाने वाली यह ऐसी ‘बेताल पचीशी' है, जिसमें लाशों को ढोने वाला कोई एक विक्रम नहीं बल्कि हम सभी हैं। और सही उत्तर की प्रतीक्षा में वेताल हमारे साथ-साथ भी चल रहा है। बात प्रदूषण की उठे, तो लोग सामाजिक, सांस्कृतिक या भाषायी प्रदूषण की बात भी करते हैं। सामाजिक मान

पर्यावरण प्रदूषण
अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
पिछले कुछ वर्षों में मेक इन इंडिया के कारण भारत में आर्थिक, औद्योगिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और अनुसंधान के क्षेत्रों में जैसा सकारात्मक रुझान देखा गया है, वह पारम्परिक रूप से नहीं देखा गया था। हालांकि भारत ने अतीत में भी विज्ञान से जुड़े अनेक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज की है Posted on 04 Oct, 2023 03:09 PM

मेक इन इंडिया को ज्यादातर लोग विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) पर आधारित कार्यक्रम और पहल के रूप में देखते हैं लेकिन विनिर्माण के साथ-साथ उसके कई अन्य पहलू भी हैं। विनिर्माण कोई हवा में नहीं हो जाता और विनिर्माण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनेक बुनियादी पक्षों पर काम करना जरूरी है, जैसे निवेश को प्रोत्साहित करना तथा आधारभूत ढांचे (इन्फास्ट्रक्चर) का विकास करना। इनके बिना विनिर्माण पर केंद्रित लक्ष

अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
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