Posted on 19 Aug, 2014 01:12 AMभारत सरकार की ओर से हर नागरिक को शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छ वातावरण मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह कोशिश तभी परवान चढ़ पाएगी जब आम आदमी इसमें सहयोग करे। शुद्ध पानी को निरंतर हासिल करने के लिए हमें परंपरागत जल स्रोतों को भी शुद्ध रखना होगा। यदि परंपरागत जलस्रोतों को भुला दिया गया तो आने वाले समय में दोहरी चुनौतियों से जूझना होगा क्योंकि भारत में 60 फीसदी से ज्यादा बीमारियां अशुद्ध पानी
Posted on 13 Aug, 2014 06:06 PMआखिर मौसम विभाग की तथाकथित भविष्यवाणियों को धता बताकर मानसून आ ही गया। शहर में निचली बस्तियों में पानी का जमाव होने से शासकीय सभागार में ‘समीक्षा बैठक’ आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता सरकार के प्रभारी मंत्री स्वयं करने वाले हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार सरकारी अमला, मीडियाकर्मी, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के प्रतिनिधि, पुलिस के आला अधिकारी तथा प्रबुद्ध जन बैठक में शिरकत करने वाले हैं। बैठक का समय सरकारी
Posted on 13 Aug, 2014 10:34 AMनामामि गंगे परियोजना शुरू करके गंगा के शुद्धीकरण का मोदी सरकार ने संकल्प लिया है। गंगा और यमुना कोई साधारण नदियां नहीं हैं। सदियों से यह हिंदुओं की आस्था का केंद्र रही है। आज इन नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
Posted on 11 Aug, 2014 11:26 PMआज इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि हिंदुस्तान का पानी उतर गया है- पीने का पानी की किल्लत तो बच्चा-बच्चा महसूस कर रहा है, और आंख का पानी भी नहीं बचा, यह भी किसी से छिपा नहीं है। भौतिक पानी की कमी होने से शायद हमारी पानी की समझ भी कमतर हो गई है। हमारे समस्त शास्त्र और आख्यान प्रमाण हैं कि अभी एक डेढ़ सदी पहले तक हमारी पानी की समझ अत्यंत विस्तृत थी। मध्य काल में लोक भाषाओं का प्रचलन बढ़ने लगा त
Posted on 07 Aug, 2014 04:20 PMमानव जीवन में पेयजल व स्वच्छता का महत्व आदि काल से ही रहा है। जीवन के हर क्षेत्र में जल की आवश्यकता सर्वविदित है। जल की आवशयकता को ध्यान में रखते हुए ही हमारे पूर्वजों के द्वारा जितने भी बड़े शहर बसाये गए हैं वे किसी न किसी नदी के किनारे अवस्थित है। गीता में श्री भगवान कृष्ण ने अपने को जल के रूप में प्रदर्शित करते हुए इसकी महत्ता को बताया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने तो स्वच्छता को जीवन दायनी