Posted on 23 Jul, 2014 12:33 PMवैश्वीकरण के बाद से खेती कम लाभ का काम हो गया और लोगों का पेट पालने के लिए शहरों की ओर पलायन बढ़ गया। गांव कस्बे में, कस्बे शहर में और शहर महानगर की ओर बढ़े तो आवास, बाजार, और बढ़ती भीड़ की मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, स्कूल, अस्पताल आदि बनाने के लिए जैसे ही जमीन का टोटा पड़ा तो लोगों ने सदियों पुराने तालाबों पर अपनी गिद्ध-दृष्टि टिका दी।
Posted on 23 Jul, 2014 11:37 AMसंयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन पर गठित अंतर-सरकारी समिति (आई.पी.सी.सी.) ने हाल ही में योकोहामा, जापान में जारी की गयी अपनी रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिग यानी वैश्विक तपन के भयानक खतरों से एक बार फिर आगाह किया है। इस समिति का कहना है कि अब सोचने का समय शेष नहीं रहा, इन खतरों से निबटने का समय आ गया है। कहीं ऐसा न हो कि देर हो जाये और समय हाथ से निकल जाये।
Posted on 22 Jul, 2014 10:11 AMनई दिल्ली (भाषा)। देश की नदियों को जोड़ने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पर तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों की आपत्तियों के बीच जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि किसी भी राज्य की सहमति के बिना संबंधित राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा और न ही पानी के साथ राजनीति की जाएगी।
Posted on 22 Jul, 2014 09:30 AMपरिवर्तन प्रकृति का नियम है किंतु मानव शरीर को इसके साथ तालमेल बिठाने में थोड़ा वक्त लगता है। वह किसी भी परिवर्तन का पहले विरोध करता है फिर इसके साथ सामंजस्य स्थपित कर लेता है। दो परिवर्तनों के बीच का समय ही संक्रमण काल कहलाता है।
Posted on 19 Jul, 2014 11:00 AMगंगा सफाई के नाम पर परियोजनाएं करोड़ों की तैयार होती हैं, लेकिन समय के साथ संबंधित फाइलें भी धूल फांकने लगती हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाद अब इस ओर भारत के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान गंगा उद्धार की ओर गया है। अब देखना है कि यह मिशन कितना कामयाब होता है। वैसे आम बजट में गंगा सफाई के लिए 2,000 करोड़ की व्यवस्था की गई है। गंगे नमामि नाम से इस अभियान को चलाया
Posted on 18 Jul, 2014 06:59 AMनई दिल्ली (भाषा)। केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्यों की सहमति के बिना नदियों को जोड़ने की परियोजना पर आगे नहीं बढ़ा जाएगा और जिन राज्यों को आपत्ति है उन पर यह योजना थोपी नहीं जाएगी।
जल संसाधन एवं नदी विकास एवं गंगा पुनरूद्धार मंत्री उमा भारती ने लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान केवी थामस तथा डीके सुरेश के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
हमारे बड़े शहरों की परिभाषा यह हो गई है कि उनका पानी कितने किलोमीटर दूर से आता है। जिन शहरों को जितनी दूरी से पानी मिल रहा है, उन्हें उतना ही स्वावलंबी माना जा रहा है।
Posted on 11 Jul, 2014 01:23 PMकेरल का मुन्नार क्षेत्र अपने पहाड़ों और नदियों के लिए जाना जाता है। इसकी हरियाली मन मोह लेती है। इसके कुदरती सौंदर्य के बारे में बता रही हैं प्रज्ञा।