दिल्ली

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अब तो छोड़ भी दो तंबाकू यारो
Posted on 11 Jun, 2013 12:20 PM तंबाकू उत्पादन के पक्ष में तर्क देने वाले कह सकते हैं कि तंबाकू उद्योग भारतीय आर्थिकी में हर वर्ष कई
tobacco
टलता गया समय, बढ़ती गयी लागत
Posted on 11 Jun, 2013 10:31 AM राज्य में 15 वृहद व मध्य सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुई हैं। नौ वृहत सिंचाई परियोजनाओं से 2187.88 हेक्टेयर व पांच मध्य सिंचाई परियोजनाओं से 294.55 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता बढ़ी है। आठ वृहद व चार मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का काम चल रहा है। इनमें पश्चिमी कोसी नगर योजना, दुर्गावती जलाशय योजना, उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना, बटेश्वरनाथ पंप नहर योजना, पुनपुन बांध योजना, ढादर सिंचाई योजना, उडेरास्थान बांध
गांव-पंचायत सक्रिय होंगे तभी बचेंगे जंगल
Posted on 09 Jun, 2013 02:24 PM जंगल की रक्षा एवं प्रबंधन में ग्रामीण, पंचायत और सरकार-तीनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जंगल को लेकर अगर इन तीनों स्तरों पर समझदारी और समन्वय बन जाए तो वन और वनावरण के सवाल पर एक व्यापक बदलाव हो सकता है। वन का सवाल एक बहुआयामी सवाल है और यह जलवायु एवं पर्यावरणीय संकटों से घिरे आज के समय का अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है। जंगल एक ऐसा मुद्दा है जो जल, जीवन, जीविका, कृषि, जैवविविधता, संस्कृति, स्वास्थ्य,
पेड़ कटे, तो मांगें वन विभाग से हिसाब
Posted on 08 Jun, 2013 04:20 PM
स्वस्थ पर्यावरण आपका अधिकार है। सरकार हो या आम आदमी, किसी को इस अधिकार को छीनने का हक नहीं है। इस मामले में हर नागरिक का अधिकार एक बराबर है। सब का कर्तव्य भी है कि वह पर्यावरण की हिफाजत करे। अगर इसमें कहीं अतिक्रमण हो रहा है, तो एक सजग नागरिक की हैसियत से आप उसे रोकने की पहल कर सकते हैं। अगर सरकार का कोई विभाग ही इसको ऐसा कर रहा है, तो भी आप चुप न रहें और उससे इस पर सवाल पूछें। चाहे पेड़
जैविक खेती से मुनाफा ही मुनाफा
Posted on 08 Jun, 2013 03:43 PM जैविक खेती सस्ती तो है ही, जीवन और जमीन को बचाने के लिए भी जरूरी है। 1960 से 1990 तक कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए जिस तेजी से और जिस तरह से रासायनिक खादों और कीटनाशकों का इस्तेमाल किया गया, उसने हमारे खेतों और जीवन दोनों को संकट में डाल दिया। तब पर्यावरण की अनदेखी की गयी थी, जिसकी कीमत हम आज चुका रहे हैं। 1990 के बाद से जैविक खाद की ओर खेती को लौटाने का अभियान शुरू हुआ, जो अब भी जारी है। द्वितीय
जैविक खेती जमीन और जीवन दोनों की जरूरत
Posted on 08 Jun, 2013 12:57 PM खेती महंगी हो गयी है। कृषि उपकरण, बीज, खाद, पानी और मजदूर सब महंगे हो गये हैं। सरकार लाख दावा कर ले, रिजर्व बैंक की रिपोर्ट यह सच सामने लाती है कि आज भी पांच में से दो किसान बैंकों की बजाय महाजनों से कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर हैं, जिसकी ब्याज दर ज्यादा होती है। दूसरी ओर किसान हों या सरकार, सबका जोर कृषि उत्पादन की दर को बढ़ाने पर है। ज्यादा उत्पादन होने पर कृषि उपज की कीमत बाजार में गिरती है
Organic farming
अगर नहीं मिले सूचना, तो करें अपील
Posted on 08 Jun, 2013 11:23 AM देश भर में पर्यावरण, जल और जंगल को बचाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम के कई सफल प्रयोग हुए हैं। हम वैसी कुछ सफलताओं की कहानी साझा कर रहे हैं। हम अपने आस-पास पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सरकारी या गैर सरकारी कार्यों को सूचनाधिकार के तहत रोक सकते हैं।
बावड़ियों वाली दिल्ली
Posted on 08 Jun, 2013 10:17 AM पुराभिलेखों के अनुसार दिल्ली में लगभग 629 जल संग्रहण क्षेत्र थे जहां तमाम बावड़ियां हुआ करती लेकिन शहरीकरण के कारण उनमें से अधिकांशतः आज अपना अस्तित्व खो चुकी हैं। ऐसी ही कुछ संरक्षित बावड़ियों और उसके इतिहास से रूबरू करा रहे हैं रामकुमार विद्यार्थी..
डूब क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने की तैयारी
Posted on 07 Jun, 2013 11:47 AM अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वा
हवा में जहर
Posted on 07 Jun, 2013 11:19 AM आजकल उत्तरी भारत में स्कूल और कॉलेजों में गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं। कोई नई बात नहीं, पचास साल पहले भी यही होता था, तो आज कौन सी निराली बात हो गई। तेज धूप और लू मई-जून में नहीं होगी तो फिर कब होगी? लेकिन कितनी तेज?
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