डूब क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने की तैयारी

अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा और नोएडा प्राधिकरण के अफसर हर हफ्ते इस बयान को जारी कर देते हैं पर इसे अभी तक अमली जामा नहीं पहनाया गया है। देखना है कि इस पर ऊंट किस करवट बैठता है। प्राधिकरण और सिंचाई विभाग डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने के लिए जल्द संयुक्त अभियान चलाएंगे। प्राधिकरण में दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में यह समति बनी। एनएसपी को पत्र भेजकर पर्याप्त में पुलिस बल उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पुलिस बल मिलते ही निर्माण हटाने के लिए अभियान शुरू कर दिया जाएगा। हिंडन व यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाने से पहले स्थानीय लोगों को सूचित भी किया जाएगा। इस तरह लोगों के सामान का नुकसान नहीं हो सकेगा। यह फैसला नोएडा प्राधिकरण में मंगलवार को हुई एक बैठक में लिया गया। दरअसल, इससे पहले अचानक अतिक्रमण हटाए जाने का अभियान चलाया गया था, जिसमें लोगों के सामान को भी नुकसान होने की बात सामने आई थी। इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण कार्यालय में हुई बैठक में चर्चा की गई।

नोएडा प्राधिकरण की बर्ड बैठक में अतिक्रमण को स्थायी तौर पर हटाए जाने को लेकर सहमति बनी थी। अब यहां पर रिवर ग्रीन फ्रंट कॉरिडोर विकसित किए जाने का फैसला किया गया। लिहाजा, अतिक्रमण को तेजी से हटाया जाएगा। इस संबंध में बैठक में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रमा रमण ने साफ तौर से निर्देश दिया कि लोगों के सामान का नुकसान नहीं होने पर भी ध्यान रखा जाए। खास बात है कि बांध के अंदर की जमीन पर नियमानुसार निर्माण नहीं हो सकता। केवल खेतों पर ट्यूबवेल के लिए झोपड़ी बनी जा सकती है। डूब क्षेत्र के रास्तों में भी पक्का निर्माण नहीं हो सकता। कॉलोनाइजरों ने इस नियम की अनदेखी कर डूब क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनी बसा दी है। इससे हिंडन नदी का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है।

प्रदेश के सिंचाई व लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने भी अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के निर्देश विभाग को दिए थे। उनका फरमान मिलते ही सिंचाई और प्राधिकरण दोनों ही अवैध निर्माण हटाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। मगर तब से अब तक फरमान पर अमल नहीं हो पाया है। पिछले मंगलवार को ओएसडी योगेंद्र यादव ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंताओं के साथ बैठक कर अवैध निर्माण हटाने के लिए रणनीति बनाई। मंगलवार को तहसील दिवस होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हो सके। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा और नोएडा प्राधिकरण के अफसर हर हफ्ते इस बयान को जारी कर देते हैं पर इसे अभी तक अमली जामा नहीं पहनाया गया है। देखना है कि इस पर ऊंट किस करवट बैठता है।

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