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दिल्ली जलबोर्ड दावे और हकीकत
Posted on 02 Jun, 2014 11:14 AM हर साल बनाए जाते हैं समर प्लान, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है झुग्गी-झोपड़ी हो या पॉश कॉलोनियां, गर्मियों में होते हैं पानी के लिए परेशान
भारत में सांस्कृतिक मनोरंजन की परिदशा
Posted on 02 Jun, 2014 10:34 AM

समाज में वैचारिक प्रदूषण इस कदर बढ़ता जा रहा है जिसकी परिकल्पना कर पाना मुश्किल हो गया है। शिक्

पर्यावरण-प्रदूषण और हमारा दायित्व
Posted on 02 Jun, 2014 10:05 AM भोपाल गैस कांड से प्रभावित मनुष्यों की 20-25 वर्ष तक होने वाली संता
सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में मप्र और छत्तीसगढ़ के शहर
Posted on 01 Jun, 2014 03:49 PM डब्ल्यूएचओ के जारी किए गए ताजा आंकड़ों में दिल्ली को दुनिया का सबसे
जल प्रबंधन के लिए जल बोर्ड के उड़नदस्ते हुए सक्रिय
Posted on 01 Jun, 2014 01:00 PM विज्ञप्ति के मुताबिक इन प्रयासों से दिल्ली जल बोर्ड की कार्यशैली मे
वर्तमान में छिपा है भविष्य
Posted on 01 Jun, 2014 10:55 AM

5 जून पर्यावरण दिवस पर विशेष


कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा फिर भी मानव ने न चेताजब अंतिम वृक्ष काट दिया गया होगा
जब आखिरी नदी विषैली हो चुकी होगी
जब अंतिम मछली पकड़ी जा चुकी होगी
तभी तुम्हें अहसास होगा
कि पैसे खाए नहीं जा सकते

मनरेगा में रोग
Posted on 31 May, 2014 12:25 PM गरीब बेरोजगारों को सौ दिन की न्यूनतम रोजगार योजना छलावा साबित हो रही है। नीति निर्माण और क्रियान्वयन में खामियों से भरी इस योजना को सबसे बड़ा झटका भ्रष्टाचार ने दिया है। क्यों और कैसे यह कार्यक्रम अपने लक्ष्य से भटका, इसकी पड़ताल कर रहे हैं मनोज राय।

रोजगार गारंटी योजना के संदर्भ में इसे गड्ढा खोदने के उदाहरण के जरिए समझा जा सकता है। इस काम में हर लाभार्थी के लिए एक निश्चित आकार का गड्ढा खोदना अनिवार्य कर दिया जाता है। इसमें महिलाओं और पुरुषों को एक समान लक्ष्य दिया जाता है। जाहिर है कि महिलाओं और पुरुषों की शारीरिक कार्य-क्षमता अलग-अलग होती है। इसलिए एक निश्चित समयावधि में जितना काम एक पुरुष कर पाएगा उतना कार्य एक महिला के लिए करना मुश्किल है। इस वजह से महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम मजदूरी मिल रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिसे संक्षेप में मनरेगा के नाम से जाना जाता है, गरीब जनता के साथ छलावा साबित हो रही है। बारीकी से देखने पर साफ हो जाता है कि सौ दिन के न्यूनतम रोजगार का कार्यक्रम सौ दिन के अधिकतम रोजगार योजना में बदल गया है। अफसरशाही और भ्रष्टाचार जैसे बिमारियां इस योजना में पलीता लगा चुकी हैं। हो सकता है केंद्र में आने वाली राजग सरकार इस योजना में कोई सुधार करे, बदले या खत्म ही कर दे। लेकिन यूपीए-दो की इस योजना की कमियां सामने आ चुकी हैं।

मनमोहन सरकार के कृषि मंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल समूह की अनुशंसा पर मनरेगा में कार्य अवधि की संख्या बढ़ाकर सौ से डेढ़ सौ दिन किया गया था, लेकिन यहां भी गड़बड़ी की गई। प्रचार ऐसे किया गया जैसे यह व्यवस्था पूरे देश के लिए हो, जबकि यह प्रावधान सिर्फ आदिवासी और प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलने वाले इलाकों के लिए हुआ।
Narega
बर्फीली वादियों के वैज्ञानिक ग्लेशियोलॉजिस्ट
Posted on 30 May, 2014 12:38 PM ग्लेशियोलॉजिस्ट बर्फ, पानी, पत्थर के टुकड़ों के ढेर आदि से मिलकर बने ग्लेशियर्स का अध्ययन करते हैं। पर्यावरण में हो रहे बदलावों के कारण ग्लेशियर्स के बढ़ते-घटते आकार पर नजर रखना इनका काम होता है। विज्ञान में बारहवीं, फिजिक्स या मैथ्स में बीएससी या एमएससी इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाने में आपकी मदद करेगी।
मानसून की पहेली
Posted on 25 May, 2014 12:22 PM भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी कर दी है कि भारत में सन् 2014 में औ
कितनी शुभ नदी जोड़
Posted on 25 May, 2014 10:43 AM

लाभ के दावे

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