दिल्ली जलबोर्ड दावे और हकीकत

हर साल बनाए जाते हैं समर प्लान, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है झुग्गी-झोपड़ी हो या पॉश कॉलोनियां, गर्मियों में होते हैं पानी के लिए परेशान

दिल्ली जल बोर्डगर्मी ने अभी ठीक से पांव भी नहीं पसारे की दिल्ली का गला सूख गया है। एक ओर इस प्यास को कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने अपने समर प्लान 2014 को रिलीज कर दिया तो वहीं जल बोर्ड ने हर बार की तरह इस बार भी अपने प्लान में तथ्यों और सूचनाओं के दम पर ही दिल्ली की प्यास को कम करने की कोशिश कर रहा है।

लेकिन अगर ग्राउंड की रियल्टी कुछ और ही है। गर्मी के इस शुरूआती दौर में में ही दिल्ली जल बोर्ड के पसीने छूटने लगे हैं। दिल्ली की बस्तियों की तो छोड़ ही दीजिए के पॉश इलाके की भी स्थिति कुछ खास नहीं है। लोग पानी-पानी करते नजर आ रहे हैं। लोगों को यह कहते सुना जा सकता है कि काश पानी समय पर आ जाए तो काम बने।

दिल्ली जल बोर्ड ने अपर्याप्त पानी की सुविधा वाले क्षेत्रों में अपने समर प्लान 2014 में विशेष ध्यान देने की बात की है। उसने इन क्षेत्रों में पर्याप्त टैंकर की सुविधा हर हाल में पहुंचाने की बात करता है।

लेकिन लोगों को न तो समय पर टैंकर से पानी उपलब्ध हो पाता है और अगर आ भी जाता है तो स्थिति होती है ऊंट के मुंह में जीरा।

लोग अपनी पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए बाजार में बिक रही पानी की जार पर निर्भर होने लगें हैं। एक ओर तो दिल्ली जल बोर्ड अपने समर प्लानर में स्वच्छ और शुद्ध पानी के लिए 12 वाटर लेबोरेटरी होने की बात करता है। वहीं जगह-जगह लीकेज पाइप लाइन इन दावों को खोखला करते नजर आ रहे हैं। आम लोग अमूमन कभी गंदे पानी तो कभी पानी से आती बदबू से दो-चार होते रहते हैं।

दिल्ली जल बोर्ड की नाकामी के कारण भूजल स्तर में कमी


दिल्ली के कुछ इलाकों में तो लोग अपनी रोज की पानी की जरूरतों की पूर्ती के लिए बोरबेल पर निर्भर होने लगे हैं। दिल्ली जल बोर्ड की नाकामी के कारण अब यह भी शिकायत आने लगी है कि बोरबेल से पानी काफी धीरे-धीरे आता है। दक्षिण दिल्ली स्थित किशनगढ़ इलाके के अनुराग ने बातचीत में बताया कि अब बोरबेल भी काफी धीरे-धीरे पानी खिंचता है। कारण पूछने पर उन्होंने जवाब दिया कि साहब अब जमीन में भी पानी कहां है।

गौरतलब है कि दिल्ली में बोरबेल से पानी लेना गैरकानूनी है। इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड ने एक अलग से फार्म की व्यवस्था की है जिसमें की यह जानकारी भरनी होती है कि अगर आपने बोरवेल लगाया है तो क्यों लगाया है। क्या यह व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए है या इसके लगाने का उद्देश्य किसी व्यापारिक लाभ के लिए किया जाता है? इन सब बातों के परे अगर आम लोगों की माने तो अगर उन्हें जल बोर्ड समय पर पानी नहीं दे पाता है तो वे जाए तो जाए कहां?

दिल्ली जल बोर्ड का 2014 समर प्लान


1. वाटर टैंक की संख्या में इजाफा
2. इस साल 23 अतिरिक्त टैंकर हाइड्रेंट्स की सुविधा
3. कवर्ड टैंकर्स की संख्या बढ़ाने की कोशिश
4. पानी की बेहतर पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए डबल फीडर की व्यवस्था
5. आम जन तक स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए 12 वाटर टेस्टिंग लेबोरेटरी की व्यवस्था
6. चंद्रावल तथा भागीरथी वाटर पंप लगभग ठीक कर लिया गया है। जिससे कि गर्मियों के मौसम में पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित हो
7. पानी की कमी वाले इलाके में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 162 अतिरिक्त ट्यूबवेल का पिछले साल निर्माण
8. पानी की बेहतर उपलब्धता के लिए पिछली साल 250 किमी पाईप लाइन बदला गया और 300 ज्यादा वाटर लिकेज को ठीक किया गया।

दिल्ली जल बोर्ड ने आम जनहित में कुछ टेलीफ़ोन नंबर जारी किए हैं। जिसकी मदद से टैंकर या पानी के सप्लाइ के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए टलीफोन नंबर


अशोक विहार

27304656/27306089

चंद्रावल

23814338/23810930

गिरि नगर

26473720/26449877

ग्रेटर कैलाश

29234746/29234747

होलंबी कलान

27700789/27700474

ईदगाह

23537397/23677129

जल सदन

29824550/29819035

जनक पुरी

28525659/28524334

केवल पार्क

27677877/27670576

आर के पुरम

26100644/26193244

 



ऐसे इलाके जहां गर्मी में पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा पानी की समस्याएं देखी गईं

क्षेत्र

2012

2013

पश्चिम बिहार/नागलोई

17875

31256

छतरपुर

5090

20423

मंडावली

1519

3769

पंजाबी बाग

968

1326

केवल पार्क

222

289

 



दिल्ली जल बोर्ड हमेशा यह दावा करता रहा है कि उसके पास पानी से जुड़ी शिकायतों में कमी आ रही है। लेकिन आम आवाम की सुने तो उनका हाल-ए-बयान कुछ और ही है। लोगों का कहना है कि एक तो हमें इन नम्बरों की जानकारी नहीं होती और होती भी है तो टेलीफ़ोन लगता कहां। और खुदा खास्ते लग भी जाए तो बाबू लोग ठीक से जवाब तक नहीं देते।

पेयजल की कमी की मार को दोगुनी करती पानी की बढ़ी कीमतें


एक ओर तो पानी की कमी तो दूसरी ओर इसके कीमतों में बढ़ोतरी। आम जनता पर एक साथ दो दो मार। जनवरी के माह में हुई बढ़ोतरी ने लोगों को परेशान कर दिया था। आम आदमी की सरकार के लिए गए फैसले के दिन अब खत्म हुए जिसमें की 700 लीटर तक पानी का इस्तेमाल मुफ्त होगा।

दिल्ली जल बोर्ड ने यह साफ कर दिया है कि अब किसी भी प्रकार की कोई मुफ्त पानी नहीं दी जाएगी। अब हर पानी की कीमत चुकानी पड़ेगी। इस फैसले से किसी पर मार पड़े या ना पड़े लेकिन दिल्ली का मध्यवर्ग तो खासा प्रभावित होगा।

दिल्ली जल बोर्ड के ताजा निर्देश के बाद अब पानी के बिल में 10 प्रतिशत ज्यादा चार्ज देना होगा साथ ही अगर आप के बगल से सीवर गुजर रहा है तो उसका मेंटेनेंश चार्ज, जो कि 60 प्रतिशत है बिल में साथ जुड़कर आएगा। मतलब जो बिल पहले अगर 700 आता था अब 770 आएगा। इस अतिरिक्त भार से आम घरेलू जीवन निश्चित ही प्रभावित होगा।

पानी की दरें


यूनिट

रेट प्रति यूनिट

सर चार्ज

 

नया

पुराना

नया

पुराना

0-10

2.66

2.42

66.55

60.50

10-20

3.99

6.63

131.1

121.00

20-30

19.97

18.15

199.65

181.50

30 से ज्यादा

33.28

30.25

266.62

242.00

 



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