Posted on 01 Jan, 2016 10:17 AMगंगा को निर्मल और अविरल बनाने का अभियान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एजेंडे में प्राथमिकता की दृष्टि से सर्वोपरि है। कारण गंगा सफाई के तीन दशक बाद भी गंगा जस-की-तस है। असलियत तो यह है कि गंगा पहले से और मैली हुई है और उसकी शुद्धि के लिये किये जाने वाले दावे-दर-दावे बेमानी साबित हुए हैं।
Posted on 31 Dec, 2015 01:27 PM प्राचीन काल में (3150 ईसा पूर्व) महाराज युधिष्ठिर ने देवर्षि नारद से प्रश्न किया कि क्या हमारे राज्य में कृषक सुखी एवं समृद्ध हैं? क्या उनके जलाशय जल से परिपूर्ण हैं? तथा, क्या हमारे राज्य में कृषि वर्षा पर पूर्ण रूपेण आश्रित तो नहीं है?
Posted on 31 Dec, 2015 11:48 AM देश की महत्त्वपूर्ण सम्पदाओं में जल संसाधन एक प्रमुख घटक है। देश के सतही जल एवं भूजल संसाधन कृषि, जलविद्युत उत्पादन, पशुधन उत्पादन औद्योगिक गतिविधियों, वन, मत्स्यपालन, नौकायान, मनोरंजक गतिविधियों इत्यादि के क्षेत्र में मुख्य भूमिका निभाते हैं। राष्ट्रीय जल नीति (2002) के अनुसार तंत्रों की योजना एवं प्रचालन में जल वितरण की प्राथमिकताएँ मुख्यतः इस प्रकार हैंः (1) पेयजल, (2) सिंचाई, (3) जलवि
Posted on 29 Dec, 2015 03:50 PM अनुपम सौगात है वर्षाजल जो बरसकर दौड़ रहा द्रुत गति से उसे किसी भाँति अंकुश लगा चलना सिखा दें। जहाँ पानी चल रहा हो उसे प्रयास कर धीमी गति से रेंगना सिखा दें। और जहाँ देखें रेंगता हुआ उसे घेर-पकड़ कर धरती मैया की कोख में पहुँचा दें। ताकि जरूरत पड़ने पर निकाल सके जल संचित यही है जल संरक्षण का बेमिसाल उपाय।
Posted on 29 Dec, 2015 03:42 PM जल पर जीवन निर्भर करता, जल नहीं तो मन है डरता। है आधार यह कई काम का, निपटाता काम यह सुबह-शाम का। कपड़े धोना, नहाना, पीना, इससे तर रहता है सीना। इस पर टिकी हुई है खेती, जल से धरती फसल है देती। पैदा नहीं होता जब पड़ता सूखा, मानव तब रहता है भूखा। जल संचय से होता मंगल, हरे-भरे रहते हैं जंगल। पैदा होते हैं फल-फूल,