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किसानों को लूटा, मिल मालिक हुए मालामाल
Posted on 21 Dec, 2015 03:58 PMधान की खरीद और मिलिंग आदि में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला हुआ है। इसका खुलासा नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 17,985.49 करोड़ रुपए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में दिए हैं। लेकिन सरकार के पास इस बात के सबूत नहीं हैं कि मिल मालिकों या राज्य सरकारों की एजेंसियों या भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने किसानों को ठीक-
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भारत की जल प्रबन्धन आवश्यकताओं से निपटने के लिये भारत यूरोपीय जल मंच
Posted on 21 Dec, 2015 03:51 PMभारत में विभिन्न क्षेत्रों की बढ़ती हुई और प्रतिस्पर्धात्मक माँग के कारण दिन-प्रतिदिन जल प्रबन्धन कठिन होता जा रहा है। हालांकि आज़ादी के बाद से ही भारत ने जल संसाधनों के विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रयास किये हैं, लेकिन- ‘हमारा प्रयास ज्यादातर परियोजनाओं पर केन्द्रित रहा है जिससे पारिस्थितिकीय और प्रदूषण सम्बन्धी पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया जा सका।
इसके फलस्वरूप जल का अत्यधिक प्रयोग हुआ, जल प्रदूषण फैला और विभिन्न क्षेत्रों के बीच अमर्यादित प्रतिस्पर्धा बढ़ी। इसलिये जल के समुचित आवंटन, माँग के प्रबन्धन और उसके उपयोग के लिये प्रभावकारी उपाय किया जाना बहुत जरूरी है।’
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री प्रोफेसर सांवर लाल जाट ने नई दिल्ली में भारतीय यूरोपीय जल मंच की पहली बैठक का उद्घाटन करते हुए इसे स्वीकार किया।
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जल-भूजल : अनोखे गुण एवं भविष्य की चुनौतियाँ
Posted on 21 Dec, 2015 02:00 PMभूजल का संरक्षण न करने अथवा उसके स्रोतों से अज्ञानतापूर्वक छेड़-छाडमहंगी पड़ सकती है खेती-किसानी से बेपरवाही
Posted on 20 Dec, 2015 12:35 PMइन दिनों देश में बाहर की कम्पनियों को कारखाने लगाने के लिये न्योतने का दौर चल रहा है। जबकि देश की बहुसंख्यक आबादी के जीवकोपार्जन के जरिए पर सभी मौन हैं। तेजी से विस्तार पर रहे शहरी मध्य वर्ग, कारपोरेट और आम लोगों के जनमानस को प्रभावित करने वाले मीडिया खेती-किसानी के मसले में लगभग अनभिज्ञ है।![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Agriculture_7_6.jpg?itok=pNnNZn9M)
पेरिस में सबके लिये कुछ न कुछ
Posted on 20 Dec, 2015 11:52 AMभारत को इस बात के लिये चिंतित होना चाहिए कि वह किस तरह अपने
भारत का नुकसान और फायदा
Posted on 20 Dec, 2015 10:40 AMभारत के लिये यह अनिवार्यता अब दोहरी है। पहला, हमें यह सुनिश्चित करनपेरिस सम्मेलन की सफलता दुनिया के लिये उम्मीद की किरण
Posted on 20 Dec, 2015 10:29 AMजब जलवायु परिवर्तन समझौते में कार्बन उत्सर्जन कटौती पर सभी देशों म![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/climate%20change_8_7.jpg?itok=87kfrGzK)