डाॅ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी

डाॅ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
जल संचय
Posted on 29 Dec, 2015 03:42 PM

जल पर जीवन निर्भर करता,
जल नहीं तो मन है डरता।
है आधार यह कई काम का,
निपटाता काम यह सुबह-शाम का।
कपड़े धोना, नहाना, पीना,
इससे तर रहता है सीना।
इस पर टिकी हुई है खेती,
जल से धरती फसल है देती।
पैदा नहीं होता जब पड़ता सूखा,
मानव तब रहता है भूखा।
जल संचय से होता मंगल,
हरे-भरे रहते हैं जंगल।
पैदा होते हैं फल-फूल,
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