Posted on 22 Aug, 2009 09:17 AMभारत के सभी बड़े बाँधों का रिकॉर्ड रखने वाला यह नेशनल डैम रजिस्टर, भारत में स्थित सभी 5100 बड़े बाँधों का डाटा समाये हुए है। यह रजिस्टर जनवरी 2009 तक कार्य पूर्ण हो चुके 4710 बाँधों तथा निर्माणाधीन 390 बाँधों का समस्त डाटा रखता है।
Posted on 18 Aug, 2009 01:22 PM नदी की प्रकृति है उसका प्रवाह। निरंतर बहते रहना ही नदी में जीवन का संचार करता है। नदी का अस्तित्व इस प्रवाह से ही है। नदी के किनारे एकाग्रचित्त होकर बैठिए और कल-कल बहते पानी को निहारिए। आपको लगेगा मानो वह कोई संदेश दे रहा है। जैसे नदी निरंतर बहती रहती है, आगे बढ़ती रहती है; वैसे ही जीवन में भी प्रवाह बना रहना चाहिए। जीवन थककर या हारकर रुकने में नहीं है; बल्कि निरंतर आगे बढ़ते रहने में है।
Posted on 14 Aug, 2009 07:27 PMनयी दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि देश में वर्ष 2009 का सूखा इस सदी का सबसे भयानक सूखा है. ऐसा सूखा पिछले सौ सालों में नहीं पड़ा है.
मानसून में देरी के चलते पूरे देश में 20 फ़ीसदी बुआई कम हई है. देश के एक चौथाई जिलों में कम वर्षा के कारण सूखे की आशंका है.
Posted on 01 Aug, 2009 12:33 PMजब मैं केन्द्रीय भूजल बोर्ड का अध्यक्ष रहा उस समय CGWB ने यमुना के इन जलजनित क्षेत्र का विस्तृत अध्ययन किया था और उसके अनुसार इन मैदानों का रक्षण क
Posted on 01 Aug, 2009 09:59 AMरिवर्स ऑफ द वर्ल्ड फाऊंडेशन, वाटर कम्युनिटि इंडिया, गान्धी स्मारक निधि, पट्टी कल्याणा और लोक सेवक मण्डल (दिल्ली) द्वारा एक त्रि-दिवसीय आवासीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण एवं नदियों के तेजी से गिरते जलस्तर तथा उसके दुष्परिणाम पर बातचीत होगी।
Posted on 29 Jul, 2009 08:32 AMनई दिल्ली July 10, 2009/ सूखा मापने के मौसम विभाग के पैमाने को देखें तो धान की खेती के लिहाज से देश के तीन प्रमुख राज्य भयंकर सूखे की चपेट में आ चुके हैं।
Posted on 26 Jul, 2009 07:51 PMकिसी भी देश के आर्थिक विकास में जीवनदायी जल की महत्ता अंतर्निहित है। हालांकि विकास दर के सूचकांक को नापे जाते वक्त पानी के महत्व को दरकिनार रखते हुए किसी भी देश की औद्योगिक प्रगति को औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक (IIP) से नापा जाता है। इनकी पराश्रित सहभागिता आर्थिक विकास की वृध्दि दर दर्शाती है। 2006-2007 में भारत की विकास दर ने 9.6 तक की उंचाइयां छुईं थीं और सकल घरेलू उत्पाद एक टिलियन डॉलर तक पहुच