Posted on 25 Jun, 2010 02:55 PMधरती में पाई जाने वाली ”जैव विविधता” अनमोल सम्पदा है। इस सम्पदा के बारे में अधिकांश लोग परिचित नहीं हैं। जैव विविधता में प्रकृति का अनुपम सौंदर्य समाया हुआ है। वहीं जैव विविधता को संरक्षित कर हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए हुए हैं। जैव विविधता का आर्थिक महत्व भी है, जो आज हो रहे जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक विकास के कारण खत्म हो रही है।
जैव विविधता वर्ष 2010
जैविक विविधता से आशय जगत में विविध प्रकार के लोगों के साथ, इस जीव परिमंडल में भी भौगोलिक रचना के अनुसार अलग-अलग नैसर्गिक भूरचना, वर्षा, तापमान एवं जलवायु के कारण जैव विविधता, वनस्पति एवं प्राणी सृष्टि में प्राप्य है। मानवता के लिए अनिवार्य वर्ष 2010 को दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण
Posted on 23 Jun, 2010 12:44 PMजल स्रोतों के अध्ययन हेतु आवश्यकता इस बात की है, कि ग्राम स्तर पर जल स्रोत के प्रकार, उनकी उपलब्धता एवं गुणवत्ता के बारे में जानकारी इकट्ठी की जाए तथा उस आधार पर जल प्रबन्धन व्यवस्था तैयार की जाए। जल संसाधनों के अध्ययन का सबसे अच्छा तरीका सहभागी ग्रामीण समीक्षा (पी.आर.ए.) विधि है, जिसके द्वारा ग्रामीण खुद अपने क्षेत्र विशेष की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, तथा उसके विश्लेषण के आधार पर भविष्
Posted on 23 Jun, 2010 12:25 PMप्रस्तावना शौचालयों से ट्यूबवेल, हैण्ड पम्प, उथले कुएं (कम गहराई के कुआं) आदि जल-स्रोतों का संदूषण एक चिन्ताजनक मुद्दा है। जिस पर सामान्यतया कम ध्यान दिया जाता है। जलापूर्ति, स्वच्छता कार्यक्रम के क्रियान्वयन में संलग्न संस्थायें इसका आंकलन अविवेकपूर्ण ढंग से करती है और यह पूर्व अनुमानित कर लिया जाता है कि इस स्थिति से स्वास्थ्य के लिए खतरा प्रायः कम रहता है।