Posted on 24 Apr, 2015 12:02 PMदिल्ली में आम आदमी पार्टी की किसान रैली में गजेन्द्र सिंह नामक किसान द्वारा खुदकुशी करना व्यवस्था के खिलाफ शहीद भगत सिंह के असेम्बली बम काण्ड से कम नहीं है। गजेन्द्र ने दिल्ली में खुदकुशी करते हुए सुसाइड नोट में कम शब्दों में अपनी जिस बेचारगी और लाचारी का जिक्र किया है, वह सिहरन पैदा करने वाला है। किसानों के नाम पर की जा रही राजनीति से हमारे राजनेताओं को कुछ तो शर्म आनी चाहिए। देखना यह होगा कि गजे
Posted on 23 Apr, 2015 09:13 AMभारत में करीब साढ़े पाँच लाख गाँव हैं। इनमें देश की 68 फीसदी आबादी रहती है। ग्रामीण भारत में करीब 67 फीसदी किसान-मजदूर हैं। जाहिर है, इतनी बड़ी आबादी के खुशहाल हुए बिना देश का विकास सम्भव नहीं है। हकीकत यह है कि गरीब किसान-मजदूर आज भी बदहाल है। आजादी के कई दशक बीत जाने पर भी इस बहुसंख्यक आबादी का कोई पुरसाहाल नहीं है। आँकड़े और हालात चीख-चीखकर इस बात की गवाही देते हैं।