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भारत
दक्षिण बिहार भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र
Posted on 02 Apr, 2024 03:14 PMदक्षिण बिहार की बनावट और चौहद्दी
दक्षिण बिहार मिश्रित भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र है। इसके दक्षिण भाग में झारखंड का पठार है। इनसे निकलने वाली नदियों का अंत दक्षिण बिहार के मैदानों में या गंगा में होता है। गंगा से दक्षिण की ओर अधिकतम 110 कि.मी. के लगभग पहुँचते ही पठारी क्षेत्र आ जाता है। कई स्थानों पर यह दूरी 50 कि.मी. से भी कम है।
![दक्षिण बिहार की भौगोलिक संरचना](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/dakshin%20bihar.jpeg?itok=uVYjOrlV)
अध्याय एक आहर-पइन शंका समाधान
Posted on 02 Apr, 2024 02:11 PMआहर-पइन पर चर्चा करने के पहले जरूरी है कि इसके बारे में बनी गलत धारणाओं एवं सच्चाई से भी रूबरू हुआ जाय। इसलिये मैं शुरू में ही कुछ ऐसी बातें कर रहा हूँ ताकि अगर मन में कोई दुविधा या शंका हो तो मिट जाये। आदमी के मन में शंका हो तो पहले उसका समाधान करना जरूरी होता है। किसानों के मन में उभरे सवालों एवं शंकाओं का समाधान जरूरी है। तभी महसूस होगा कि यह काम करना सही है और जरूरी भी, और फलाँ बात बेतुकी त
![अध्याय एक आहर-पइन शंका समाधान](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/Springs%20and%20rivers.jpeg?itok=gTQGmj4I)
हिमालय : भारतीय उप महाद्वीप के जल चक्र का नियामक
Posted on 01 Apr, 2024 11:30 AMहिमालय का संबंध केवल भारत से ही नहीं है। इससे निकलने और बहने वाली नदियां केवल भारतीय भूभाग में ही नहीं बहतीं बल्कि एशिया महाद्वीप के कई देशों में बहती हैं।भारतीय उपमहाद्वीप की अति विशिष्ट पारिस्थितिकी की कुंजी हिमालय का भूगोल है लेकिन पिछले दो सौ बरसों में हिमालय के बारे में हमारे अज्ञान का निरंतर विस्तार हुआ है। हिमालय जितना पराया फिरंगियों के लिए था, आज हमारे लिए उससे भी अधिक पराया हो गया है।
![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/Him.jpeg?itok=emsN0aUJ)
गंगा की पवित्रता और नदियों की मृत्यु
Posted on 28 Mar, 2024 11:08 AMगंगा किसी एक अकेली नदी का नाम नहीं है। गंगा नाम से कई नदियां मिलेंगी। राम गंगा, बाण गंगा तो हैं ही अन्य नदियों को भी लोग गंगा के नाम से पुकारते हैं, जैसे- गया की फल्गु को गंगा कहा जाता है। जब गंगा की पवित्रता की बात हो रही हो तो समझना चाहिए कि इस अर्थ की व्यापकता समस्त पवित्र जल तक जायेगी, जिसका नेतृत्व हिमालय की गंगा करती है।
![गंगा की पवित्रता और नदियों की मृत्यु](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-03/Gng-2.jpeg?itok=5aaQwxuh)
जल दर्शन एवं विज्ञान
Posted on 27 Mar, 2024 05:37 PMपृथ्वी पर रहने वाले प्राणी मात्र में चार हिस्सा जल और शेष पांचवा हिस्सा अन्य सभी तत्त्वों का होता है। आधुनिक जीव विज्ञान (Zoology) के अनुसार भी प्राणी मात्र में 78 प्रतिशत पानी होता है। उसमें एक प्रतिशत भी घटे तो जीवन के लिए संकट खड़ा हो जाता है। पानी चैतन्य का भी प्रतीक है। मनुष्य शरीर के जिन अवयवों में जल नहीं होता, जैसे-लोम, केश, नाखून आदि निर्जीव सामग्री हैं, इन्हें काटने से किसी पीड़ा का अ
![जल दर्शन एवं विज्ञान](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-03/OIG2.L.jpeg?itok=pf80YsCC)
भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति
Posted on 27 Mar, 2024 03:25 PMजम्बूद्वीप स्थित हिंदुस्तान का एक नाम भारत वर्ष है। भारत वर्ष एक समुचित अर्थपूर्ण मुहावरा है। भारत का अर्थ है- भरत (यानी शकुंतला और दुष्यन्त के पुत्र) से संबंधित, 'वर्ष' बहु अर्थीय शब्द है। वर्ष वर्षा को भी कहते हैं और धरती के भू-भाग को भी कहते हैं। वर्ष उस कालावधि को भी कहते हैं, जिसमें पृथ्वी सूर्य की निर्धारित परिक्रमा को पूरा करती है। भारत वर्ष के मुहावरे में वर्ष के ये तीनों अर्थ समाहित है
![भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-03/Jal%20surksha.jpeg?itok=dn_TpItK)
तीर्थ स्थानों का मूल स्थम्ब है जल
Posted on 27 Mar, 2024 12:33 PMतीर्थ विज्ञान
'तीर्थ' तीन कारणों से पवित्र माने जाते हैं, जैसे- स्थल की कुछ आश्चर्यजनक प्राकृतिक विशेषताओं के कारण, या किसी जलीय स्थल की अनोखी रमणीयता के कारण, या किसी तपः पूत ऋषि या मुनि के वहां स्नान करने, तप साधना करने आदि के लिए वास के कारण।
![पंचमहाभूतों के संतुलन से ही है जीवनचक्र](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-03/OIG4%20%286%29.jpeg?itok=is5EpDd0)
आहर-पइन एवं गोआम ही क्यों?
Posted on 26 Mar, 2024 03:20 PMआहर-पइन आधारित खेती पर दक्षिण बिहार के अधिकांश गाँव निर्भर हैं। गैर-नहरी क्षेत्रों में तो आहर-पइन से खेतों की सिंचाई होती ही है, कोयल, सकरी, सोन, दुर्गावती आदि नदियों से निकाली गई नहरों के इलाकों में भी आहर-पइन से सिंचाई हो रही है। आहर-पइन वाले इलाकों के किसान निर्भर तो इसी पर हैं पर सपना अभी भी नहरों का देख रहे हैं।
![आहर-पइन सिंचाई प्रणाली](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-03/OIG2%20%284%29.jpeg?itok=VymT7dKj)
गंगा की तर्ज पर देश की छह विशाल नदियों का होगा कायाकल्प
Posted on 26 Mar, 2024 12:39 PMगंगा की तर्ज पर देश की छह विशाल नदियों का कायाकल्प होगा। छह नदियों के बेसिन प्रबंधन की जिम्मेदारी 12 तकनीकी शिक्षण संस्थाओं को सौपी गई है। इस संबंध में आज एक समारोह में अनुबंध पत्र हस्तांतरित किए गए।
![गंगा की तर्ज पर देश की छह विशाल नदियों का होगा कायाकल्प](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-03/Ganga%20river.jpeg?itok=bRRlvdL-)