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भारत
जल संसाधन परियोजनाएं और पर्यावरण पर उनका प्रभाव
Posted on 21 Jul, 2024 08:21 AMविश्व की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होने के साथ-साथ भारतवर्ष विश्व में तेजी से बढ़ती हुई तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। लगातार होने वाले विकास एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव है और जल संसाधन भी इससे अछूते नहीं हैं क्योंकि हमारे देश में आनुपातिक रूप में जल की उपलब्धता अत्यंत बेमेल है। इस कारण हमें भारत में जल संसाधन की विभिन्न परियोजनाओं की महती आव
![बड़े बांध](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/large-dams-harikund-dams.jpg?itok=KBFdf8uU)
धरती जलती भट्टी बनती जाए!
Posted on 18 Jul, 2024 10:55 AMइस वर्ष प्रचंड गर्मी से देश का बड़ा हिस्सा झुलसता रहा। दिन में चिलचिलाती धूप के साथ लू के थपेड़ों ने आम लोगों की मुश्किलें पहले ही बढ़ा रखी थीं, गर्मी का मौसम बढ़ने के साथ रातें भी बुरी तरह से तपने लगीं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 1651 के बाद इस साल सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी है। इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े क्षेत्र में देखने को मिला। आंकड़ों से भी पुष्टि हुई कि इस साल की प्
![ग्लोबल वार्मिंग (फोटो साभार : सुनंदो रॉय, फ़्लिकर कॉमन्स)](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/global-warming-sunando_roy.jpg?itok=gu8euRKH)
सवाल सिर्फ जल की उपलब्धता का नहीं निर्मलता का भी है
Posted on 16 Jul, 2024 01:24 PMइस वर्ष पूरी गर्मी में देश के अलग-अलग हिस्सों हिस्सों से जल संकट के भयावह दृश्य देखने को मिले। देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आईटी कैपिटल बेंगलुरु तक जल के लिए त्राहि-त्राहि मचती दिखी।
![जल की उपलब्धता का ही नहीं निर्मलता भी जरूरी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/water-queality-Article.jpg?itok=YqRcfBTl)
सरकार और समाज के समन्वय से सफल होगी अमृत सरोवर योजना
Posted on 16 Jul, 2024 01:07 PMकेंद्र सरकार ने 24 अप्रैल 2022 को अमृत सरोवर योजना को प्रारम्भ किया। स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने अर्थात अमृतकाल में प्रस्तुत इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जनपद में 75 अमृत सरोवर का निर्माण होना था। इस सरोवर का न्यूनतम क्षेत्रफल 1 एकड़ का रखा गया, जिसकी जल धारण क्षमता कम से कम 10 हजार घनमीटर हो। इस सरोवरों की परिधि पर नीम, पीपल, बरगद जैसे पर्यावरण अनुकूल वृक्ष भी लगाए जाएं, योजना में ऐसा भी उ
![प्रतिकात्मक तस्वीर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/Amrit-sarovar-yojana.jpg?itok=8MftjL9T)
बढ़ते शहर से भी बढ़ रही है बाढ़
Posted on 12 Jul, 2024 09:18 AM■ शहरों में हल्की बारिश भी होती है तो शहरों में जलभराव की समस्या का सामना क्यों करना पड़ जाता है?
देश के बड़े और छोटे शहरों में कोई बेहतर जल प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों में इससे एक तो हम पानी का संरक्षण नहीं कर पाते हैं, दूसरा जलभराव और बाढ़ की समस्या खड़ी रहती है। जमीनी हकीकत तो यह है कि इस पर कोई ध्यान नहीं है कि पानी का संरक्षण कहां और कैसे किया जाए। दिल्ली की ही बा
![शहरी बाढ़](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/IMG-20240712-WA0028.jpg?itok=yZyUixFF)
जीवन को बचाना है तो जीवनशैली बदलिए
Posted on 08 Jul, 2024 09:18 AMपरिवर्तन संसार का अपरिवर्तनीय नियम है। सर्दी, गर्मी और बरसात समय अनुसार आते ही रहते हैं। मनुष्य अपने जीवन जीने की सभी तैयारियां कर लेता है। गर्मी से बचने के लिए सबसे सामान्य उपाय में फ्रिज और एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों का प्रयोग देश में क्या, पूरे विश्व में दिल खोलकर लगभग सभी वर्गों द्वारा किया जाता है। हालांकि फ्रिज और एसी से क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैसों का उत्सर्जन होता है जो ओजोन परत को बहुत ज्याद
![प्रतिकात्मक तस्वीर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/climate-change-drought.jpg?itok=tjjpSnFJ)
क्लाइमेट इमरजेंसी : गर बर्फ पिघलती जाए…
Posted on 29 Jun, 2024 04:14 PMजिन वजहों से क्लाइमेट इमरजेंसी के हालात पैदा हुए हैं, उनमें से एक है ग्लोबल वॉर्मिंग के असर से ग्लेशियरों और ध्रुवीय इलाकों की बर्फ का पिघलना। हाल ही के वर्षों में वहां बर्फ इतनी तेजी से पिघलने लगी है कि जिसे देखकर डर लगता है। डर की वजह यह है कि इन इलाकों की एक सेंटीमीटर बर्फ पिघलने का असर 60 लाख लोगों पर पड़ता है। इसका अभिप्राय यह है कि इस तरह 60 लाख नए लोग डूब क्षेत्र की जद में आ जाते हैं। इस
![ग्लेशियर का अस्तित्व खतरे में](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-06/glacier_climate-emrgency.png?itok=R9DQ59WX)
क्लाइमेट इमरजेंसी हंगामा है क्यों बरपा
Posted on 29 Jun, 2024 03:45 PMप्राकृतिक (क्लाइमेट) इमरजेंसी या आपातकाल की बात कोई कपोल कल्पना नहीं है। बल्कि नवंबर, 2019 में विज्ञान के एक अंतर्राष्ट्रीय जर्नल-बायोसाइंस द्वारा भारत समेत दुनिया के 153 देशों के 11,258 वैज्ञानिकों के बीच एक शोध अध्ययन कराया, जिसका नतीजा यह है कि पिछले 40 वर्षों में ग्रीनहाउस गैसों के अबाध उत्सर्जन और आबादी बढ़ने के साथ-साथ पृथ्वी के संसाधनों के अतिशय दोहन, जंगलों के कटने की रफ्तार बढ़ने, ग्ले
![जलवायु परिवर्तन आपातकाल के विरोध में प्रदर्शन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-06/protest-climate-change.jpg?itok=zuPOnYMT)
भारत में आर्द्रभूमि क्षेत्रों की स्थिति, पुनरुद्धार एवं पुनर्स्थापन
Posted on 19 Jun, 2024 06:58 AMपृथ्वी पर स्थित भूमि का वह क्षेत्र जहां भू-जल स्तर सामान्यतः या तो भूमि-सतह के बराबर होता है.
![भारत में आर्द्रभूमियाँ](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-06/wetland-scenic.jpg?itok=z1cK7beJ)