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नैनीताल में यातायात और पर्यावरणीय समस्याएँ  
जाने नैनीताल में यातायात और पर्यावरणीय समस्याएँ के बारे में   Posted on 07 Mar, 2024 03:32 PM

1915 में काठगोदाम-नैनीताल मोटर सड़क बनकर तैयार हो गई थी। लेफ्टिनेंट राइडर ने जिला इंजीनियर होल्मस के निर्देशन में इस सड़क का निर्माण कार्य सम्पन्न कराया। उस दौर में इस सड़क की वार्षिक मरम्मत में 29 हजार रुपये खर्च किए जाते थे। अब नैनीताल में गाडियां आने लगी थी। ताँगा अब यातायात का मुख्य साधन नहीं रह गया था। ताँगे को जल्दी ही टा-टा कह दिया गया। बेबरी से कार्ट रोड द्वारा कुलियों के सामान ढोने पर

नैनीताल में यातायात और पर्यावरणीय समस्याएँ  
सर्दियों में लगातार दूसरे साल गर्मी का एहसास, बन रही है पानी की चिंता अब खास
जानिए तापमान में वृद्धि क्यों बढ़ा रही है जलापूर्ति की चिंता | Know why increase in temperature is increasing the concern about water supply
Posted on 05 Mar, 2024 11:17 AM

भारत लगातार दूसरे साल गर्म सर्दियों से जूझ रहा है, जिससे देश की जल आपूर्ति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. क्लाइमेट ट्रेंड्स की एक हालिया रिपोर्ट स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते सर्दी के सीज़न में बारिश कम हुई है, जिससे कुल वर्षा की मात्रा में भारी कमी हुई है. वर्षा की यह कमी पानी की कमी और पर्यावरणीय स्थिरता के बारे में मौजूदा चिंताओं को बढ़ा रही है.

गर्मी का एहसास बढ़ा रही पानी की चिंता
प्राकृतिक प्रवाह की पुनर्रचना गंगा पर अंतर्मंत्रालयी समूह की अनुशंसाओं की एक समीक्षा  
जानिए गंगा पर प्राकृतिक प्रवाह की पुनर्रचना के बारे में Posted on 01 Mar, 2024 01:43 PM

अप्रैल 2013 में, योजना आयोग के सदस्य भी के चतुर्वेदी की अध्यक्षता में अंतर्मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में, आठ महीनों तक 25 प्रतिशत तथा चार महीनों के दौरान 30 प्रतिशत प्राकृतिक प्रवाष्ठ की संस्तुति की गई। यह प्रस्ताव वर्तमान परिस्थितियों से एक सुनिश्चित प्रगति है, जहां जल-ऊर्जा प्रॉजेक्टों के डिजाइन में प्राकृतिक प्रवाह के रूप में, 10 प्रति

प्राकृतिक प्रवाह की पुनर्रचना गंगा पर अंतर्मंत्रालयी समूह की अनुशंसाओं की एक समीक्षा  
गंगा नदी : प्रदूषण के क्या समाधान हैं, हमें क्या करना होगा
जाने गंगा नदी में प्रदूषण के क्या समाधान हैं, और हमें ऐसा क्या करना होगा Posted on 28 Feb, 2024 04:42 PM

इसका जवाब है घुलाव (डायल्युशन) और प्राकृतिक प्रवाह (इकोलोजिकल फ्लो)। इसका जवाब यह भी है कि जलमल का प्रबंधन कैसे किया जाए। और उद्यौगिक प्रदूषण का नियंत्रण कैसे हो

गंगा नदी : प्रदूषण के क्या समाधान हैं, हमें क्या करना होगा
गंगा नदी : औद्योगिक प्रदूषण की समस्याएं और समाधान
जाने बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण की समस्याओं से निटपने के लिए यह समाधान कितने कारगर है Posted on 28 Feb, 2024 03:53 PM

मुख्य गंगा में औद्योगिक प्रदूषण का छोड़ा जाना हमेशा से चिंता और तवज्जो का मुद्दा रहा है, किंतु बिना अधिक सफलता के समस्या यह है कि बहुत से उद्योग जो गंगा में हानिकारक रासायनिक प्रदूषक तत्व प्रवाहित करते हैं, लघु-स्तरीय हैं, और उनके लिए ट्रीटमेंट की तकनीक नाकाफी तथा अवहनीय है।

औद्योगिक प्रदूषण की समस्याएं और समाधान
गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कार्य योजना
जानिए गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कौन कौन सी कार्य योजना है Posted on 28 Feb, 2024 01:31 PM

गंगाः नदी का प्रवाह

पांच राज्यों से होकर बहने वाली गंगा के प्रवाह क्षेत्र में देश का लगभग 26 प्रतिशत भूभाग आता है। इसकी सफाई पर अकूत धन खर्च करने के बावजूद यह नदी आज भी प्रदूषित है। इससे भी बुरी बात यह है कि प्रदूषण अब उन हिस्सों में भी पाया जा रहा है जो पहले साफ माने जाते थे।

गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कार्य योजना
विकसित भारत के लिए भंडारण अवसंरचना के साथ सतत खाद्य प्रणालियों को आकार देना जरूरी
जाने विकसित भारत के लिए एक अनुकूल भंडारण अवसंरचना खाद्य प्रणालियों को आकार देना क्यों जरूरी हो गया है Posted on 24 Feb, 2024 02:07 PM

एक अनुकूल भंडारण अवसंरचना कृषि खाद्य प्रणालियों की निरंतरता की कुंजी है जिससे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास लक्ष्यों के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होगी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र-विकसित भारत बनने की राह पर है। अनुमान है कि 2047 तक भारत की जनसंख्या 1.64 बिलियन होगी, जिसमें से लगभग 0.82 बिलियन

विकसित भारत के लिए भंडारण अवसंरचना के साथ सतत खाद्य प्रणालियों को आकार देना जरूरी
साम्राज्यवाद और प्राकृतिक संसाधन
दुनिया के ज़्यादातर विकसित देश, अनेकानेक प्राथमिक संसाधनों और उत्पादों के लिए, जिनमें खनिज संसाधन तथा कृषि उत्पाद, दोनों ही आते हैं, अपने से "बाहर की दुनिया" (अधिकतर आज की दुनिया के गरीब देशों पर बहुत ही ज़्यादा निर्भर बने हुए हैं। Posted on 24 Feb, 2024 12:42 PM

इस दुनिया में विभिन्न देशों के बीच, उनके 'विकास' के स्तर और उनके पास प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी के स्तर के बीच, बहुत भारी असंतुलन है। सबसे विकसित देशों के समूह, जी-7 को ही ले लीजिए जिसमें अमेरिका, यूके, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान तथा कनाडा शामिल हैं। इस ग्रुप में दुनिया की कुल आबादी का सिर्फ 10 फीसद हिस्सा रहता है, लेकिन 2020 में दुनिया भर की कुल संपदा का आधे से ज्यादा हिस्सा, इसी ग्रुप के

साम्राज्यवाद और प्राकृतिक संसाधन
खुलाखत : जहाँगीराबाद (बुलन्दशहर) के मोहल्ला आहनग्रान पथवारी आश्रम के तालाब का सौंदर्यीकरण 
नगर के मोहल्ला आहनग्रान पथवारी आश्रम के पास स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण करवाने के संदर्भ में। Posted on 23 Feb, 2024 04:58 PM

सेवा में,

श्रीमान नगर अधिशासी अधिकारी महोदय, नगर पालिका परिषद, जहाँगीराबाद (बुलन्दशहर)

विषयः- नगर के मोहल्ला आहनग्रान पथवारी आश्रम के पास स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण करवाने के संदर्भ में।

महोदय,

तालाब का सौंदर्यीकरण 
पानी की खराब गुणवत्ता की करें शिकायत
इस ब्लॉग में जानिए कि कैसे आप पानी की खराब गुणवत्ता की शिकायत जल जीवन मिशन के डैश बोर्ड में जाकर सिटिजन कार्नर पर कर सकते हैं और विवरण के साथ खराब जल की जानकारी देते हुए अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं Posted on 22 Feb, 2024 01:04 PM

जलजीवन मिशन के डैशबोर्ड में जोड़ा गया नया टूल, जल प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही तय होगी

15 अगस्त 2019 को लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य 19 करोड़ ग्रामीण घरों को वर्ष 2024 तक, अब बढ़ाकर के 2026 तक नल से जल उपलब्ध कराना है। जिसमें कोई छूट न जाए, की नीति के साथ नवीनतम तकनीक का उपयोग भी शामिल होगा

जल जीवन मिशन
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