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ब्रह्मपुत्र नदी का जल प्रवाह किस दिशा में जाएगा?
Posted on 27 Jul, 2011 03:14 PM

भारत और चीन के बीच संबंधों में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इस नए विवाद का कारण यह है कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर एक नए बांध का निर्माण करने की योजना बनाई है ताकि चीन के उत्तर-पश्चिम में शिंजियांग और तिब्बत के शुष्क क्षेत्रों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके। अगर चीन इस बांध का निर्माण करेगा तो ज़ाहिर है, कि इस महानदी का जल प्रवाह धीमा पड़ जाएगा जिसके परिणामस्वरूप भारत के पूर्वोत्तर र

ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध परियोजना पर विवाद
ऋतु परिवर्तन क्या है?
Posted on 26 Jul, 2011 12:10 PM

कल्पना करें कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान आप पिकनिक के लिए जा रहे हैं। आप यह सोच कर ही पसीने-पसीने हो जाते हैं। और यह भी सोच कर कि आपके माता-पिता ने बचपन में इससे बेहतर और कुछ नहीं चाहा होता। सच, पिछले कुछ दशकों के दौरान हुआ ऋतु परिवर्तन वाकई विस्मयकारी है।

बारिश, बाढ़ और लोग
Posted on 26 Jul, 2011 08:31 AM

वर्षा ठेठ हिंदुस्तानी ॠतु है, जिसका इंतज़ार साल भर रहता है लेकिन अब यह एक कठोर ॠतु में बदल गयी है जिसमें साधारण जन पानी से लड़ते हुए ज़िंदगी की राह बनाते हैं। पावस ठेठ हिंदुस्तानी ॠतु है। एक ऐसा मौसम, जिसका इंतजार देश के किसानों से लेकर खेतों और पक्षियों तक को रहता है। प्राचीन साहित्य हो या लोक संस्कृति, जितनी रचनाएं वर्षा पर केंद्रित हैं, उतनी किसी और ॠतु पर नहीं। यहां तक कि वसंत जैसी फूलों की

बाढ़ की वजह से नाव पर स्कूल जाते बच्चे
धरती का उत्सव है बारिश
Posted on 25 Jul, 2011 03:32 PM

मछलियों के लिए भी पोखर में पर्याप्त पानी होगा। जल्द ही वह चकत्तेदार फोर्कटेल चिड़िया यहां लौट आ

परमाणु बिजली न सस्ती है,न सुरक्षित,न स्वच्छ
Posted on 25 Jul, 2011 02:58 PM

परमाणु बिजली कत्तई सस्ती नहीं है । पूँजी का फँसे रहना, परमाणु – ईंधन प्रसंस्करण, परमाणु – कचरे का निपटारा, समग्र बिजली घर की ‘उमर बीत जाने’ पर उसकी कब्र का खर्चा इत्यादि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तथा आनुषंगिक सभी खर्चों का हिसाब करने पर परमाणु बिजली अत्यन्त मंहगी पड़ती है। आज कुल बिजली का 3% परमाणु उर्जा से मिलता है । पिछले दो तीन सालों में बाजार में यूरेनियम की कीमत सात डॉलर प्रति पाउन्ड से बढ़कर

प्रकृति का रोमांच है बरखा
Posted on 25 Jul, 2011 11:04 AM मानसून शब्द भारत के बाहर से आया हुआ लगता है। बाहर से आया हो या देशज हो, ध्यान में आते ही बादलों की गड़गड़ाहट और मूसलाधार बारिश का दृश्य और आवाज मन पर छा जाती है। भारतीय साहित्य मेघ और वर्षा से भरा है। घोर ग्रीष्म-ताप के बाद वर्षा आती है।
धान रोपने की तैयारी में जुटा कृषक
जापान में तबाही: परमाणु ऊर्जा पर सवाल
Posted on 25 Jul, 2011 10:58 AM

जापान के सेन्दाइ प्रांत में आई सुनामी से हुई तबाही को हम ठीक से स्वीकार भी नहीं कर पाए थे कि परमाणु बिजली-केन्द्रों के धराशायी होने की अकल्पनीय खबर आनी शुरु हो गई है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उत्तर-पूर्वी जापान के तीन अणु ऊर्जा केन्द्रों – फ़ुकुशिमा, ओनागावा और तोकाई में कुल छह अणु-भट्ठियों में गम्भीर हादसों की खबर आ चुकी है। इनमें सबसे ज़्यादा तबाही फ़ुकुशिमा में हुई है जहाँ कुल दस रिएक्टर

सुरक्षित-ऊर्ज़ा तथा पर्य़ावरण
Posted on 23 Jul, 2011 04:15 PM

ग्लोबल-वार्मिंग(विश्विक-भूताप) की गंभीर चुऩौती का सामऩा करऩे के लिय़े भारत- ऊर्ज़ा के वैकल्पिक

आपदा प्रबंधन: अनुभवों से कुछ नहीं सीखा
Posted on 22 Jul, 2011 03:06 PM

एक अरब की आबादी वाला देश, जिसकी विज्ञान-तकनीक, स्वास्थ्य, शिक्षा और सेना के मामले में दुनिया मे

Disaster management
रावतभाटा परमाणु संयंत्र: सुरक्षा के प्रति लापरवाही
Posted on 21 Jul, 2011 03:54 PM

रावतभाटा परमाणु संयंत्र देश का दूसरा परमाणु विद्युत संयंत्र है। इसके चार दशक से अधिक के इतिहास

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