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अपनी नदियों से हमारा नाता
Posted on 18 May, 2015 12:56 PM गंगा और दूसरी नदियाँ मात्र पानी से भरी नदियाँ नहीं हैं। ये हमारी संस्कृति का प्रतीक हैं। भारतीय जनमानस की स्वच्छता और निर्मलता का प्रतीक हैं। लेकिन आज ये प्रतीक मानवीय लोभ के कारण दूषित होते जा रहे हैं। अगर हमें अपनी संस्कृति की रक्षा करनी है तो गंगा सहित अपनी तमाम नदियों को बचाना होगा।
नदी तुम बहती जाओ
Posted on 18 May, 2015 11:47 AM

प्रकृति और नदियों के प्रति हम अपने कर्तव्यबोध से च्युत हुए हैं। संकट चौतरफा है। हमें विकास चाहि

वैदिक-पौराणिक चिन्तन का गंगा तत्त्व
Posted on 16 May, 2015 03:24 PM ‘वह ध्रुव-रूपी शैल शिखर से उतरती है। दुग्ध की तरह श्वेत धवल है। पूरी सृष्टि में वह व्याप्त है। उसका शब्द (अट्टहास) बहुत ही भयंकर है। वह अन्तरिक्ष में समुद्र की तरह विशाल झील का निर्माण करती है। उसे धारण करने में पर्वतगण समर्थ नहीं। महादेव ने उसे एक लाख वर्ष से धारण कर रखा है। वह पवित्रतम और पुण्यदायिनी है। उसके स्पर्श मात्र से सारे पापों से मुक्ति मिल जात
करे हाहाकार नि:शब्द सदा
Posted on 16 May, 2015 12:33 PM

राजनीतिक कारणों से कलकत्ता और हावड़ा की आर्थिक स्थितियाँ बदलने लगीं। इसी प्रकार धीरे-धीरे गंगा

दामोदर नदी नहीं हो प्रदूषित
Posted on 16 May, 2015 10:16 AM

भारत सरकार के कोयला एवं ऊर्जा मन्त्री पीयूष गोयल ने दामोदर वैली कारपोरेशन तथा कोल इण्डिया की कम्पनियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि तीन माह के भीतर वे सुनिश्चित करें कि उनकी गतिविधियों से दामोदर नदी एवं इसकी सहायक नदियों का प्रदूषण नहीं होगा। उन्होंने आदेश दिया कि छाई और स्लरी युक्त पानी की एक बूँद भी दामोदर में नहीं गिरे बल्कि इसे बन्द परिपथ में रखकर इसका विविध उपयोग किया जाये।

केन्द्रीय मन्त्री ने कहा कि 3 माह बाद वे केन्द्रीय उपक्रमों द्वारा दामोदर नदी को प्रदूषण से बचाने के लिये किये गए उपायों की समीक्षा करेंगे। उन्होने आदेश दिया कि इस बीच होने वाली प्रगति से कम्पनियाँ उन्हें और झारखण्ड सरकार के मन्त्री सरयू राय को अवगत कराती रहेंगी। केन्द्रीय मन्त्री ने दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के विषय पर एक बैठक नई दिल्ली के श्रमशक्ति भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में की।

meeting on Damodar river
काशी के ये गंगा रक्षक
Posted on 15 May, 2015 04:16 PM

गंगा नदी के पश्चिमी तट पर रियत काशी या कहें वाराणसी विश्व के प्राचीनतम नगरों में से एक माना जात

उखड़ती साँसें
Posted on 14 May, 2015 03:20 PM

संसाधनों को शहरों तक सीमित रखने की चिन्ता को छोड़ कर अगर छोटे कस्बों और गाँवों में विकास किया

गंगा तट पर कुम्भ पर्व
Posted on 12 May, 2015 03:52 PM विश्व के सबसे बड़े कुम्भ मेले भारत के चार स्थानों पर आयोजित होते हैं। इनमें से गंगा तट पर बसे हरिद्वार और प्रयाग का अधिक महत्त्व माना जाता है। गंगा तट पर कुम्भ के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व को रेखांकित करती एक रिपोर्ट-
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