बिहार

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गुणवत्तायुक्त लीची का जैविक उत्पादन
Posted on 10 Jul, 2017 12:29 PM
पर्यावरण के प्रति जागरुकता में उत्तरोत्तर वृद्धि, घरेलू उपभोक्ता के स्वास्थ्य का ध्यान एवं विश्व बाजार में जैविक खाद्य पदार्थों की बढ़ती माँग के मद्देनजर जैविक (कार्बनिक) खेती वर्तमान में काफी प्रासंगिक हो गयी है। रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग से उत्पादन तो बढ़ता है, परन्तु इससे पर्यावरण, मिट्टी, जल एवं जलवायु प्रदूषित होती है तथा कृषि जन
केंचुए गोबर को खाद के रूप में परिवर्तित करते
बिहार में टिकाऊ और स्थायी चौर मात्स्यिकी के लिये समूह दृष्टिकोण
Posted on 07 Jul, 2017 01:12 PM
जलग्रस्त या चौर क्षेत्रों और बाढ़कृत क्षेत्रों में कई किसानों
बरैला चौर में सफलतापूर्वक पेन कल्चर - बिहार में एक अनुभव
Posted on 07 Jul, 2017 12:48 PM

प्रौद्योगिकी प्रसार की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दुलौर के मछुआरों को समूह बनाने के

चौर में मत्स्य प्रबन्धन
Posted on 07 Jul, 2017 10:59 AM
बिहार में अगस्त से सितम्बर महीने तक बाढ़ की सम्भावना रहती है इ
बाढ़ मुक्ति अभियान दरभंगा गोष्ठी की कार्यवाही की रपट 5-6 अप्रैल 2000
Posted on 03 Jul, 2017 09:31 AM Proceedings of the Darbhanga Meeting 5th and 6th April 2000
उत्तर बिहार की बाढ़ समस्या और उसका समाधान गोष्ठी में हम आप सभी का स्वागत करते हैं। दरभंगा में इस तरह का कार्यक्रम करने की हमलोगों की बहुत दिनों से इच्छा थी और हमें प्रसन्नता है कि यह कार्यक्रम आज हो रहा है।
Bihar flood
अनिल प्रकाश : जो गंगा को जमींदारी से मुक्त कराने के आंदोलन में घी बने
Posted on 24 Jun, 2017 12:45 PM


बागमती नदी पर बाँध बनाने के खिलाफ हाल ही में हजारों लोग सड़कों पर उतर आये थे। इसके विरोध में बड़ा आंदोलन हुआ और बिहार सरकार को मजबूर होकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनानी पड़ी, जो बाँध बनने से होने वाले नफा-नुकसान का आकलन करेगी।

Anil prakash
Consultative Meeting on the Report of the World Commission on Dams (WCD) Social Development Centre, Ranchi
Posted on 19 Jun, 2017 01:11 PM
(7th and 8th August 2001)

1st Session


Chair : Shri Harivansh, Chief Editor Prabhat Khabar, Ranchi
Convenor : Ms. Pushpa Martin (Gumla)
Chief Guest : Shri Inder Singh Namdhari
Hon. Speaker, Jharkhand Vidhan Sabha
एक इंजीनियर, जो नदियों का होकर रह गया : दिनेश कुमार मिश्रा
Posted on 11 Jun, 2017 10:56 AM


5 सितम्बर 1984 को सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड में हेमपुर गाँव के पास कोसी नदी का तटबंध टूटा था और कोसी ने 196 गाँवों को अपनी आगोश में ले लिया था। करीब 5 लाख लोग तटबंध के बचे हुए हिस्से पर शरण लिये हुए थे। दूर तक पानी और सिर्फ पानी ही दिख रहा था। पूरे क्षेत्र में त्राहिमाम मचा हुआ था।

उसी वक्त एक 38 वर्षीय इंजीनियर के पास संदेश आता है कि सहरसा में कुछ समस्याएँ हैं और उसे वहाँ जाकर काम करना है। संदेश देनेवाले शख्स थे एक दूसरे इंजीनियर विकास भाई जो वाराणसी में रहा करते थे और 1966 में सर्वोदय कार्यकर्ता हो गये थे।

Dinesh Mishra
कूच बिहार में ओडीएफ वॉररूम की जीत की रणनीति
Posted on 10 Jun, 2017 01:45 PM
जैसाकि नाम से ही पता चलता है, कूच बिहार में ओडीएफ वॉर रूम वह स्थान है, जहाँ राज्य प्रशासन खुले में शौच के विरुद्ध अपने अभियान की योजना बनाता है और रणनीतियाँ तैयार करता है। प्रत्येक ब्लाॅक तथा जिला मुख्यालय में प्रतिदिन शाम 4 बजे से 5:30 बजे तक खुलने वाली इकाई में कई कर्मचारी होते हैं, जो नियमित अपडेट एवं प्रतिक्रिया हासिल करने के लिये क्षेत्र में का
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