सुनीता नारायण

सुनीता नारायण
सहज चलना सीखें
Posted on 25 Aug, 2010 01:05 PM
देश में जहां भी कहीं उद्योग के लिए जमीन ली जा रही है या जल-संसाधनों का दोहन किया जा रहा है, वहां के किसान, गांव वाले जान तक देने पर उतारू हैं। कई ऐसी घटनाएं घट चुकी है जहां आंदोलनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयां की गईं। कई लोग घायल हो चुके हैं, आंदोलकारियों के मन में निराशा है। स्थिति इस दिशा की ओर बढ़ चली है कि आज लाखों लोगों का राज्य शासन से और राजकर्ताओं से भरोसा उठ चला है।सिक्किम में पन-बिजली की ग्यारह योजनाओं पर काम चल रहा था। लेकिन लोगों के विरोध के आगे झुकते हुए सरकार ने इन सब पर काम रोक दिया है। इसी तरह अरुणाचल प्रदेश में भी बन रहे बांधों के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। पिछले दिनों उत्तराखंड में गंगा पर बनाई जा रही दो जल विद्युत परियोजनाओं को भी स्थगित कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में तो बांध इतने बदनाम हो चुके हैं कि वहां पिछले विधान सभा चुनाव में पहली बार प्रत्याशियों को ये वादे करने पड़े कि वे जीत गए तो इन बांधों को नहीं बनने देंगे। इस तरह वहां सचमुच इन्हीं वादों के बल पर चुनाव जीता गया।

देश के और भी कई
क्या हो हमारा ई-कचरा प्रबंधन मॉडल
Posted on 28 May, 2010 08:28 AM

भारत को क्या दुनिया भर में बढ़ते कबाड़ और जहरीले कचरे के ढेर का आयात करना चाहिए और उसे पुन:चक्रित कर इस्तेमाल में लाना चाहिए? क्या यह हमारे लिए एक कारोबारी संभावना के रूप में उभर सकता है? क्या इस अवसर का फायदा उठाना चाहिए क्योंकि धनी देशों को इलेक्ट्रॉनिक से लेकर चिकित्सा उत्पादों तक के कचरे का निस्तारण करने के लिए सस्ते और प्रभावी साधन की जरूरत है?
जल प्रदूषण के खिलाफ किसानों ने कमर कसी
Posted on 13 Nov, 2009 10:58 AM
कुछ साल पहले मैंने राजस्थान के टेक्सटाइल नगर पाली के बारे में लिखा था, जिसकी मौसमी नदी बांदी का पानी औद्योगिक कचरे के कारण पूरी तरह विषैला हो गया है। प्रदूषण के कारण खेती बर्बाद हो गयी थी। किसानों ने हंगामा किया था। और पानी प्रदूषण के खिलाफ पाली के किसानों ने कमर कसी हुई है, वे सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ रहे हैं। तब मैंने कहा था कि असली मुद्दा प्रदूषण नहीं, बल्कि किसानों का गुस्सा है जो तरल क
जल प्रदूषण
कहां है हमारी ग्रीन पार्टी
Posted on 26 Apr, 2009 01:07 PM

सुनीता नारायण
आज बेंगलुरु सूखा, कल दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई . .
जानिए क्या कारण है, बेंगलुरु जलसंकट का। क्यों आज यह बेंगलुरु की जलसंकट कहानी है, कल आपके शहर की होने वाली है।  
Posted on 26 Apr, 2024 12:24 PM

कुछ साल पहले जब हम बेंगलुरु में अपनी रिपोर्ट ‘एक्सरीटा मैटर्स’ का विमोचन कर रहे थे। उस वक्त मेरी शहर के पानी और सीवेज प्रबंधकों से एक उत्साही-रोचक चर्चा हुई। यह चर्चा शहर में जल प्रबंधन के बारे में थी। क्योंकि हमारे शोध से यह पता चला कि शहर में जल प्रबंधन और अवहनीय और अस्थिर था। हालांकि इस बात से अभियंता असहमत थे। उनके अनुसार भी लगभग 100 किलोमीटर दूर कावेरी से पाइप लाइनों के माध्यम से पानी पहुं

बेंगलुरु जलसंकट
प्राकृतिक प्रवाह की पुनर्रचना गंगा पर अंतर्मंत्रालयी समूह की अनुशंसाओं की एक समीक्षा  
जानिए गंगा पर प्राकृतिक प्रवाह की पुनर्रचना के बारे में
Posted on 01 Mar, 2024 01:43 PM

अप्रैल 2013 में, योजना आयोग के सदस्य भी के चतुर्वेदी की अध्यक्षता में अंतर्मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में, आठ महीनों तक 25 प्रतिशत तथा चार महीनों के दौरान 30 प्रतिशत प्राकृतिक प्रवाष्ठ की संस्तुति की गई। यह प्रस्ताव वर्तमान परिस्थितियों से एक सुनिश्चित प्रगति है, जहां जल-ऊर्जा प्रॉजेक्टों के डिजाइन में प्राकृतिक प्रवाह के रूप में, 10 प्रति

प्राकृतिक प्रवाह की पुनर्रचना गंगा पर अंतर्मंत्रालयी समूह की अनुशंसाओं की एक समीक्षा  
ऊपरी प्रवाह-क्षेत्र में गंगा का स्वरूप
जानिए ऊपरी प्रवाह-क्षेत्र में गंगा का स्वरूप पुनर्निर्मित होने के बजाए जलऊर्जा परियोजनाएं पुनर्निर्मित क्यों हो
Posted on 29 Feb, 2024 12:04 PM

बांधयुक्त और सूखी है गंगा यहाँ। क्या यहां प्राकृतिक प्रवाह की एक नीति होनी चाहिए, जो यह तय करे कि नदी का स्वरूप पुनर्निर्मित होने के बजाए जलऊर्जा परियोजनाएं पुनर्निर्मित हों? गंगा अपने ऊपरी प्रवाह क्षेत्र में (उत्तराखंड राज्य में), अभियांत्रिकी के खेल का मैदान बन गई है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) तथा उत्तराखंड बिजली विभाग ने नदी की जलऊर्जा संभावना का अनुमान लगभग 9,000 मेगावाट लगाया है

ऊपरी प्रवाह-क्षेत्र में गंगा का स्वरूप
गंगा नदी : प्रदूषण के क्या समाधान हैं, हमें क्या करना होगा
जाने गंगा नदी में प्रदूषण के क्या समाधान हैं, और हमें ऐसा क्या करना होगा
Posted on 28 Feb, 2024 04:42 PM

इसका जवाब है घुलाव (डायल्युशन) और प्राकृतिक प्रवाह (इकोलोजिकल फ्लो)। इसका जवाब यह भी है कि जलमल का प्रबंधन कैसे किया जाए। और उद्यौगिक प्रदूषण का नियंत्रण कैसे हो

गंगा नदी : प्रदूषण के क्या समाधान हैं, हमें क्या करना होगा
गंगा नदी : औद्योगिक प्रदूषण की समस्याएं और समाधान
जाने बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण की समस्याओं से निटपने के लिए यह समाधान कितने कारगर है
Posted on 28 Feb, 2024 03:53 PM

मुख्य गंगा में औद्योगिक प्रदूषण का छोड़ा जाना हमेशा से चिंता और तवज्जो का मुद्दा रहा है, किंतु बिना अधिक सफलता के समस्या यह है कि बहुत से उद्योग जो गंगा में हानिकारक रासायनिक प्रदूषक तत्व प्रवाहित करते हैं, लघु-स्तरीय हैं, और उनके लिए ट्रीटमेंट की तकनीक नाकाफी तथा अवहनीय है।

औद्योगिक प्रदूषण की समस्याएं और समाधान
गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कार्य योजना
जानिए गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कौन कौन सी कार्य योजना है
Posted on 28 Feb, 2024 01:31 PM

गंगाः नदी का प्रवाह

पांच राज्यों से होकर बहने वाली गंगा के प्रवाह क्षेत्र में देश का लगभग 26 प्रतिशत भूभाग आता है। इसकी सफाई पर अकूत धन खर्च करने के बावजूद यह नदी आज भी प्रदूषित है। इससे भी बुरी बात यह है कि प्रदूषण अब उन हिस्सों में भी पाया जा रहा है जो पहले साफ माने जाते थे।

गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कार्य योजना
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