सुनीता नारायण

सुनीता नारायण
पर्यावरण विज्ञान को चाहिए नई दृष्टि
Posted on 09 Feb, 2013 11:48 AM
अभी तक चल रहे विज्ञान को सामूहिक, प्रायोगिक और बिना किसी चुनौती के विश्लेषण की जरूरत है। बाहरी लोगों
आवश्यकता है राजनैतिक भूमंडलीकरण की
Posted on 09 Feb, 2013 11:37 AM
यह भी स्पष्ट है कि उभरते समृद्ध राष्ट्र चीन, भारत व अन्य पहले से ही उपलब्ध सीमित साधनों की सहायता से
बायोईंधन के भरोसे ही नहीं सुधरेगा पर्यावरण
Posted on 09 Feb, 2013 11:31 AM
यदि इस काम को अंजाम दिया गया, तो नए बायोईंधन काफी हद तक ग्रीन हाउस गैस को निकालने से रोकेंगे और बदलाव
क्या भारत और चीन नए खलनायक हैं
Posted on 08 Feb, 2013 03:04 PM
सवाल है कि लंदन, न्यूयार्क और दूसरे धनी देश क्यों वाहनों की बढ़ती
अमीर देशों के उत्सर्जन पर अंकुश जरूरी
Posted on 08 Feb, 2013 02:49 PM
भारत में अमीर लोगों ने पारिस्थितिकी का अपने हिस्से से ज्यादा इस्ते
जलवायु के बदलावों को स्वीकार करें
Posted on 08 Feb, 2013 11:33 AM
जब विज्ञान ने यह तथ्य स्थापित किया कि भूमंडलीय तापमान बढ़ रहा है
क्योटो के बाद का जीवन
Posted on 08 Feb, 2013 11:27 AM
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तीस वर्ष पहले ही ग्लोबल वार्मिंग पर बहस
विदेशी है संरक्षण का तरीका
Posted on 07 Feb, 2013 03:31 PM
अलबत्ता टाइगर टास्क फोर्स की रिपोर्ट का महत्व इस बात में है कि उसने गंभीरता से पहली बार वन्यप्राणी सं
मंदी के गुनहगार और खेवनहार
Posted on 06 Feb, 2013 04:02 PM
इस समझ को बदलना कि ख़ुशियाँ कैसे आती है और सबको रोज़गार कैसे मिल स
अमीर धरती पर गरीब लोग
Posted on 06 Feb, 2013 03:39 PM
आज एक तरफ खदानों, विद्युत या औद्योगिक परियोजनाओं के लिए जंगल साफ क
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