पंकज चतुर्वेदी

पंकज चतुर्वेदी
भारत के संरक्षित वन क्षेत्र
Posted on 01 Sep, 2015 04:19 PM

किसी देश की सम्पन्न्ता उसके निवासियों की भौतिक समृद्धि से अधिक वहाँ की जैव विविधता से आँकी जाती है। भारत में भले ही विकास के नाम पर बीते कुछ दशकों में हरियाली को अन्धाधुन्ध उजाड़ा गया हो, लेकिन हमारी वन सम्पदा दुनियाभर में अनूठी और विशिष्ठ है। वृक्ष हमारे ऐसे मित्र हैं जो जन्म से मृत्यृ तक हमें कुछ-न-कुछ देते रहते हैं। बच्चे के पालने से लेकर मरणोपरान्त चिता तक हम लकड़ी के लिये वृक्षों पर आश्रित

Reserve forests of India
हमारे पर्यावरण का भविष्यवक्ता
Posted on 23 Jul, 2015 11:22 AM

‘‘यदि हमारे गाँव ऐसे स्थान पर हैं जहाँ पर्यावरण व इंसान एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं तो शहर ऐसा स्थान है, जहाँ इंसान एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। शहर के साझा स्थानों को इस्तेमाल तो सभी करना चाहते हैं, उस पर अपना अधिक से अधिक अधिकार का दावा भी सभी करते हैं, लेकिन उस स्थान के रख-रखाव की ज़िम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं होता।’’ यह बात आज की नहीं है, सन 1988 की है, जब वैश्विकरण का हल्ला

Environment
पुस्तक विमर्श : हर एक पेड़ जरूरी होता है
Posted on 23 Jul, 2015 09:46 AM

‘‘यह वनस्थली खड़ी है विविध पुष्पचिन्हों से सज्ज्ति हरित साड़ी पहनकर अपने कोमल शरीर पर, अकारण अंकुरित पुलक से सिहरी पक्षियों के कलरव में बारम्बार कहलास करती हुई’’ (मलयालम के महान कवि जी.शंकर कुरूप के काव्य संग्रह ‘औटक्कुशल’ (बाँसुरी) की एक रचना)

Book cover
पर्यावरण के लिये खतरा है बोतलबन्द पानी
Posted on 18 Jun, 2015 04:08 PM
मसला था घर में नलों में आने वाले पानी की कीमतें बढ़ाने के फैसले के विरोध का, बड़े-बड़े नेता एकत्र हुए थे व उनका कहना था कि स्थानीय निकाय का यह कदम गरीब की कमर तोड़ देगा। उन सभी नेताओं के सामने प्लास्टिक की बोतलों में पानी रखा हुआ था, जिसके एक लीटर की कीमत होती है, कम-से-कम पन्द्रह रुपए।
bottled water
तालाब खत्म करने से प्यासा है बस्तर
Posted on 03 Jun, 2015 04:43 PM

बस्तर अंचल में रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए कल-कारखानों, खेती के नए तरीकों और पारम्परिक

dry pond
मथुरा कैसे झेल पाएगा ऐसे भूकम्प को
Posted on 23 May, 2015 11:28 AM

यदि मथुरा की पुरानी बस्ती को बचाना है तो सबसे पहले वहाँ हर तरीके के नए निमार्ण पर रोक लगनी चाहि

earthquake management
प्रदूषण ने लगाई पानी में आग
Posted on 23 May, 2015 10:45 AM

बेलंदूर की घटना बंगलूरू के लिए चेतावनी है कि यदि अब तालाबों पर अतिक्रमण व उनमें गन्दगी घोलना बं

bellandur lake caught fire
साँस लेना भी गुनाह लगता है
Posted on 08 May, 2015 11:06 AM
कुछ कार्यालयों की बन्दी का दिन शनिवार-रविवार की जगह अन्य दिन किया ज
Air pollution
तालाबों के सामुदायिक प्रबन्धन का पाठ पढ़ाते हैं ‘एरी’
Posted on 18 Apr, 2015 01:07 PM
कम वर्षा वृष्टि वाले क्षेत्रों जैसे कर्नाटक, आन्ध्र और तमिलनाडु के कई हिस्सों में परम्परागत एरी ने सिंचाई और पारिस्थितिकी तन्त्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बल्कि आज भी सिंचाई की एक तिहाई जरूरत एरी से पूरी होती है। हालांकि दक्षिण भारत सिंचाई में एरी का महत्त्व को आमतौर पर सभी स्वीकार करते हैं, लेकिन कतिपय आधुनिकतावादी इसे ‘पिछड़ी’, ‘अपरिष्कृत’ और उन्नति से बहुत दूर की प्रणाली मानते रहे हैं।
eri water structure
जमीन ना बचाई तो पैरों तले से खिसक जाएगी
Posted on 02 Apr, 2015 10:36 AM

पृथ्वी दिवस पर विशेष

earth day
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