पंकज चतुर्वेदी
यह तो जान लें कि उनकी जरूरत क्या है
Posted on 12 Dec, 2015 01:51 PMचालीस दिन से पानी में फँसे लेागों के लिये भोजन तो जरूरी है ही और उसचेन्नई बड़ी चेतावनी है
Posted on 12 Dec, 2015 12:45 PMचेन्नई व उसके आसपास के शहरी इलाकों की रिहायशी बस्तियों के जलमग्न होने का जो हाहाकर आज मचा है, असल में वहाँ ऐसे हालात बीते एक महीने से थे। यह सच है कि वहाँ झमाझम बारिश ने सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, लेकिन यह भी बड़ा सच है कि मद्रास शहर के पारम्परिक बुनावट और बसावट इस तरह की थी कि 15 मिमी तक पानी बरसने पर भी शहर की जल निधियों में ही पानी एकत्र होता और वे उफनते तो पानी समुद्र में चला जाता।
जल निधियों में कूड़ा भरने से डूब गया चेन्नई
Posted on 28 Nov, 2015 03:45 PMनवम्बर-2015 में जब दीपावली सिर पर थी और पूरे देश से मानसून विदा हो चुका था, भारत के दक्षिणी राज्यों के कुछ हिस्सों में उत्तर-पश्चिमी मानसून ने तबाही मचा दी। आटोमोबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स व चमड़ा उद्योग के लिये दुनिया भर में नाम कमाने वाला चेन्नई शहर पन्द्रह दिनों तक गहरे पानी में डूबा रहा है।
खेत को आस्था का विषय बनाएँ
Posted on 25 Nov, 2015 12:38 PMपिछले साल की तुलना में कोई तीन प्रतिशत कम, लगभग 85 लाख टन अनाज कम पैदा होगा। इस बीच मकान, कारखा
नीली मौत मरती मेघालय की नदियाँ
Posted on 24 Nov, 2015 09:43 AM जहाँ मेघों का डेरा है, वहाँ मेघ से बरसने वाली हर एक अमृत बूँदों को सहेज कर समाज तक पहुँचाने के लिये प्रकृति ने नदियों का जाल भी दिया है। कभी समाज के जीवन की रेखा कही जाने वाली मेघालय की नदियाँ अब मौत बाँट रही हैं। एक-एक कर नदियाँ लुप्त हो रही हैं, उनमें मिलने वाली मछलियाँ नदारत हैं और इलाके की बड़ी आबादी पेट के कैंसर का शिकार हो रही हैं।बाल दिवस, पर्यावरण और बच्चे
Posted on 13 Nov, 2015 02:24 PMबाल दिवस, 14 नवम्बर 2015 पर विशेष
हम बच्चे को अधिक-से-अधिक शिक्षा देकर जागरूक बना रहे हैं, बेहतर जिन्दगी जीने की सीख दे रहे हैं या फिर अच्छा पैसा कमाने के लिये तैयारी करवा रहे हैं।