शासन जल संरक्षण कर भूजल स्तर सुधारने के प्रयास में करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष खर्च कर रहा है। फिर भी मंशानुरूप सुधार नहीं हो रहा है। स्थिति सुधरनें के बजाय बिगड़ती जा रही है। इसके विपरीत तीन संस्थाओं ने हवेली मॉडल से जिले के तीन गांवों में सिंचाई की समस्या खत्म कर दी।
प्राचीन भारतीय साहित्य में वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि बादलों की उत्पत्ति, सूर्य और महासागर और पृथ्वी की सतह के बीच अंतःक्रिया, संघनन और वर्षा पर चर्चा की गई है। यह अध्याय प्राचीन भारत में वर्षा मापन के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकों पर भी प्रकाश डालता है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदी की खंड पीठ ने एनजीटी के 13 सितंबर 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यूपी राज्य को मुआवजे के रूप में 120 करोड़ रुपए जमा करने के एनजीटी के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है
ऋषिकेश- हरिद्वार में कई आश्रमों का सीवरेज आज भी नदियों में मिल रहा है। जबकि मैदानी क्षेत्र में अवैज्ञानिक तरीके से खनन किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियां ना सिर्फ प्रदूषित हो रही हैं बल्कि सूखती भी जा रही हैं।
Access to reliable, verifiable and consent enabled data in the water sector is crucial to connect the dots and derive meaningful inferences from it to use it for public good.
Can digital technologies aid in better decision making and management, governance and distribution of water equitably, transparently and sustainably at the local level? Experiences reveal that technology can often act as double edged sword.
Will it be possible to incentivise and nudge rural communities towards adopting water-smart attitudes and behaviours while getting access to investments and benefits?
केंद्र सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने और अनुकूल बनाने के लिए 2008 में 'जलवायु परिवर्तन कार्य योजना' शुरू की थी। समिति की रिपोर्ट में आगे खुलासा हुआ कि हरित भारत के राष्ट्रीय मिशन के तहत धन का उपयोग जिसका उद्देश्य भारत के वन क्षेत्र की रक्षा करना, पुनर्स्थापित करना और बढ़ाना है
हर साल 60 लाख से अधिक मौतें होती हैं। जो कुल आर्थिक लागत के अनुसार $8 ट्रिलियन डॉलर के बराबर और वैश्विक वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के 6.1 प्रतिशत से अधिक है। वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से कई बीमारियां पैदा होती हैं।
इस अन्याय को दूर करने के लिए जरूरी हैं संविधान से लेकर, कानून और नीतियों का अध्ययन तथा पालन भी। आज 1996 का “पेसा” कानून हो या वन सुरक्षा और वन अधिकार कानून तथा 2013 का भूअर्जन और पुनर्वास कानून,हर एक में अधोरेखांखित समुदायों के संसाधनों की रक्षा और अधिकार के साथ हानिपूर्ति के प्रावधानों का उल्लंघन सामने आ रहा है।