पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता
पर्यावरण के प्रति जागरूकता होगी. दुनिया भर समेत भारत में भी पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं. इसे संविधान के मौलिक कर्तव्य (भाग lVA अनुच्छेद 51A) में भी दर्ज किया गया है, जिसके तहत वनों, झीलों और नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के लिए दया करना शामिल है
पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता,फोटो क्रेडिट - चरखा फीचर
Urban wastewater scenario in India
This white paper reviews the current scenario of urban wastewater management in India, treatment and reuse solutions.
This is how wastewater is disposed in India (Image Source: Sangram Jadhav via Wikimedia Commons)
Conference spurs global dialogue on equitable climate, health, and open access to data
Addressing inter-sectoral challenges is essential to enhance the preparedness of health systems in managing risks associated with climate change
Climate change affects the social and environmental determinants of health (Image: PxHere, CC0 Public Domain)
मुफ्त फोन कॉल तथा इंटरनेट डाटा का समाज, स्वास्थ्य और संसाधनों पर विपरीत प्रभाव
वर्तमान में फोन और इंटरनेट का प्रयोग इतना अधिक हो गया है जो न सिर्फ हमारी जीवन शैली, स्वास्थ्य, पारिवारिक रिश्ते, सामुदायिक सामंजस्यता और संस्कारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। बल्कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों जैसे, जल, जमीन व पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
परेशानी का वेब
पृथ्वी हमारा परिवार बदलें नकारात्मक एवं आत्मघाती व्यवहार
पृथ्वी हमारा पर है, हमारी माँ है, हमारे जीवन का स्रोत है। यह हमें वह सब कुछ प्रदान करती है जिसकी हमें जरूरत है हवा, पानी, भोजन, आश्रय, सुंदरता, विविधता और बहुत कुछ लेकिन हम इन उपहारों के लिए आभारी नहीं हैं, बल्कि हम लालची, स्वार्थी और फिजूलखर्च हैं
पृथ्वी हमारा परिवार बदलें नकारात्मक एवं आत्मघाती व्यवहार,Pc-Iwp Flicker
गोमती के अस्तित्व के लिए अपरिहार्य अविरल निर्मल कुकरैल नदी
गोमती बेसिन के लखनऊ खंड में दाहिनी ओर मलीहाबाद परगना का कुछ भाग, बायीं ओर महोना परगना, लखनऊ तहसील का मध्य भाग और- मोहनलालगंज तहसील का उत्तर-पूर्वी भाग शामिल है। यह क्षेत्र अनेक झीलों और तालाबों से युक्त है। रेठ नदी  इस क्षेत्र में निकलती है और पूर्व दिशा में बाराबंकी जिले से होकर बहने के बाद अंततः गोमती के बाएं किनारे पर मिल जाती है।

गोमती के अस्तित्व के लिए अपरिहार्य अविरल निर्मल कुकरैलनदी,Pc-wikipedia
Study reveals the increasing cost of debt caused by climate change
Bridging the gap between climate science and real-world financial indicators
Human activities have been the main driver of climate change (Image: U3196787: Wikimedia Commons)
अथर्ववेदः पृथ्वीमाता, प्रकृति, पर्यावरण और जीवन
अथर्ववेद में जीवाणु विज्ञान का उल्लेख है। इसमें मानव काया रचना और चिकित्सा उपचार व औषधियों से सम्बन्धित सूचनाएँ प्राप्त होती है। आयुर्वेद के मूल उल्लेख, दूसरे शब्दों में आयुर्वेद की उत्पत्ति के कारण, अथर्ववेद भैषज्यवेद अथवा भिषग्वेद कहलाता है। ब्रह्मज्ञान अथर्ववेद का, जैसा कि उल्लेख किया है. एक श्रेष्ठ पक्ष है इसी के साथ 'आनन्द', जिसकी अन्तिम अवस्था परमानन्द है, जो स्वयं परमात्मा स्वरूप है. अथर्ववेद में अध्ययन व ज्ञान का एक मुख्य विषय है।
अथर्ववेदः पृथ्वीमाता, प्रकृति, पर्यावरण और जीवन,Pc-wikipedia
भारत के बड़े बैंक जलवायु संकट के लिए तैयार नहीं
थिंक टैंक क्लाइमेट रिस्क होराइजन्स के नए विश्लेषण के अनुसार भारत के प्रमुख बैंक जलवायु जोखिमों का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं।यह बात स्टिल अनप्रिपेयर्ड शीर्षक वाली रिपोर्ट 2022 के आकलन पर आधारित है।
भारत के बड़े बैंक जलवायु संकट के लिए तैयार नहीं,Pc-wikipedia
भारत के अर्ध शुष्क क्षेत्र दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में लवणीकरण एवं जलग्रसन
प्रकृतिक एवं मानवजनित कारणों से उत्पन्न लवणता एवं जलग्रसनता ने अर्ध शुष्क क्षेत्रों की अर्थ व्यवस्था एवं पर्यावरण को प्रभावित किया है, जिससे इन क्षेत्रों में भूजल संसाधनों की संवेदनशीलता में वृद्धि हुई है। इन प्रतिकूल प्रभावों को भूजल स्तर में सतत वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है
दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में लवणीकरण एक गंभीर समस्या,Pc-जल चेतना
मंगल पर मीथेन, पानी तथा अन्य खनिज पदार्थों की उपस्थिति
वैज्ञानिकों का कहना है कि मीथेन की प्राप्ति जैविक प्रक्रियाओं से अधिक तथा अजैविक प्रक्रियाओं से कम होती है। मीथेन का बहुत छोटा साभाग जमीन में दबे हुए या अपघटित पौधों के ऐसे अविलय हिस्सों से भी निकलता है जो केरोजन नामक पदार्थ में तब्दील हो जाते हैं, यही केरोजन जब उष्णता के कारण टूट जाते हैं तो मीथेन गैस पैदा करते हैं,
मंगल ग्रह पर पानी की उपस्थिति,PC-जल चेतना
तकनीक से हासिल निर्मल जल
खारे पानी को मीठे पानी में बदलने के लिए विलवणीकरण किया जाता है ताकि यह मानव खपत या सिंचाई के उपयुक्त बन सके। उन क्षेत्रों में जहां ताज़े पानी की उपलब्धता सीमित है, वहां सस्ते ढंग से ताजा पानी उपलब्ध कराने के लिए आजकल विलवणीकरण की प्रक्रिया पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
तकनीक से हासिल निर्मल जल,PC-Wikipedia
पानी की गुणवत्ता बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पुष्टि करता है कि सुरक्षित पानी एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकता है।
फील्ड टेस्ट किट (एफटीके), Pc-Wikipedia
पंजाब: भट्टला में महिलाओं ने संभाली जल प्रबंधन की बागडोर
जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद, ग्राम पंचायत ने ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) की स्थापना की। ग्राम सरपंच अंजू लाल ने एक ग्राम सभा बुलाई और हर घर जल कार्यक्रम के विवरण पर चर्चा की।
भट्टला गांव में महिलाओं ने संभाली जल प्रबंधन की बागडोर,PC-Wikipedia
राजस्थान : बाड़मेर के पांच गांव बने 'हर घर जल'
बाड़मेर राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला है जो पशु मेले के लिए प्रसिद्ध है और इसका थार त्योहार हर मार्च में मनाया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक शामिल होते हैं। बाड़मेर में गर्मियों के दौरान तापमान 51 डिग्री तक चला जाता है। अगस्त, 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा के समय जिले के 4 लाख से अधिक घरों में से केवल 21,469 घरों (5.28%) के पास नल का पानी था। आज 38 हजार (9.49% ) से अधिक परिवारों को नल के जरिए पीने योग्य पानी मिल रहा है। पिछले 23 महीनों में 17,110 परिवारों को नल कनेक्शन दिया गया है।
बाड़मेर के पांच गांव बने 'हर घर जल',फोटो क्रेडिट :-जल जीवन संवाद
जल जीवन मिशन से साकार हो रहा ग्राम स्वराज
पिछली केंद्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाएं, त्वरित ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम को भी योजना चरण से पंचायती राज संस्थाओं की भागीदारी और सृजित पेयजल परिसंपत्तियों और सेवाओं की सुपुर्दगी के लिए अंतिम अधिग्रहण की आवश्यकता थी।
जल जीवन मिशन से साकार हो रहा ग्राम स्वराज,फोटो क्रेडिट:- जल शक्ति मंत्रालय
जल जीवन मिशन के तहत पेयजल गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता
जल जीवन मिशन का उद्देश्य देश भर के गांवों में जल गुणवत्ता निगरानी और पर्यवेक्षण (डब्ल्यू क्यूएमएस) गतिविधियों को मजबूत करना है। यह लेख दस अलग-अलग तरीकों पर प्रकाश डालता है जिसके माध्यम से 'सेवा सुपुर्दगी' पर ध्यान देने के साथ-साथ 'स्थानीय सार्वजनिक उपयोगिताओं के निर्माण के समग्र दृष्टिकोण के साथ पानी की गुणवत्ता पर जोर दिया जाता है।

जल ही जीवन है,PC-wikipedia
बोतल बंद पानी और आर.ओ. छोड़िए, प्राकृतिक उपचार से भी पानी होता है शुद्ध
पातालकोट गहरी खाई में बसा 2500 वनवासियों का प्राकृतिक आवास है जो करीब 16 गांवों में फैला हुआ है। चारों ओर विशालकाय पहाड़ों और चट्टानों से घिरी इस घाटी की बनावट ऐसी है कि बारिश खूब होती है लेकिन ज्यादातर पानी बह जाता है। गर्मियों के आगमन के साथ पीने योग्य पानी की समस्या आम हो जाती है। पातालकोट के वनवासियों को कृषि से लेकर पेयजल तक के लिए वर्षा पर पूर्णतः निर्भर रहना पड़ता है। तेज चलने वाली हवाओं के साथ मिट्टी और धूल के कण, पेड़ की शाखाएं आदि इस पानी में गिरकर इसे मटमैला और दूषित कर देती हैं, इनमें मौजूद सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टिरिया, वायरस, प्रोटोजोआ आदि इस पानी को संक्रमित बनाते हैं। पातालकोट वनवासी पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपने पारंपरिक तरीकों से अशुद्ध पानी को पीने लायक बनाते हैं। निर्गुडी, निर्मली, सहजन, कमल, खसखस, इलायची जैसी वनस्पतियों का इस्तेमाल कर आज भी जल का शुद्धीकरण करते हैं, इन देशी तकनीकों को आम शहरी लोग भी घरेलू स्तर पर अपना सकते हैं।

पातालकोट घाटी,PC-Wikipedia
पानी ही जीवन है, पानी औषधि भी है
प्यास लगने पर कभी इसकी अनदेखी न करें, ये दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। पानी कोशिकाओं को नई ऊर्जा देता है और उनका विकास करता है, पानी का संबंध हमारी किडनियों से होता है। पानी के कारण ही हमारी किडनियां रक्त शुद्धिकरण और संतुलन के कार्य करने में सक्षम होती हैं। पानी शरीर की भीतरी मशीनरी की सफाई करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, योगासन की तकनीक में इसे कुंजल कहा जाता है। यदि पानी सही समय पर सही मात्रा में पिया जाए तो यह शरीर की अशुद्धियों को दूर करता है। शरीर में आंतों की कार्य प्रक्रिया पानी में सुचारू रूप से चलती है। पानी मांसपेशियों को लचीला बनाता है, पानी उच्च रक्तचाप घटाने में सहायक होता है, और यह रक्त में मिलकर रक्त प्रवाह प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। किडनी रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए।

पानी ही जीवन है, PC-Bing-gpt
Climate change and SDGs in the Global South: Unraveling intersectionalities
Promoting fair and inclusive measures to address climate change while enhancing the ability of communities to withstand its impacts.
There is an urgent need for scaling international cooperation to find solutions (Image: WallpaperFlare)
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