अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
पिछले कुछ वर्षों में मेक इन इंडिया के कारण भारत में आर्थिक, औद्योगिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और अनुसंधान के क्षेत्रों में जैसा सकारात्मक रुझान देखा गया है, वह पारम्परिक रूप से नहीं देखा गया था। हालांकि भारत ने अतीत में भी विज्ञान से जुड़े अनेक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज की है
अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
बादलों में प्लास्टिक के कण
वैज्ञानिकों को पहली बार बादलों में सूक्ष्म प्लास्टिक (माइक्रोप्लास्टिक) की मौजूदगी के सबूत मिले हैं। शोधकर्ताओं का भी मानना है कि इसका जलवायु और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
बादलों में प्लास्टिक के कण
हरित कौशल को बढ़ावा (Promote green skills in Hindi)
पर्यावरणीय ज्ञान और पर्यावरणीय दृष्टिकोण के बीच सहसंबंध को व्यापक रूप से जाना जाता है। भारत में पर्यावरण के प्रति चिंताओं के कारण पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से युवाओं को संवेदनशील बनाने और उनके कौशल को मजबूत करने की मांग बढ़ रही है, जिसमें पर्यावरणीय रूप से सजग स्थायी भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
हरित कौशल को बढ़ावा
गंगा हेतु रिस्कन नदी में पानी बोना होगा
खास तौर पर जाडों में गैर बर्फीली नदियों के पानी का महत्व गंगा नदी में अधिक होता है। इन्हीं में से एक उत्तराखंड जिला अल्मोड़ा के विकासखंड द्वाराहाट में रिस्कन नदी है। यह नदी गंगा की एक धारा है जिसका मुख्य उद्गम भगवान विष्णु के मंदिर नागार्जुन में उनके चरणों से हुआ है जो सुरुभि नदी कहलाती है। द्वाराहाट क्षेत्र के कई अन्य स्रोतों के साथ पहाड़ियों से नंदनी बहती है। सुरभि-नंदिनी का संगम भगवान शिव के धाम विमाण्डेश्वर में होता है। इस शिवधाम से आगे इस नदी को रिस्कन के नाम से जाना जाता है। यहां से शांत स्वभाव के साथ बहते हुए रिस्कन नदी तिपोला नामक स्थान पर गगास नदी में मिलती है। गगास रामगंगा में व रामगंगा आगे जाकर गंगा नदी में मिलती है।
गंगा हेतु रिस्कन नदी में पानी बोना होगा
Bridging disparities: India's hydropower dilemma
Hydropower in India: Navigating the currents of opportunity and adversity
Baglihar Hydroelectric Power Project is built across the Chenab River at Doda district of Jammu and Kashmir (Image: ICIMOD)
Water fleas see red as river Mula Mutha in Pune chokes
This study conducted by freshwater biologists Avinash Vanjare, Yugandhar Shinde and Sameer Padhye finds that pollution and faulty restoration practices have spelled doom for smaller animals residing in the Mula Mutha river indicating serious threats to the river ecosystem in the long run.
The Mula Mutha river at Pune (Image Source: Alexey Komarov via Wikimedia Commons)
Building capacities for natural resource stewardship
Empowering village community facilitators to manage natural resources: The journey of a woman community facilitator in Meghalaya
Breaking Barriers: Women Leading Natural Resource Management in Meghalaya (image: FES)
Farmer’s willingness to pay for groundwater irrigation: The case of Uttar Pradesh
Is there a potential for introducing an organised groundwater irrigation market in Western Uttar Pradesh, where informal groundwater markets continue to thrive?
Groundwater, fast diminishing resource (Image Source: India Water Portal)
How internal migration can work more productively for fishers
New research from University of East Anglia, UK highlights the criticality of women’s contributions, both direct and through their social reproductive and networking activities, in achieving wellbeing and sustainability outcomes
Family networks improve outcomes for internal migration of small-scale fishers in India (Image: PxFuel)
विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष: बदल रहा है पीर पंजाल में पर्यटन का दौर
जम्मू-कश्मीर में संपन्न हुए जी 20 पर्यटन समूह की सफल बैठक के बाद पूरी दुनिया की निगाहें इस जन्नत-ए-बेनजीर की ओर बढ़ने लगी हैं, वहीं पीर पंजाल और चिनाब क्षेत्र में भी पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है. जिसका ताजा उदाहरण हाल के दिनों का है, जब पुंछ के जिला विकास आयुक्त ने पीर पंजाल क्षेत्र में ट्रैकिंग के नए क्षेत्रों और पर्यटक स्थलों की खोज के लिए इंडिया हाइक्स (ट्रैकर्स) की एक टीम भेजी है. वहीं इससे पहले स्थानीय युवाओं के एक ट्रैकिंग ग्रुप ने न केवल पीर पंजाल की ऊंची चोटियों का भ्रमण किया
 बदल रहा है पीर पंजाल में पर्यटन का दौर
From boom to prudence: Analysing the rise and fall of investments in Indian agri-tech start-ups
Investment trends and emerging themes in India’s agricultural technology sector
The use of drones for monitoring rice crops (Image: CIAT/NeilPalmer)
Monitoring water quality of lakes and ponds in Kolkata
Using organisms living in the water as indicators of the status of water bodies provides a number of advantages over chemical analysis and is increasingly being used to monitor water quality of rivers and lakes in India.
Santragachi Lake, beside Santragachi rail station at Santragachi, Howrah district, West Bengal (Image Source: Pinakpani via Wikimedia Commons)
Governance, incentives, and performance in urban water utilities
A study highlights the importance of regulation in improving water utility performance in India
Study suggests increasing the duration of water supply hours could lead to improved service performance (Image: Pixnio)
Empowered by the PESA Act, a Mahila Sangh relentlessly works to reclaim governance
PESA Act unleashed: The Mahila Sangh's ongoing governance transformation
Women from the Mahila Gram Sangh (Image: FES)
प्रशासन से ले कर गाँव तक विभिन्न हितधारकों का नज़रिया, जेजेएम-पीएमयू सिक्किम
सिक्किम में कुल 1,31,880 परिवार (एचएच) हैं, जिनमें से 90,626 एचएच (68.72%) के पास नल जल आपूर्ति है। सिक्किम में कुल 439 गाँव हैं, जिनमें 84 गांवों में 100% परिवारों के पास नल कनेक्शन हैं और 19 गाँव 'हर घर जल' प्रमाणित हैं।
सिक्किम स्प्रिंग स्रोत
दमचोक गाँव के घरों में पहुंचा नल से जल,लद्दाख
सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दमचोक के ग्राम प्रधान एवं नंबरदार श्री कर्मा एशाय कहते हैं, 'पहले हमें दूर-दराज की जल धाराओं से पानी लाना पड़ता था और सर्दियों में कभी-कभार सेना के टैंकरों से बहुत मदद मिलती थी। लेकिन आज जल जीवन मिशन के तहत हर दरवाजे पर पानी का कनेक्शन हमारे लिए एक सपने के सच होने और जीवन बदलने वाली आजादी जैसा है। मैं इस नेक कदम के लिए सरकार और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ।  
दमचोक गाँव के घरों में पहुंचा नल से जल
बाढ़ के दौरान पेयजल की आपूर्ति
बाढ़ ने विशेष रूप से सड़कों के बड़े बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया, कुल 99 सड़कें जिनमें 33 आरसीसी पुलों के साथ-साथ 24 पीडब्लूएस योजनाएं, विशेष रूप से उनके वितरण नेटवर्क शामिल हैं, क्षतिग्रस्त हुई। अनेकों मवेशियों सहित तीन लोगों की जान चली गई। कई पोल्ट्री फॉर्म बह गई।
बाढ़ के दौरान पेयजल की आपूर्ति
जेजेएम से पत्थलघुटवा में जागी उम्मीद की नई किरण
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के साथ यह सब बदल गया। यह घोषणा इस टोला की महिलाओं के लिए आशा की एक किरण लेकर आई, क्योंकि इससे उनके घरों में पानी की सीधे आपूर्ति होगी। इसलिए, महिलाओं ने अपनी समस्याओं को जिला स्तर पर काम कर रहे पेयजल और स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के सामने रखा, जिन्होंने उनकी जरूरतों को तुरंत पूरा किया।
जेजेएम से पत्थलघुटवा में जागी उम्मीद की नई किरण
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