झारखंड राज्य में रामगढ़ जिले के चित्तरपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले मयाल गांव का पत्थलघुटवा टोला ( बसावट) मुख्य रूप से महतो लोगों का निवास है जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि है। हाल के दिनों तक, यह टोला जीवन यापन की सुगमता से संबंधित अधिकांश मापदंडों में पिछड़ गया, चाहे वह सड़क हो या सुरक्षित पेयजल । उस समय घरों के इन समूहों के एक छोर पर केवल एक सौर ऊर्जा से चलने वाली ओवरहेड पानी की टंकी थी। पत्थलघुटवा टोला के सभी लोगों को पानी के इस स्रोत से पानी लाना पड़ता था, जो सबसे दूर के घर से कुछ सौ मीटर की दूरी पर था। इससे समय की बर्बादी होती और विशेष रूप से टोला की महिलाओं को असुविधा और कठिन परिश्रम का सामना करना पड़ता।
करीब 3 साल पहले हजारीबाग की सरिता कुमारी की शादी इसी टोले में संतोष महतो से हुई थी। टोला की अन्य महिलाओं की तरह, उसे भी बस्ती के दूसरे छोर पर पानी की टंकी के नीचे स्थित सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट तक पैदल ही जाना पड़ता था। अगर उसे रात में घर के लिए पानी की जरूरत होती, तो वह पानी लाने के लिए अकेले जाने की हिम्मत नहीं करती, खासकर सर्दी या बरसात के मौसम में घर की किसी अन्य बुजुर्ग महिला को उसके साथ जाने के लिए जगाना पड़ा। ऐसा पत्थलघुटवा टोला की लगभग सभी महिलाओं के साथ ही होगा। इस प्रकार, ऐसे सभी दिनों में टोला की महिलाएं सो नहीं पाती थीं।
हालांकि, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के साथ यह सब बदल गया। यह घोषणा इस टोला की महिलाओं के लिए आशा की एक किरण लेकर आई, क्योंकि इससे उनके घरों में पानी की सीधे आपूर्ति होगी। इसलिए, महिलाओं ने अपनी समस्याओं को जिला स्तर पर काम कर रहे पेयजल और स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के सामने रखा, जिन्होंने उनकी जरूरतों को तुरंत पूरा किया। अधिकारियों ने मवाल गांव के लोगों को ग्राम कार्य योजना तैयार करने में मदद की जिसमें पत्थलघुटवा टोला की जरूरतों को भी शामिल किया गया था।
सरिता कुमारी खिलखिलाकर हंसती है,
"तीन साल पहले, जब मैं इस गांव में एक नवेली दुल्हन के रूप में आई थी. तो मुझे हर दिन और हर बार जब भी पानी की आवश्यकता होती थी, तो सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट पर जाने का कष्ट झेलना पड़ता था। इसके कारण, मैं कुछ चीजें नहीं कर सकती थी, जैसे इच्छानुसार खाना बनाना, आदि। लेकिन अब जब हमारे घरों में ताजा पानी उपलब्ध है, तो हम घर से बाहर निकले बिना बहुत सारे काम एक साथ करने में सक्षम हैं। ऐसा नहीं है केवल मेरा समय बचा रहा है, बल्कि मेरी सुरक्षा और गरिमा भी बढ़ी है। हमारे टोला की महिलाएं अब बहुत खुश हैं और जेजेएम की आभारी हैं। जल जीवन मिशन वास्तव में हमारे जीवन में आशा की एक नई किरण लेकर आया है।"
ग्राम कार्य योजना के अनुसार, पत्थलघुटवा टोला के लिए 4,000 लीटर क्षमता का एक ओवरहेड स्टोरेज टैंक का निर्माण किया गया था और बस्ती के सभी 18 घरों में नल कनेक्शन संस्थापित किए गए थे। इससे इस टोला की महिलाओं के चेहरों पर मुस्कान आ गई है, क्योंकि यह उनके घरों में पीने योग्य पानी रखने के उनके सपनों की पूर्ति है। अब उन्हें पानी लाने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, जिससे उनका समय, ऊर्जा की बचत होती है जिसका उपयोग वे अपनी देखभाल के लिए कर सकती हैं और परिवार की आय बढ़ाने में परिवार के पुरुष सदस्यों की मदद कर सकती हैं।
स्रोत : जल जीवन संवाद अंक 23 अगस्त 2022
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