वर्षा और वर्षा के अन्य रूप

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January 25, 2024 This report by CEEW discusses the findings of a study on India’s first sub-district -level monsoon variability assessment to decode changing rainfall patterns across India during the southwest and northeast monsoon.
The moody monsoon (Image Source: Mayank Makhija via IWP Flickr photos)
August 16, 2023 India Water Portal is hosting a photo competition on World Photography Day. Hurry, send us your photos before 31st August!
May 8, 2023 Warming will not only lead to a decline, but also trigger monsoon extremes in the Indo Gangetic Plains.
A woman wades through knee-deep water with her belongings. (Picture courtesy - 101Reporters) (Source: IWP Flickr photos)
May 4, 2023 Climate change is expected to have significant impacts on the Indian monsoon
As per the India Meteorological Department (IMD), instances of heavy rainfall have increased by almost 85% in the country since 2012 (Image: Marina, 2009,Wikimedia Commons)
April 4, 2023 Forests greatly help in maintaining the water balance of nature by storing water during monsoons and making this water available during dry seasons. India urgently needs to save its forests to prevent droughts and the adverse effects of climate induced global warming.
Forests and soil moisture can act as buffers to store water during dry spells (Image Source: India Water Portal)
September 13, 2022 Heavy rains and floods have battered Bengaluru yet again. Uncontrolled and unregulated development and concretisation of the city that pays no heed to the ecology and hydrology of the region needs to stop!
Urban flooding in Bangalore (Image Source: Thejas via Wikimedia Commons)
यादों में बरसे बादल
Posted on 05 Jul, 2012 12:23 PM

जैसे ही पहली बौछार धरती पर पड़ती है मिट्टी की कोख से सोंधे एहसास की खुशबू उभरती है। बूंदों का लहरा हर उपादान पर

आषाढ़ : प्रकृति खिलखिलाने के बजाय अब डराती है
Posted on 21 Jun, 2012 10:50 AM आषाढ़ का महीना आते ही प्रकृति खिलखिलाने लगती है रिमझिम वर्षा की बारीश की बुंदे धरती पर पड़ते ही मिट्टी के शौंधेपन की खुशबू और कोयल की कुकू-कुकू की आवाज के साथ आषाढ़ महीने की आगाज हो जाता है और लोगों के मन में एक उल्लास पैदा हो जाता था। आषाढ़ किसानों के लिए खुशखबरी होती थी लेकिन अब ऐसा ऐसा नहीं होता है क्योंकी आषाढ़ का महीना उल्लास लाने के बजाय डराती है।
वर्षा-गान
Posted on 19 Feb, 2011 04:48 PM कालिदास का एक श्लोक मुझे बहुत प्रिय हैं। उर्वशी के अतंर्धान होने पर वियोग-विह्वल राजा पुरुरवा वर्षा-ऋतु के प्रारंभ में आकाश की ओर देखता है। उसको भ्रांति हो जाती है कि एक राक्षस उर्वशी का अपहरण कर रहा है। कवि ने इस भ्रम का वर्णन नहीं किया; किन्तु वह भ्रम महज भ्रम ही है, इस बात को पहचानने के बाद, उस भ्रम की जड़ में असली स्थिति कौन सी थी, उसका वर्णन किया है। पुरूरवा कहता है- “आकाश में जो भीमकाय काला-
बारिश की राजधानी चेरापूंजी
Posted on 22 Jan, 2009 07:41 AM

चेरापूंजी में होती है सबसे ज्यादा बारिश


बात बारिश की हो और चेरापूंजी का नाम न उठे, हो ही नहीं सकता। भारत का सौभाग्य है कि दुनिया में सर्वाधिक बारिश वाला क्षेत्र चेरापूंजी उसकी धरती पर बसा है। बारिश की राजधानी के रूप में मशहूर चेरापूंजी समुद्र से लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो मेघालय की राजधानी शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। चेरापूंजी को सोहरा के नाम से भी जाना जाता है। यहां औसत वर्षा 10,000 मिलीमीटर होती है।

फोटो साभार - अमर उजाला
पहली बारिश
Posted on 01 Sep, 2008 09:23 AM

 

 

बढ़ता प्रदूषण
बे-मौसम बरसात से तहस-नहस हो गई दलहन-तिलहन की खेती
जाने बे-मौसम बरसात से फसलों को किस तक हद नुकसान होता है
Posted on 02 Apr, 2024 05:57 PM

बारिश को आमतौर पर प्रकृति का वरदान कहा जाता है, लेकिन तब, जब समय पर हो?

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बादल ऊपर क्यों लटका
गरम हवा ऊपर की ओर उठती है और आसपास की ठंडी हवा उसका स्थान लेती है। पानी को गरम करने से जो वाष्प बनती है वह एक तो हल्की (कम घनत्व वाली) होती है और गरम भी । अतः वह गरम हवा के बहाव के साथ ऊपर उठती है। यही प्रक्रिया समुद्र, झीलों और नदियों के साथ भी होती है। यहां ऊष्मा का मुख्य स्रोत सूर्य है। पर पृथ्वी का वायुमंडल पारदर्शी होने के कारण सूर्य की किरणें हवा को गरम किए बगैर पृथ्वी की सतह पर आ पहुंचती हैं और उसे तपाती हैं। अतः दिन में गरम हवा का ऊपर की ओर निरन्तर बहाव रहता है। किसी भी जलाशय के पास ऊपर की ओर बहने वाली गरम हवा अपने में नमी अर्थात जलवाष्प समेट लेती है। Posted on 23 Nov, 2023 01:15 PM

सवाल

जब पानी को गरम करते हैं। और पानी वाष्प बनकर ऊपर जाकर बादलों का रूप धारण कर लेता है तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से वह नीचे क्यों नहीं खिंचता ? बादल ऊपर ही क्यों रहता है?

जलवाष्प से बनते हैं बादल
40% बादल आकाश में छाए रहें तो कृत्रिम बारिश की है संभावना
कृत्रिम बारिश में बादलों में कुछ रासायनिक पदार्थ जैसे सिल्वर आयोडाईड, ड्राई आइस या साधारण नमक डाले जाते हैं। इसे क्लाउड सीडिंग का नाम दिया गया है। इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक करने के लिए प्राकृतिक बादलों की उपस्थिति आवश्यक है Posted on 10 Nov, 2023 12:22 PM

दिल्ली में कृत्रिम बारिश का प्रयोग 20 और 21 नवंबर को पहली बार होने की संभावना है। इन दिनों राजधानी में हल्के बादल भी छाए रहने की उम्मीद है। इसलिए इन दिनों के लिए ट्रायल करने की तैयारी चल रही है। इस प्रयोग के बारे में बुधवार को आईआईटी कानपुर के साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और अन्य अधिकारी बैठक करते हैं। बैठक के बाद गोपाल राय ने कहा कि नवंबर के शुरुआत से ही दिल्ली में हवा की रफ्तार बहुत कम है। इ

40% बादल आकाश में छाए रहें तो कृत्रिम बारिश की है संभावना
जलवायु परिवर्तन से वर्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव
उच्च गर्मी और आर्द्रता का संयोजन हमारे शरीर को ठंडा रखने वाले पसीने के तंत्र को प्रभावित कर सकता है। जब पसीना हमारी त्वचा से उड़ जाता है, तो हमारा शरीर शीतल होता है Posted on 30 Oct, 2023 02:18 PM

जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के स्वरूप में बदलाव हुआ है। इसका प्रभाव दिल्ली की हवा और तापमान पर भी पड़ा है। दिल्ली में नमी का स्तर बढ़ा है और तापमान में भी थोड़ा सा उतार-चढ़ाव हुआ है। इससे लोगों को परेशानी और असहनीयता का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि 2011 से अब तक महानगर के परिवेशी तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ है। यह बात एक हालिया अध्ययन से पता चली है।

जलवायु परिवर्तन से वर्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव
सावन की ऋतु आई
‘गर्मी पाकर पानी के अणु हवा पर सवार हो जाते हैं। इसे हम वाष्पन कहते हैं। गर्मी की उपलब्धता बढ़ने के साथ वाष्पन की गति बढ़ती जाती है। पानी के अणु एकल होते हैं तो उन्हें उठाए रखने में हवा को कोई परेशानी नहीं होती है। जलयुक्त हवा ऊपर उठ कर ठण्डी हो जाती है तो पानी के अणु आपस में चिपक कर सूक्ष्म बूंदों में बदलने लगते हैं। यहीं बादलों की उत्पत्ति होती है। बादलों की आपसी रगड़ से उनमें धन या ऋण आवेश पैदा हो जाता है। विपरीत आवेश के बादल पास में आने पर ऋण आवेश छलांग लगा कर एक बादल से दूसरे में जाता है तो मार्ग चमकता है, गर्जन पैदा होती है।’
Posted on 18 Aug, 2023 02:52 PM

सावन 

रहीम जी ने कहा कि ‘रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून’ भारत में पानी सावन में आता है। अतः यह कहें कि ‘ऋतुवर सावन राखिए, विन सावन सब सून।’ सावन सूखा होने की बात सुनकर भारत के वित्त मंत्री को बुरे सपने आने लगते हैं। बसंत को ऋतुओं का राजा कहते समय लोग यह भूल जाते हैं कि वर्षा बिना बसन्त बहार नहीं आ सकती। जब पानी ही नहीं होगा तो कैसे पौधे पनपेंगे और कैसे उन पर

 वर्षा के साथ मेंढक, मछली व केंचुए भी बरसते हैं
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