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वर्षा और वर्षा के अन्य रूप
कालबैसाखी की कालिमा यानी कालबैसाखी झंझावात क्या है (what is Kal Baisakhi thunderstorm)
Posted on 07 Jul, 2023 11:19 AMकाल की तरह आती है कालबैसाखी कहर बरपा जाती है। संत कवि तुलसीदास ने रामचरित मानस के अरण्यकांड में इसे 'धूरि पूरि नभ मंडल रहा' कहा है (आकाश धूलि धूसरित हो गया)। मार्च से मई तक के महीने मातमी माने जाते हैं। आकाश का उत्तरी-पश्चिमी आकर्षक छोर अचानक आक्रामक हो जाता है। गगनचुंबी बदरंग बादल गर्जन-तर्जन करने लगते हैं, कौंधती बिजली कड़कने लगती है, हुंकार भरती हवा के झोंके हू-हू करने लगते हैं, बलात बारिश क
अम्लीय वर्षा पर्यावरण के लिए चुनौती
Posted on 04 Jul, 2023 04:15 PMजब वर्षा जल में कार्बन डाइऑक्साइड के साथ वायुमंडल में प्रदूषित हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा मिश्रित होती है, तो यह वर्षा जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड में बदल जाती है और यही जल जब पृथ्वी पर गिरता है, तो इसे एसिड रेन अथवा अम्लीय वर्षा कहते है । वर्षा जल में अमूलों की बड़ी मात्रा को या उपस्थिति को अम्लीय वर्षा कहा जाता है। प्राकृतिक कारणों से
आई बरखा बहार
Posted on 08 Mar, 2010 07:47 AMछह ऋतुओं का देश है भारत। प्रत्येक ऋतु का अपना अलग ही सौंदर्य है, उसकी अपनी प्राकृतिक पहचान है जिससे प्रभावित होकर कवियों ने अनेक छंद रचे तो चित्रकारों एवं संगीतकारों की भी सदैव प्रेरणा स्त्रोत रही है। छह ऋतुओं के अंतर्गत जो ऋतुएं प्रकृति में स्पष्ट परिवर्तन लातीं है तथा जिनके आगमन से जनमानस आनंदातिरेक के कारण फाग तथा कजरी–जैसे गीत प्रकारों को शब्द–बद्ध एवं स्वरबद्ध करता है, वह हैं – वसंत तथा वर