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तकनीकी
नाजुक लेकिन अत्यन्त उपयोगी ये झिल्लियाँ (Membrane: Delicate but very useful)
Posted on 30 Jan, 2017 01:02 PMसंश्लेषित झिल्ली की संरचना एवं प्रक्रिया जैविक झिल्ली के मुका
साइंस में नए इनोवेशन से बदलेगी दुनिया
Posted on 23 Jan, 2012 09:57 AMदुनिया भर की प्रयोगशालाओं से निकल रही नई तकनीकें आने वाले समय में लोगों के रहने और सोचने के तरीकों में भारी बदलाव कर सकती हैं। आईबीएम ने ऐसी कुछ चुनिंदा तकनीकों और इनोवेशंस के बारे में खुलासा किया है। अगले पांच वर्षों में ऐसे 3- डी डिवाइस बाजार में आ जाएंगे, जिनके जरिए आप अपने परिचितों और मित्रों के 3- डी होलोग्राम के साथ वास्तविक समय में इंटरैक्ट कर सकेंगे। सिनेमा और टीवी जगत धीरे-धीरे 3- डी फॉर्मेट की तरफ बढ़ रहा है। 3- डी तकनीकों में लगातार सुधार हो रहा है और होलोग्राफिक कैमरों के उन्नत होने से नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। ऐसे सूक्ष्म कैमरों को मोबाइल फोनों में फिट किया जा सकता है। इस इनोवेशन का नतीजा यह होगा कि आप बिल्कुल नए अंदाज में नेटसर्फिंग और अपने दोस्तों के साथ चैटिंग कर सकेंगे।पानी-पर्यावरण के देशी वैज्ञानिक
Posted on 09 Aug, 2010 11:33 AMभारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। लेकिन सरकारी उदासीनता और ज्ञान के संस्थानीकरण की वजह से तमाम खोजकर्ता और हुनरमंद गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं। ऐसे ही कुछ देशी वैज्ञानिकों की खोज और सरकारी रवैए की पड़ताल कर रहे हैं प्रमोद भार्गव।
ग्रामीण उद्यम
Posted on 31 Dec, 2009 07:32 PMसिंचाई को ग्रामीण उद्यम बनाने के प्रयास में यहां इंटरनेशनल डेवलपमेंट इंटरप्राइजेज (आईडीई) ने रास्ता दिखाया है। अब किसान एक कदम आगे बढ़कर ऐसे नए-नए नमूने तैयार कर रहे हैं, जिनसे स्थानीय स्तर की ड्रिप व्यवस्था और भी ज्यादा सस्ती और सरल होती जा रही है। वे खुद ही इस व्यवस्था को लगा रहे हैं। और जल्दी ही एक ऐसी अवस्था में पहुंच रहे हैं, जहां वे इससे बड़े आराम से काम निकाल सकते हैं। इसके अलावा अब वे इ
ड्रिप सिंचाई प्रणाली: एक क्रांति का सूत्रपात
Posted on 31 Dec, 2009 07:28 PMआज भारत में फसलों की सिंचाई, उद्योग, आवास और बढ़ती जनसंख्या के कारण जल, जंगल और जमीन भारी दबाव में है। सन् 1955 में जहां प्रति व्यक्ति 5,000 घन मीटर पानी की वार्षिक उपलब्धता थी, वहीं सन् 2000 तक आते-आते 2,000 घन मीटर ही रह गई।
पानी साफ करने का सरल उपाय
Posted on 31 Dec, 2009 07:06 PMदूषित पानी साफ करने के कई उपायों में रेत फिल्टर तकनीकी काफी उपयोगी साबित हुई है। इस तकनीकी का प्रयोग केन्या के मचाकोस जिले में सफलतपूर्वक हुआ, जहां पानी के प्रदूषण ने इस सरल और सस्ती तकनीकी को और विकसित किया। मचाकोस जिला केन्या के पूर्वी प्रांत का एक सूखाग्रस्त क्षेत्र है। यहां सन् 1998 से सूखा पड़ा हुआ है और अधिकांश फसल उगने से पहले ही सूख जाया करती है। इस स्थिति में अनेकों किसानों ने अपने खेत
सौर ऊर्जा से करें पानी साफ
Posted on 26 Sep, 2008 04:37 PMहेमबर्ग (जर्मनी), (आईएएनएस)वैसे भी जल चक्र पूरी तरह से सूरज के भूमिका पर ही निर्भर होता है। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जल प्रशोधन संयंत्र का निर्माण किया है जिसे सौर ऊर्जा की सहायता से संचालित किया जाएगा। इस संयंत्र के तैयार होने से सूखा प्रभावित इलाको में उम्मीद की एक नई किरण जागी है।
जल जीवन मिशन के लिए पुनः इंजीनियरिंग | Re-engineering for Jal Jeevan Mission
Posted on 07 Feb, 2024 05:08 PM
"हर घर संचालन और रखरखाव की लागत को कवर करने के लिए प्रति माह बानवे रुपये का भुगतान करेगा"।
डिजिटल रूप से सशक्त गाँवों की ओर
Posted on 22 Dec, 2023 03:21 PMभारत मुख्य रूप से गाँवों का देश है, जिसकी लगभग दो- भातिहाई आबादी 6.49 लाख गाँवों में रहती है, जिन्हें जीवन की गुणवत्ता से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 'स्मार्ट विलेज' एक नवीन और उच्च तकनीक अवधारणा है जिसका उद्देश्य अविकसित गाँवों को आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और भौतिक रूप से सतत विकास सुनिश्चित कर क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है। स्मार्ट गाँवों के पीछे मूल विचार डिजिटल प्रौद्योगिक