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March 6, 2024 A journey into a Geo-AI platform with Jagriti Dabas, Founder of Arms4AI
Jagriti Dabas's firm Arms4AI leverages deep technology and GEO-AI to automate satellite based image analysis (Image: Arms4AI)
January 30, 2024 The workshop provided inputs into the newly formed committee for “Standard Operation Procedure for Quality Testing of Drinking Water Samples at Sources and Delivery Points”
Sector partners come together to supplement the efforts of the government on water quality and surveillance (Image: Barefoot Photographers of Tilonia)
December 8, 2023 Climate change is the focus at COP28: Technology must be included in the dialogue
An artist's illustration of artificial intelligence (Image: Google Deepmind, Pexels)
November 14, 2023 नभाटा की रिपोर्ट के अनुसार क्लाउड सीडिंग एक मौसम संशोधन तकनीक है जो बादलों पर विभिन्न पदार्थों को छोड़कर बारिश या बर्फ को उत्तेजित करने का लक्ष्य रखती है। इसके लिए सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस (ठोस कार्बन डाईऑक्साइड) को रॉकेट या हवाई जहाज के ज़रिए बादलों पर छोड़ा जाता है।इस प्रक्रिया में बादल हवा से नमी सोखते हैं और कंडेस होकर उसका मास यानी द्रव्यमान बढ़ जाता है। इससे बारिश की भारी बूंदें बनती हैं और वे बरसने लगती हैं।



क्लाउड सीडिंग
October 31, 2023 IoT in the agri-food supply chain helps measure and monitor sustainability indicators like crop productivity, fertiliser usage, and water efficiency
Agriculture IoT with rice field background (Image: Rawpixel)
September 29, 2023 Empowering village community facilitators to manage natural resources: The journey of a woman community facilitator in Meghalaya
Breaking Barriers: Women Leading Natural Resource Management in Meghalaya (image: FES)
नाजुक लेकिन अत्यन्त उपयोगी ये झिल्लियाँ (Membrane: Delicate but very useful)
Posted on 30 Jan, 2017 01:02 PM
संश्लेषित झिल्ली की संरचना एवं प्रक्रिया जैविक झिल्ली के मुका
साइंस में नए इनोवेशन से बदलेगी दुनिया
Posted on 23 Jan, 2012 09:57 AM दुनिया भर की प्रयोगशालाओं से निकल रही नई तकनीकें आने वाले समय में लोगों के रहने और सोचने के तरीकों में भारी बदलाव कर सकती हैं। आईबीएम ने ऐसी कुछ चुनिंदा तकनीकों और इनोवेशंस के बारे में खुलासा किया है। अगले पांच वर्षों में ऐसे 3- डी डिवाइस बाजार में आ जाएंगे, जिनके जरिए आप अपने परिचितों और मित्रों के 3- डी होलोग्राम के साथ वास्तविक समय में इंटरैक्ट कर सकेंगे। सिनेमा और टीवी जगत धीरे-धीरे 3- डी फॉर्मेट की तरफ बढ़ रहा है। 3- डी तकनीकों में लगातार सुधार हो रहा है और होलोग्राफिक कैमरों के उन्नत होने से नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। ऐसे सूक्ष्म कैमरों को मोबाइल फोनों में फिट किया जा सकता है। इस इनोवेशन का नतीजा यह होगा कि आप बिल्कुल नए अंदाज में नेटसर्फिंग और अपने दोस्तों के साथ चैटिंग कर सकेंगे।
पानी-पर्यावरण के देशी वैज्ञानिक
Posted on 09 Aug, 2010 11:33 AM
भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। लेकिन सरकारी उदासीनता और ज्ञान के संस्थानीकरण की वजह से तमाम खोजकर्ता और हुनरमंद गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं। ऐसे ही कुछ देशी वैज्ञानिकों की खोज और सरकारी रवैए की पड़ताल कर रहे हैं प्रमोद भार्गव।
Pramod Bhargava
ग्रामीण उद्यम
Posted on 31 Dec, 2009 07:32 PM

सिंचाई को ग्रामीण उद्यम बनाने के प्रयास में यहां इंटरनेशनल डेवलपमेंट इंटरप्राइजेज (आईडीई) ने रास्ता दिखाया है। अब किसान एक कदम आगे बढ़कर ऐसे नए-नए नमूने तैयार कर रहे हैं, जिनसे स्थानीय स्तर की ड्रिप व्यवस्था और भी ज्यादा सस्ती और सरल होती जा रही है। वे खुद ही इस व्यवस्था को लगा रहे हैं। और जल्दी ही एक ऐसी अवस्था में पहुंच रहे हैं, जहां वे इससे बड़े आराम से काम निकाल सकते हैं। इसके अलावा अब वे इ

ड्रिप सिंचाई प्रणाली: एक क्रांति का सूत्रपात
Posted on 31 Dec, 2009 07:28 PM

आज भारत में फसलों की सिंचाई, उद्योग, आवास और बढ़ती जनसंख्या के कारण जल, जंगल और जमीन भारी दबाव में है। सन् 1955 में जहां प्रति व्यक्ति 5,000 घन मीटर पानी की वार्षिक उपलब्धता थी, वहीं सन् 2000 तक आते-आते 2,000 घन मीटर ही रह गई।

Drip irrigation
पानी साफ करने का सरल उपाय
Posted on 31 Dec, 2009 07:06 PM

दूषित पानी साफ करने के कई उपायों में रेत फिल्टर तकनीकी काफी उपयोगी साबित हुई है। इस तकनीकी का प्रयोग केन्या के मचाकोस जिले में सफलतपूर्वक हुआ, जहां पानी के प्रदूषण ने इस सरल और सस्ती तकनीकी को और विकसित किया। मचाकोस जिला केन्या के पूर्वी प्रांत का एक सूखाग्रस्त क्षेत्र है। यहां सन् 1998 से सूखा पड़ा हुआ है और अधिकांश फसल उगने से पहले ही सूख जाया करती है। इस स्थिति में अनेकों किसानों ने अपने खेत

सौर ऊर्जा से करें पानी साफ
Posted on 26 Sep, 2008 04:37 PM हेमबर्ग (जर्मनी), (आईएएनएस)
वैसे भी जल चक्र पूरी तरह से सूरज के भूमिका पर ही निर्भर होता है। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जल प्रशोधन संयंत्र का निर्माण किया है जिसे सौर ऊर्जा की सहायता से संचालित किया जाएगा। इस संयंत्र के तैयार होने से सूखा प्रभावित इलाको में उम्मीद की एक नई किरण जागी है।
जल जीवन मिशन के लिए पुनः इंजीनियरिंग | Re-engineering for Jal Jeevan Mission
जीवन मिशन में पुनः इंजीनियरिंग के तरीके के बारे में विस्तार से जाने | Get information in detail about the re-engineering approach in Jal Jeevan Mission Posted on 07 Feb, 2024 05:08 PM

 

"हर घर संचालन और रखरखाव की लागत को कवर करने के लिए प्रति माह बानवे रुपये का भुगतान करेगा"।

जल जीवन मिशन के लिए पुनः इंजीनियरिंग,Pc-जल जीवन संवाद
डिजिटल रूप से सशक्त गाँवों की ओर
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के परिप्रेक्ष्य में वैश्विक खाद्य प्रणाली को, पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचाए बिना, 2050 तक 9 अरब से अधिक लोगों का भरण-पोषण करने में सक्षम होना चाहिए और ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि एक सक्षम और सतत खाद्य उत्पादन प्रणाली विकसित करने का प्रयास किया जाए। साथ ही, ग्रामीण समुदाय बाजार की दुर्गमता, बढ़ती आबादी, जनसंख्या में कमी और अपर्याप्त सार्वजनिक सेवाओं जैसे मुद्दों से जूझ रहे हैं जो सतत खाद्य उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर, 'डिजिटलीकरण' एक समाधान के रूप में उभरा है जो कृषि संसाधन दक्षता में सुधार और ग्रामीण सेवाओं को समृद्ध कर रहा है। यह अवधारणा संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के भी अनुरूप है जो गरीबी, खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे परस्पर जुड़े मुद्दों का समाधान करके ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति को बढ़ावा दे रही है। Posted on 22 Dec, 2023 03:21 PM

भारत मुख्य रूप से गाँवों का देश है, जिसकी लगभग दो- भातिहाई आबादी 6.49 लाख गाँवों में रहती है, जिन्हें जीवन की गुणवत्ता से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 'स्मार्ट विलेज' एक नवीन और उच्च तकनीक अवधारणा है जिसका उद्देश्य अविकसित गाँवों को आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और भौतिक रूप से सतत विकास सुनिश्चित कर क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है। स्मार्ट गाँवों के पीछे मूल विचार डिजिटल प्रौद्योगिक

डिजिटल रूप से सशक्त गाँवों की ओर
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