संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता

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September 5, 2024 The current state of play regarding sewage treatment standards in India
Clogged pipes: India's sewage treatment crisis (Image: Trey Ratcliff, Flickr Commons; CC BY-NC-SA 2.0)
September 2, 2024 Recommendations made by an expert committee, the NGT's subsequent orders, and a critical analysis of these developments
Drum screens at Bharwara sewage treatment plant (Image: India Water Portal)
August 30, 2024 This article traces the evolution of the legislative framework for water pollution in India and its implications for wastewater treatment standards in the country. 
Open drains in Alwar (Image Source: IWP Flickr photos)
August 22, 2024 The journey of sewage treatment standards and the challenge of treating India’s growing wastewater
Need to fix wastewater effluent standards (Image: Kristian Bjornard)
August 1, 2024 Recognising the limitations of relying solely on herbicides, a strategic shift towards preventive measures is crucial
Relying solely on chemicals to keep weeds at bay isn't sustainable and can harm the environment. (Image: Needpix)
June 12, 2024 Leveraging research to optimise water programs for improved health outcomes in India
Closing the tap on disease (Image: Marlon Felippe; CC BY-SA 4.0, Wikimedia Commons)
उर्वरता की हिंसक भूमि
Posted on 03 Sep, 2013 11:50 AM
सन 1908 में हुई एक वैज्ञानिक खोज ने हमारी दुनिया बदल दी है। शायद किसी एक आविष्कार का इतना गहरा असर इतिहास में नहीं होगा। आज हममें से हर किसी के जीवन में इस खोज का असर सीधा दीखता है। इससे मनुष्य इतना खाना उगाने लगा है कि एक शताब्दी में ही चौगुनी बढ़ी आबादी के लिए भी अनाज कम नहीं पड़ा। लेकिन इस आविष्कार ने हिंसा का भी एक ऐसा रास्ता खोला है, जिससे हमारी कोई निजाद नहीं है। दो विश्व युद्धों से लेकर आतंकवादी हमलों तक। जमीन की पैदावार बढ़ाने वाले इस आविष्कार से कई तरह के वार पैदा हुए हैं, चाहे विस्फोटकों के रूप में और चाहे पर्यावरण के विराट प्रदूषण के रूप में।

दुनिया के कई हिस्सों में ऐसे ही हादसे छोटे-बड़े रूप में होते रहे हैं। इनको जोड़ने वाली कड़ी है उर्वरक के कारखाने में अमोनियम नाइट्रेट। आखिर खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले इस रसायन में ऐसा क्या है कि इससे इतनी तबाही मच सकती है? इसके लिए थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा उन कारणों को जानने के लिए, जिनसे हरित क्रांति के उर्वरक तैयार हुए थे।

इस साल 17 अप्रैल को एक बड़ा धमाका हुआ था। इसकी गूंज कई दिनों तक दुनिया भर में सुनाई देती रही थी। अमेरिका के टेक्सास राज्य के वेस्ट नामक गांव में हुए इस विस्फोट से फैले दावानल ने 15 लोगों को मारा था और कोई 180 लोग हताहत हुए थे। हादसे तो यहां-वहां होते ही रहते हैं और न जाने कितने लोगों को मारते भी हैं। लेकिन यह धमाका कई दिनों तक खबर में बना रहा। इससे हुए नुकसान के कारण नहीं, जिस जगह यह हुआ था, उस वजह से। धमाका किसी आतंकवादी संगठन के हमले से नहीं हुआ था। उर्वरक बनाने के लिए काम आने वाले रसायनों के एक भंडार में आग लग गई थी। कुछ वैसी ही जैसी कारखानों में यहां-वहां कभी-कभी लग जाती है। दमकल की गाड़ियां पहुंचीं और अग्निशमन दल अपने काम में लग गया। लेकिन उसके बाद जो धमाका हुआ, उसे आसपास रहने वाले लोगों ने किसी एक भूचाल की तरह महसूस किया।
भूजल में बढ़ रहे खतरनाक प्रदूषण पर चिंता जताई
Posted on 19 Feb, 2013 10:17 AM

एक तरफ दिल्ली का भूजल खतरनाक ढंग से जहरीला हो रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली यमुना नदी का

अनियोजित शहरीकरण के खतरे
Posted on 01 Jan, 2013 11:23 AM

हमारे देश में संस्कृति, मानवता और बसावट का विकास नदियों के किनारे ही हुआ है। सदियों से नदियों की अविरल धारा और उ

Global Urbanization in india
भोपाल के भूजल में बढ़ता जा रहा है प्रदूषण
Posted on 29 Dec, 2012 01:45 PM यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है। समय बीतने के साथ ही इसका निपटारा कठिन से कठिन होता जा रहा है। 1993-95 में कमर सईद नाम के ठेकेदार को रसायनिक कचरा पैक करने का जिम्मा दिया गया था। उसने फैक्ट्री के आसपास के डंपिंग साइट से बहुत ही कम कचरे की पैक किया था, जो लगभग 390 टन था। उसके बाद परिसर एवं परिसर से बाहर इंपोरेशन तालाब में पड़े कचरे को पैक करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कचरे को डंप करने के लिए बनाए गए सोलर इंपोरेशन तालाब की मिट्टी कितना जहरीला है, यह आज के लोगों को नहीं मालूम। अब तो यहां की मिट्टी को लोग घरों में ले जा रहे हैं एवं दीवारों में लगा रहे हैं। यूनियन कार्बाइड के जहरीले रासायनिक कचरे वाले इस मिट्टी को छुने से भले ही तत्काल असर नहीं पड़े, पर यह धीमे जहर के रूप में शरीर पर असर डालने में सक्षम है। कचरे का जहरीलापन इससे साबित होता है कि आसपास की कॉलोनियों के साथ-साथ यह 5 किलोमीटर दूर तक के क्षेत्र के भूजल को जहरीला बना चुका है। इलाके के भूजल का इस्तेमाल करने का साफ मतलब है, अपने को बीमारियों के हवाले करना। भोपाल गैस त्रासदी पर काम कर रहे विभिन्न संगठन लगातार यह आवाज़ उठाते रहे हैं कि यूनियन कार्बाइड परिसर एवं उसके आसपास फैले रासायनिक कचरे का निष्पादन जल्द से जल्द किया जाए, पर सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण आज भी यूनियन कार्बाइड परिसर के गोदाम में एवं उसके आसपास खुले में कचरा पड़ा हुआ है।
union carbide polluted groundwater in bhopal
आस्थाजनित प्रदूषण से कैसे मिले मुक्ति
Posted on 18 Dec, 2012 02:08 PM पहले गणेशोत्सव, फिर विश्वकर्मा पूजा और फिर नवरात्र के समय जगह-जगह स्थापित की गई मूर्तियों का सार्वजनिक तालाबों, झीलों और नदियों में विसर्जन और अब आसन्न दीपावली के वक्त पर्यावरणपूरक मूर्ति-विसर्जन पर विचार किया जाना बेहद जरूरी है।
सिंगरौली: बीमारियां बांटते ताप बिजली घर
Posted on 11 Dec, 2012 01:30 PM भारत का तापघर कहे जाने वाले सिंगरौली में कोयले का अकूत भंडार है और
पारे की चपेट में सोनभद्र
Posted on 29 Nov, 2012 02:10 PM पूरे देश में रोशनी के लिए विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करने वाला ऊर्जांचल के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का भविष्य मौत के अंधेर में डूब रहा है। यहां के लोग गंभीर बीमारियों के घेरे में हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने अपने अध्ययन में सोनभद्र के पानी, मिट्टी, अनाज और मछलियों के साथ-साथ यहां के रहवासियों के खून, नाखून और बाल के नमूने लेकर पर्यावरण और स्थानीय लोगों के शरीर
सूर सरोवर पक्षी विहार के अस्तित्व को खतरा
Posted on 27 Aug, 2012 11:42 AM

कानूनों को दरकिनार कर संरक्षित वन क्षेत्र बन रहा है कंक्रीट का जंगल

घातक है फ्लोराइड का जहर
Posted on 24 Aug, 2012 04:37 PM

जल प्रदूषण में एक प्रमुख तत्व है फ्लोराइड देश के कई हिस्सों के भूजल में फ्लोराइड पाया जाता है। फ्लोराइड युक्त जल लगातार पीने से फ्लोरोसिस नाम की बीमारी होती है। इससे हड्डियां टेढ़ी, खोखली और कमजोर होने लगती है। रीढ़ की हड्डी में भी यह धीरे-धीरे जमा होने लगता है। जिससे हमारी सामान्य दैनिक क्रियाएं भी प्रभावित होने लगती है। अपने पीने के जल स्रोतों को समय-समय पर परिक्षण कराते रहना चाहिए। इसमें

Children suffering from fluoride
दिल्ली जलबोर्ड के सप्लाई पानी में प्रदूषण
Posted on 08 Jun, 2012 02:18 PM दिल्ली जलबोर्ड के पानी की जांच दिल्ली नगर नीगम के लोगों ने की है। इनका कहना है कि दिल्ली जलबोर्ड का पानी प्रदूषित है। दिल्ली नगर निगम और दिल्ली जल बोर्ड के बीच इस रस्सा कस्सी के बावजूद भी लोगों को साफ पानी उपलब्ध नहीं है।
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