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संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता
जल प्रदूषण की मार से कराह उठे मेरठ के गांव
Posted on 12 May, 2012 04:39 PMमेरठ की ऐतिहासिक व गंगा-यमुना के दोआब की धरती की कोख में समाया हुआ पानी का खजाना प्रदूषण की मार से कराह रहा है त
अमोनिया का स्तर बढ़ने से प्रभावित रही जलापूर्ति
Posted on 15 Mar, 2012 10:19 AMयमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़कर 2.8 पीपीएम हो गया है। दिल्ली जल बोर्ड के दावे के विपरीत प्रदूषण की मात्रा में और वृद्धि हो गई है। प्रदूषण की वजह से बुधवार को भी वजीराबाद और चन्द्रावल जल शोधन संयंत्रों में उत्पादन नहीं हो सका। दोनों संयंत्रों के बंद होने की वजह से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पानी की जबरदस्त किल्लत बनी रही। पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी और पुरानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पानी कीनदी के जल जनित रोगों से होता नारकीय जीवन
Posted on 17 Feb, 2012 01:32 PMकृष्णी नदी गांव के पूर्व दिशा में बहती है। जब हवा चलती है तो नदी के सड़े हुए पानी से सांस लेना भी दूभर हो जाता है। यह नदी गांव के लिए मच्छर बनाने की फैक्ट्री बन चुकी है। भूगर्भ जल कुछ समय बाद ही पीला हो जाता है। महिलाओं के गहने काले पड़ जाते हैं। इस गांव के लड़के शादी के लिए भी मोहताज हो चुके हैं। अन्य गांव के लोग इस गांव में अपनी लड़कियों की शादी नहीं करते। गांव के लोगों का अधिकांश धन स्वच्छ पानी के लिए व बिमारियों के लिए खर्च करते हैं। गांव वालों ने शासन एवं प्रशासन स्तर पर नदी के किनारे लगे उद्योगों को हटाने के लिए काफी प्रयास किये। लेकिन कोई सुखद परिणाम नहीं निकला।
आज भारत सहित दुनिया के अधिकतर देशों में जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या बना हुआ है। यह प्रदूषण सतह पर बहने वाले पानी तथा भूजल दोनों में समान रूप से फैल रहा है। जिसका कारण औद्योगिक विकास तथा बदलती जीवन शैली है। प्रदूषित होता जल मानव समाज के साथ-साथ पूरे वातावरण को भी दूषित कर रहा है। स्वच्छ पानी पीना मनुष्य का मानवाधिकार है। परन्तु मानवाधिकारों का हनन किस प्रकार हो रहा है यह हिण्डन नदी के किनारे बसे गाँवों में आसानी से देखा जा सकता है। हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के ऊपर गहन शोध कार्य किया गया था। इस दौरान पहले तो हिण्डन व उसकी सहायक नदियों में बहने वाले पानी का परीक्षण कराया गया तथा उसके पश्चात इन नदियों के किनारों के बारह गांवों का स्वास्थ्य संबंधी अध्ययन किया गया तथा आठ गांवों के भूजल का परिक्षण भी कराया गया।शहर के पानी की बदबूदार कहानी
Posted on 20 Jan, 2012 05:45 PMहम अपने शहरी घरों और शहरी उद्योगों के लिए इन्हीं नदियों से पानी लेते हैं और गंदा करके नदियों क
जल में जहर
Posted on 20 Dec, 2011 10:47 AMएक अध्ययन के मुताबिक बीस राज्यों की सात करोड़ आबादी फ्लोराइड और एक करोड़ लोग सतह के जल में आर्
संपदा ही बन गई अभिशाप
Posted on 06 Dec, 2011 04:48 PMपर्यावरण प्रबंधन नीति की कमियों की वजह से आज 25 फीसदी इलाके में ही जंगल शेष बचे हैं। इससे पारि
कैसा हो पीने का पानी?
Posted on 26 Aug, 2011 11:21 AMआम लोगों को जानकारी भी नहीं है। गंदगी में जो रोग के जीवाणु होते हैं, वे आंख से दिखते नहीं, केवल
बीमारी बहाओ और भूल जाओ की
Posted on 03 Aug, 2011 12:05 PMकेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत की नदियों के पानी की गुणवत्ता के हास में मुख्य योगदान अनुपचारित अथवा आंशिक रूप से उपचारित मल-जल (सीवेज) का होता है। हालांकि यह बात पहले से ही लोगों को पता थी, परंतु सीपीसीबी की विभागीय पत्रिका ने हमारे देश की पतनशील नदी प्रणालियों की कड़वी सच्चाई की पुष्टि कर दी है। पत्रिका के अनुसार प्रतिदिन लगभग 3 अरब 30 करोड़ लीटर मल-जल निकलता है,
बैतूल जिले की प्रमुख नदियां हो चुकी है प्रदूषित
Posted on 02 Aug, 2011 09:57 AMबैतूल जिला पर्यावरण संरक्षण समिति के बैनर तले चले देनवा नदी बचाओ अभियान की उस समय कमर टूट गई जब
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का काला कारनामा
Posted on 04 Jul, 2011 05:31 PMयह कहना अनुचित न होगा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इस विभाग के मंत्री और उनका मंत्रालय निश्चित