संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता

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Clogged pipes: India's sewage treatment crisis (Image: Trey Ratcliff, Flickr Commons; CC BY-NC-SA 2.0)
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Closing the tap on disease (Image: Marlon Felippe; CC BY-SA 4.0, Wikimedia Commons)
नदियों का दर्द
Posted on 11 Mar, 2016 01:26 PM


नदी का शुद्धीकरण अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया है। भारतीय परम्परा में तो नदियों को माता तुल्य आदर देकर स्वच्छ रखने के प्रयास हुए। ये प्रयास एक लम्बे समय तक सफल भी हुए। जब तक हमारी सभ्यता औद्योगिक रासायनिक तरल व ठोस कचरे और शहरी मलजल को वर्तमान तरीके से निपटाने वाली व्यवस्था से मुक्त थी, हमारी नदियाँ शुद्ध थीं।

जिंदगी लेती जहरीली हवा
Posted on 08 Mar, 2016 12:50 PM


हवा लोगों को जीवन देती है लेकिन अगर यही जीवन लेने लगे तो? सवाल अजीब जरूर है लेकिन इसे झुठलाया नहीं जा सकता है।

हाल ही में एक संस्थान द्वारा किये गये एक शोध में पता चला है कि दिल्ली की आबोहवा जहरीली हो गयी है और लोगों की जिंदगी के दिन कम कर रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ ट्रौपिकल मेटीरियोलॉजी Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM) द्वारा किये गये शोध में पता चला है कि वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के लोगों के जीवनकाल से 6.4 वर्ष कम हो रहे हैं। इसका मतलब यह है कि जिन लोगों की जिंदगी 80 वर्षों की है वे 76 वर्ष ही जी पायेंगे।

मुसीबत में एक नदी
Posted on 20 Feb, 2016 11:46 AM
हिमाचल प्रदेश में औद्योगीकरण के अपने फायदे और नुकसान हैं। हालांकि इससे कुछ रोज़गार तो खड़े हुए किन्तु नदियों और वायु प्रदूषण के रूप में हमें भारी कीमत भी चुकानी पड़ी है। जो रोज़गार खड़े भी हुए उसमें ज़्यादातर अकुशल मजदूरी के अस्थायी रोज़गार ही हिमाचल के हिस्से आये। ऊपर से 70 प्रतिशत रोज़गार हिमाचलियों को देने का वादा भी पूरा नहीं हो सका।
भारी धातुओं द्वारा जल प्रदूषण
Posted on 18 Feb, 2016 03:55 PM
जल वह प्राकृतिक उपहार है, जिसका कोई विकल्प नहीं है। इसीलिए जल को अमृत या जीवन भी कहा गया है। यदि जल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाले या विशाक्तता उत्पन्न करे तो वह जल अमृत नहीं विष है। आज अधिकाँश जलाशयों, नदियों तथा झीलों का जल विषैला हो चुका है, इसके लिए विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले ठोस तथा द्रव अपशिष्ट पदार्थ उत्तरदायी हैं।
काँवर झील : प्राकृतिक विरासत को गँवा रहा है बिहार
Posted on 11 Feb, 2016 10:36 AM


काँवर झील के दिन फिरने के आसार हैं। राज्य सरकार को अपने सारे अधिकारों का प्रयोग करके झील का संरक्षण करने और निगरानी रखने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया है। गंगा और बूढ़ी गंडक नदियों के बीच बेगूसराय जिले में करीब एक हजार एकड़ में फैला ‘काँवर झील पक्षी-विहार’ सैकड़ों प्रवासी पक्षियों और असंख्य जीव-जन्तुओं का निवास स्थल है।

हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि संरक्षण उपायों से इसकी जैव-विविधता बच सकेगी। इसमें लगभग 140 किस्म के पेड़ पौधे, 170 नस्ल के पक्षी जिसमें 58 प्रवासी पक्षी हैं, 41 तरह की मछलियाँ और अनेक तरह के कीड़े मकोड़े-अथ्रोपोडस, मुलस और फाइटो प्लैन्कोटस आदि के अलावा अनेक तरह की वनस्पति व जैविक प्रजातियों का वास है जिनका खोज होना अभी बाकी है।

जल के उपयोग एवं प्रदूषण में उद्योगों की भूमिका (The role of industry in water use and pollution)
Posted on 01 Feb, 2016 02:41 PM
जल समाचारदुनिया की बेतहाशा बढ़ती आबादी ने सम्पूर्ण विश्व में जल पर
ऑड-इवन स्थायी और कारगर हल
Posted on 29 Jan, 2016 09:35 AM
बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये राजधानी में 1-15 जनवरी तक ऑड-इवन (सम-विषम) कार्यक्रम को प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया था। इस अवधि में वाहनों की आवाजाही को एक समय विशेष तक सीमित कर वायुमण्डल पर पड़ने वाले उसके गुणात्मक प्रभावों का अध्ययन किया जाना था। अभियान के उत्साहवर्धक परिणाम मिलने की स्थिति में केजरीवाल सरकार का मकसद वायु प्रदूषण से दिल्ली को मुक्त करने का कारगर तरीका के
पर्यावरण के क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
Posted on 28 Jan, 2016 11:07 AM
न्यायपालिका का हस्तक्षेप इसलिये भी जरूरी हो जाता है कि सरकार
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