डाॅ. दिनेश मणि
डाॅ. दिनेश मणि
भारी धातुओं द्वारा जल प्रदूषण
Posted on 18 Feb, 2016 03:55 PMजल वह प्राकृतिक उपहार है, जिसका कोई विकल्प नहीं है। इसीलिए जल को अमृत या जीवन भी कहा गया है। यदि जल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाले या विशाक्तता उत्पन्न करे तो वह जल अमृत नहीं विष है। आज अधिकाँश जलाशयों, नदियों तथा झीलों का जल विषैला हो चुका है, इसके लिए विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले ठोस तथा द्रव अपशिष्ट पदार्थ उत्तरदायी हैं।