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राजस्थान की पर्यावरण की पुस्तकें(Environment Books Of Rajasthan)
राजस्थान की पर्यावरण अध्ययन की सारी पाठ्यपुस्तकें सरसरी तौर पर ही देखी हैं, मगर मैंने पाया कि हरेक में पाठ के अंत में बिंदुवार बता दिया गया है कि विद्यार्थी को क्या सीखना है। कक्षा 4 की 'अपना परिवेश' मैंने थोड़े ध्यान से देखी । तो चलिए इसके पाठों पर एक नजर डालते हैं। वैसे किसी एक पुस्तक पर अलग से नजर डालना इन पुस्तकों के साथ थोड़ा अन्याय है क्योंकि पुस्तक के शुरू में 'शिक्षकों के लिए' शीर्षक के तहत कहा गया है कि “यदि कक्षा 3 में पर्यावरणीय घटक हमारा परिवेश एवं संस्कृति से संबंधित सामग्री पहले ली है तो उसी को क्रमबद्धता के साथ कक्षा 4 व 5 में उसे संवर्धित किया गया है।" बहरहाल, मैं अपनी मेहनत को नहीं बढ़ाऊंगा और कक्षा 4 की किताब को ही आधार बनाऊंगा। Posted on 14 Nov, 2023 12:36 PM

वर्तमान में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 तथा निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के द्वारा यह स्पष्ट है कि समस्त शिक्षण क्रियाओं में 'विद्यार्थी' केंद्र में है। हमारी सिखाने की प्रक्रिया इस प्रकार हो कि विद्यार्थी स्वयं अपने अनुभवों के आधार पर समझ कर ज्ञान का निर्माण करे।

राजस्थान की पर्यावरण की पुस्तकें
मरुदम में प्रकृति से सीखना :  एक शिक्षक का अनुभव 
प्रकृति पर मानव के अभूतपूर्व प्रभाव वाले इस समय में, हम जानते हैं कि मानव व्यवहार को बदलने की आवश्यकता है। इस बदलाव का एक अनिवार्य हिस्सा हमारे बच्चों के लिए यह समझना है कि हम प्रकृति से अलग नहीं बल्कि उसका हिस्सा हैं, साथ ही जिस दुनिया में हम रहते हैं उसमें अपना सार्थक योगदान किस तरह से दे सकते हैं। हमें स्वयं इस बात पर विश्वास है, और कार्य के दौरान भी हमें इसका प्रमाण मिला कि बच्चे अपने आस-पास के परिवेश के साथ खुद को जोड़कर ही सबसे अच्छे तरीके से सीख पाते हैं। Posted on 14 Nov, 2023 11:50 AM

मरुदम, द फॉरेस्ट वे ट्रस्ट द्वारा संचालित एक स्कूल है जो तमिलनाडु में तिरुवन्नामलई की सीमा पर स्थि एक गाँव कान्यामपोन्दी में स्थित है। फॉरेस्ट वे ने करीब 16 साल पहले तिरुवन्नामलई की उजाड़ धरती वनरोपण के लिए काम करना शुरू किया और जैसे-जैसे इस काम में शामिल लोगों का समुदाय बढ़ता  गया  वैसे ही यह इरादा भी जोर पकड़ता गया कि यहाँ पर एक शैक्षिक संस्थान शुरू किया जाए। शिक्षा के लिए  ऐसी जगह की संकल्पन

मरुदम में प्रकृति से सीखना
जल की शिक्षा: कर्नाटक के सरकारी विद्यालयों में जल संरक्षण के प्रयासों का अनुभव
भारत के 24 सर्वाधिक सूखा प्रभावित क्षेत्रों में से कर्नाटक राज्य का स्थान सोलहवाँ है। कर्नाटक के पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र के जिलों, जिनमें गुलबर्गा, रायचूर, बेल्लारी, चित्रदुर्ग, तुमकुर, कोलार और साथ ही कुछ अन्य स्थानों जिनमें बेंगलुरु भी शामिल है, के भूमिगत जल में फ्लोराइड काफ़ी ज़्यादा है। Posted on 14 Nov, 2023 11:23 AM

"हमें  टैंकर से पानी खरीदने के लिए हर 10-15 दिनों में 100 से 150 रुपए खर्च करना पड़ता है। पंचायत से मिलने वाले पानी की आपूर्ति रुक-रुक कर हो रही है। विद्यालय में हाथ धोने की कोई व्यवस्था नहीं है। शौचालय हैं, लेकिन उनमें एक भी नल नहीं है, कोई ओवरहेड टैंक नहीं है जो सीधे शौचालयों या अन्य ज़रूरतों के लिए पानी उपलब्ध करा सके, सेप्टिक टैंक का वाल्व चैम्बर लीक हो रहा है। शौचालय के पास फर्श और नाली का

जल की शिक्षा
स्कूलों में 'WASH' से कौंध जनजातीय लोगों के चेहरों पर खिली मुस्कान
स्कूलों में वॉश के संबंध में डब्ल्यूएचओ / यूनीसेफ संयुक्त निगरानी कार्यक्रम (जेएमपी) की रिपोर्ट 2019 में पाया गया है कि विश्व स्तर पर लगभग 584 मिलियन बच्चों के पास पीने के पानी की बुनियादी सुविधाओं की कमी है, लगभग 698 मिलियन बच्चों की बुनियादी स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच नहीं है और लगभग 818 मिलियन बच्चों को उनके स्कूलों में बुनियादी स्वच्छता सेवाओं की आवश्यकता है। Posted on 13 Sep, 2023 05:26 PM

बच्चे किसी भी देश के सामाजिक- आर्थिक विकास के निर्माता होते हैं। और शिक्षा इन भावी निर्माताओं के विकास में ऑक्सीजन की भूमिका निभाती है। सतत विकास लक्ष्य 4 (एसडीजी 4 ) का उद्देश्य 'समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना' है। प्रत्येक बच्चे को स्कूलों में सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और सफाई (वॉश) सुविधाओं तक पहुंच के साथ शिक्षा का अधिका

कांधा डेंगासरगी गाँव के स्कूल में नल के जल से हाथ धोते विद्यार्थी,Pc--जल जीवन संवाद
मौसम औऱ घरेलू जल खपत
Posted on 11 Oct, 2008 09:13 AM परिकल्पना: किसी घर में पानी की खपत उस खास महीने के तापमान के अनुपात में होती है।कारण: मानव की प्राकृतिक संसाधनों की खपत कई चीजों पर निर्भर करती है जिनमें मौसम भी एक है। इन विभिन्न प्रभावों की जानकारी जुटाना उपयोगी है।
जल संसाधन स्रोत की दूरी और जलापूर्ति प्रणाली का आकार
Posted on 11 Oct, 2008 09:09 AM परिकल्पना: किसी गांव/शहर/महानगर की आबादी जितनी अधिक होती है, पेयजल स्रोत से उसकी दूरी उतनी ही अधिक होती है। कारण: बड़े शहरों और महानगरों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर निवेश अधिक होता है। ऐसे में उम्मीद की जाती है वहां पेय जल शोधन और आपूर्ति व्यवस्था अधिक निवेश हुआ होगा। इसके अलावा पेय जल की उनकी भारी जरूरत को बड़े जल स्रोत से पूरा किया जाता है।
लैंगिक स्थिति और पेय जल की चिंताएं
Posted on 11 Oct, 2008 09:02 AM परिकल्पना: महिलाएं पानी की कमी को पुरुषों से कहीं अधिक गंभीर पर्यावरणीय समस्या के रूप में देखती हैं। कारण: तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों की कई तरह की बहुस्तरीय पर्यावरणीय चिंताएं होती हैं। ये चिंताएं उनसे और उनके संबंधियों के जीवन पर पड़ने वाले असर से संबंधित है। यह मान कर चला जाता है कि परिवार में पीने के पानी की जिम्मेदारी महिलाओं की है। परिवार के स्वास्थ्य की अधिक जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होती है। ऐसे में उम्मीद की जाती है कि महिलाओं में पानी के कमी के प्रति चिंता कहीं अधिक होती है।
जल का शोधन और घर का बजट
Posted on 11 Oct, 2008 08:56 AM परिकल्पना: पेय जल के शोधन में तकनीक का बेहतर होने से पीने के पानी पर एक घर का प्रतिव्यक्ति खर्च बढ़ जाता है। कारण: लोगों का अपने पर्यावरण की रक्षा के प्रति जागरुक होकर उसके लिए कार्य करने का संबंध उनकी आर्थिक स्थिति से है। ऐसे में इसकी लागत के बारे में आंकड़े जुटाना उपयोगी होगा।
जल शोधन और जलापूर्ति प्रणाली का आकार
Posted on 11 Oct, 2008 08:53 AM परिकल्पना: किसी गांव/शहर/महानगर की जनसंख्या जितनी होती है, वहां की पेय जलापूर्ति प्रणाली में तकनीक का इस्तेमाल उतना ही अधिक होता है। कारण: बड़े शहरों और महानगरों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर निवेश अधिक होता है। ऐसे में उम्मीद की जाती है वहां पेय जल शोधन और आपूर्ति व्यवस्था में कहीं बेहतर तकनीक का इस्तेमाल होगा।
जल शोधन और आर्थिक स्थिति
Posted on 11 Oct, 2008 08:45 AM परिकल्पना: पेयजल के शोधन में बेहतर तकनीक का संबंध घरों में हर सदस्य को उपलब्ध स्थान से संबंध होता है। कारण: यह जांचना महत्वपूर्ण है कि क्या गरीबों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिल पा रहा है। किसी परिवार की आर्थिक स्थिति मापने के लिए घर में प्रति सदस्य उपलब्ध स्थान अच्छा मापदंड हो सकता है। ऐसे में इन दोनों कारकों की तुलना की जा सकती है।
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