Studies reveal that children are the most vulnerable to the health risks associated with groundwater contamination due to nitrate and fluoride, highlighting the need for urgent remedial measures.
Posted on 01 Feb, 2014 01:01 PMशासन से लाखों कराड़ों के प्राजेक्ट लाकर विकास के नाम पर आदिवासी बाहुल्य जिले में आधिकारियों एवं एनजीओ संचालकों ने खुली लूट खसोट मचा रखी है। यह बात किसी से भी नहीं छिपी है। कागजी घोड़े दौड़ाकर शासन को गुमराह करने में लगे संचालकों की मनमानी सारी हदें पार कर चुकी है। क्षेत्र का विकास एवं गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई कार्ययोजनाएं पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है।
Posted on 01 Feb, 2014 11:52 AMझाबुआ : जिले में पिछले कई वर्षों से फ्लोराइड के पीड़ित अपनी बीमारी से दो-दो हाथ कर रहे थे लेकिन कलेक्टर जयश्री कियावत ने गंभीरतापूर्वक स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर पीड़ितों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला चिकित्सालय बुलवाया गया। बुधवार को पीड़ितों का स्वास्थ्य परीक्षण डॉक्टरों के दल द्वारा किया गया तथा गंभीर रूप से उक्त बीमारी से पीड़ित मरीजों को तत्काल एंबुलेंस से इंदौर रैफर करवाया गया।
Posted on 01 Feb, 2014 11:23 AMझाबुआ : जिले के प्रशासनिक अमले ने फ्लोराइड प्रभावित ग्राम जसोदा खुमजी, जसोदा हिरजी विकासखंड रामा का भ्रमण किया। ग्रामीणों को इकट्ठा कर ग्रामों में डॉ. शंखवार एवं उनकी मेडिकल टीम ने ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
Posted on 29 Jan, 2014 01:10 PMदेश के पचास फीसद से अधिक जिलों का भूजलस्तर तेजी से गिर रहा है। कई महानगरों समेत देश के सैकड़ों स्थानों पर भूजल खतरनाक ढंग से जहरीला हो चुका है। जनजीवन पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। जल्द ही इस समस्या से न निपटा गया तो स्थिति भयावह हो सकती है। इसके संकटों का जायजा ले रहे हैं पंकज चतुर्वेदी।
अच्छे स्वास्थ्य हेतु शुद्ध जल एक मूलभूत आवश्यकता है तथा बिहार राज्य के लिए इसके 8.3 करोड़ लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना आज भी एक समस्या है। पिछले कई सालों से PHED ईमानदारी के साथ लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध कराने में लगी है परंतु समस्याएँ लगातार बढ़ ही रहे हैं। भूजल का संक्रमित होना लगातार बढ़ ही रहा है तथा राज्य के विभिन्न जिलों में भूजल में फ्लोराइड की समस्या देखने को मिल रही है। अधिक मात्रा में फ्लोराइड के सेवन से समान्यतः पीने वाले पानी के द्वारा फ्लोरोसिस नाम की बीमारी होती है जो दाँतों तथा हड्डियों को प्रभावित करती है। निर्धारित सीमा से कुछ अधिक फ्लोराइड के सेवन द्वारा दंतीय फ्लोरोसिस तथा अधिक समय तक अत्यधिक मात्रा में फ्लोराइड का सेवन करने पर खतरनाक कंकालीय समस्याएँ उत्पन्न होती है। इसलिए फ्लोरोसिस की रोकथाम के लिए पीने वाले पानी की गुणवत्ता सही होनी चाहिए फ्लोरोसिस के तरीके एवं प्रकार लोगों के द्वारा सेवन की गई फ्लोराइड की मात्रा पर निर्भर करता है, दंतीय फ्लोरोसिस अधिक मात्रा में फ्लोराइड के सेवन के द्वारा कम समय में ही दिखने लगती है, जबकि कंकालीय प्रभाव अत्यधिक फ्लोराइड के सेवन से होता है। चिकित्सा विज्ञान में दंतीय फ्लोरोसिस के लक्षण दाँतों में लाल, पीले, भूरे तथा काले रंग के धब्बे एवं अधिक खतरनाक अवस्था में दाँतों के एनामेल तक नष्ट हो जाते है।