फ्लोराइड

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December 30, 2023 भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड के मामले में एनजीटी ने "जिम्मेदारी से भागने" के लिए 28 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, सीजीडब्ल्यूए को नोटिस जारी किया।
भूजल में आर्सेनिक,फ्लोराइड जैसे जहरीले तत्व
December 28, 2022 Water anywhere straight to where it is needed
Bhisma drinking water of Patala Ganga which was drawn on earth by Arjuna (Image Source: Wikimedia Commons)
July 5, 2022 Studies reveal that children are the most vulnerable to the health risks associated with groundwater contamination due to nitrate and fluoride, highlighting the need for urgent remedial measures.
POisoned waters, dangerous outcomes (Image Source: India Water Portal)
September 3, 2021 Safe water learning cards being used to train a wide spectrum of stakeholders
Different combinations of safe water learning cards can be customised for a session based on the target audience (Image: INREM)
July 25, 2019 A young college graduate shares his experience working with Tata Trusts in Assam on water issues.
Stream Network in Tezpur, Assam. Image credit: Rohit Sar
July 11, 2019 INREM Foundation and The Fluoride Network have worked in Chikkaballapur extensively, to battle the problem of fluoride contamination in groundwater.
A can of 20 litres of RO filtered water costs around Rs. 20 in Chikballapur. Image credit: Karthik Seshan
फ्लोरोसिस से पीड़ित मियांपुरा के बच्चे
Posted on 05 Feb, 2014 10:43 AM अधिकांश बच्चे दंतीय फ्लोरोसिस से पीड़ित हैं। वहीं माध्यमिक विद्याल
skeletal fluorosis
फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
Posted on 05 Feb, 2014 10:33 AM फ्लोराइड की समस्या दिन-प्रतिदिन अलग रूप लेती जा रही है। सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए गए कार्यों के चलते जरुर कुछ राहत हुई थी किंतु
fluoride in water
फ्लोराइड मुक्त हुआ अहमदपुरा गांव
Posted on 04 Feb, 2014 03:33 PM पानी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त करने के लिए क्लोरिन की
fluoride free water
फ्लोराइड मुक्त हुआ निल्दा गांव
Posted on 04 Feb, 2014 01:46 PM उमरबन विकासखंड की अधिकतर आबादी आदिवासी ही है। ग्राम निल्दा भी शत-प्रतिशत रूप से आदिवासी आबादी वाला है। ऐसे में यहाँ पर निरक्षरता
fluoride free water hand pump
125 बसाहटों में मिलेगा साफ पानी
Posted on 04 Feb, 2014 12:07 PM फ्लोराइड प्रभावित - इलाकों में जारी है कार्य
डेढ़-दो वर्ष में में पूर्ण होगा कार्य

फ्लोरोसिस की जानकारी
Posted on 04 Feb, 2014 10:54 AM

फ्लोरासिस से लड़ने के लिए आपका पौष्टिक आहार:-


शरीर में कैल्शियम, मैग्निशियम, विटामिन सी एवं प्रोटीन की कमी से फ्लोरोसिस का असर पड़ सकता है। निम्नलिखित पौष्टिक आहार लेने से उपरोक्त कमी दूर हो सकती है। दूध, आमला, नींबू, सोया, दलिया, हरी सब्जी, तील चक्की आप कैल्शियम, मैग्निशियम और विटामीन सी की गोलियां भी ले सकते हैं।

 

fluorosis
भारत में फ्लोराइड और फ्लोरोसिस
Posted on 02 Feb, 2014 06:42 PM फ्लोराइड के दो मुख्य प्रभाव हैं, डेंटल और स्केलेटल फ्लोरोसिस। डेंटल फ्लोरोसिस दांत के एनामेल के विकास में प्रतिरोध को कहा जाता है यह दांत के विकास के दौरान अधिक सांद्रता वाले फ्लोराइड के संपर्क में आने की वजह से होता है, इसकी वजह से ऐनामेल में खनिज तत्व की कमी हो जाती है और इसकी सारंध्रता बढ़ जाती है। एक साल से चार साल तक के बच्चों में डेंटल फ्लोरोसिस होने की संभावना अत्यधिक होती है। फ्लोराइड का अधिक मात्रा में शरीर में जाना इंसानों और पशुओं के लिए खतरनाक होता है, इस बात की खोज सबसे पहले भारत में ही 1937 में (तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी, वर्तमान में आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में) में शार्ट, पंडित और राघवाचारी ने की थी। तब से अब तक देश और दुनिया में फ्लोराइड के कुप्रभाव के कई मामले सामने आये हैं। हालांकि फ्लोरोसिस मुख्यतः पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा होने की वजह से होता है, मगर भोजन, धुआं और दूषित वातावरण में फ्लोराइड की अधिक मात्रा से भी इसके प्रसार के कई उदाहरण मिले हैं।

फ्लोराइड अधिकांश भूगर्भीय वातावरण में पाया जाता है, इसलिए हम क्रिस्टलाइन और ग्रेनाइटिक बनावट वाले भूजल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा पाते हैं। (उदा। आंध्र प्रदेश में नलगौंडा और कर्नाटक में कोलार), सिंधु-गंगा बेसिन और दूसरे जलोढ़ (उदा। उत्तर प्रदेश में उन्नाव और गुजरात में मेहसाना)। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों के भूजल में अलग-अलग गहराई में फ्लोराइड पाया जाता है।
फ्लोराइड
राजस्थान के जल संसाधन
Posted on 02 Feb, 2014 02:39 PM सतही जल की कमी के कारण राजस्थान को बहुत हद तक भूजल संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। बड़ी संख्या में कुएं, बावड़ियां और झालरें प्रमुख परंपरागत जल साधन हैं। राज्य में भूजल की स्थिति भू-आकारकीय संरचना तथा भूमिगत जल धारक संरचनाओं की प्रकृति पर निर्भर करती है। भूजल विकास राजस्थान के पश्चिमी भागों की तुलना में पूर्वी भागों में अधिक है। पश्चिमी राजस्थान में भूजल पुनर्भरण अपेक्षाकृत कम है। अनिश्चित वर्षा, सतही जल संसाधनों की अनुपस्थिति तथा उच्च वाष्पोत्सर्जन इसके कारण हैं। मानव विकास हेतु जल एक सीमांत कारक है, तथा मानव के अस्तित्व हेतु अत्यंत आवश्यक है। राजस्थान में भूमि व सूर्य का प्रकाश प्रचुर मात्रा में है, परंतु उपलब्ध जल-संसाधनों के संबंध में कम भाग्यशाली है। राज्य में ऐसी कोई नदी नहीं है, जिसका उद्गम स्थल हिमपात वाले क्षेत्रों से हो। मानचित्र 3 राजस्थान की नदियों को दर्शाता है।

अधिकांश नदियां मौसमी हैं तथा इनमें बहने वाले जल की मात्रा वर्षा ऋतु के दौरान होने वाले वृष्टिपात के परिणाम पर निर्भर करती है।

सामान्यतः राज्य के पश्चिमी भाग में वार्षिक वर्षा बहुत कम होती है। प्रत्येक मानसून के दौरान राज्य के विभिन्न् भागों में एक ही समय पर अकाल व बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होना इस बात का साक्षात उदाहरण है कि सामान्यतः संपूर्ण राज्य में, और विशेषतया इसके पश्चिमी भाग में वर्षा की अवधि व मात्रा परिवर्तनशील रहते हैं।
राजस्थान – एक परिचय
Posted on 02 Feb, 2014 02:17 PM राजस्थान एक कृषि प्रधान राज्य है। सन् 1991 की जनगणना में लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने कृषि को अपना मुख्य व्यवसाय बताया। ग्रामीण क्षेत्
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