फ्लोरासिस से लड़ने के लिए आपका पौष्टिक आहार:-
शरीर में कैल्शियम, मैग्निशियम, विटामिन सी एवं प्रोटीन की कमी से फ्लोरोसिस का असर पड़ सकता है। निम्नलिखित पौष्टिक आहार लेने से उपरोक्त कमी दूर हो सकती है। दूध, आमला, नींबू, सोया, दलिया, हरी सब्जी, तील चक्की आप कैल्शियम, मैग्निशियम और विटामीन सी की गोलियां भी ले सकते हैं।
फ्लोरोसिस के लक्षण
दांतों में पीलापन, हाथों व पैर का टेड़ापन, पैर का अंदर, बाहर अथवा सामने की ओर झुकाव, घुटनों के पास सूजन, झूकने और बैठने में तकलीफ, कंधा हाथ व पैर के जोड़ों में दर्द, कम उम्र में ही बुढ़ापे के लक्षण, पेट में भारीपन महसूस होना।
आप क्या कर सकते हैं
जांच:-
1. टेस्टिंग रीयेजेंट को पानी के सेंपल के साथ मिलाइए अगर सैंपल का रंग पीला हो जाता है तो उसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। अगर उसका रंग लाल हो तो उसमें फ्लोराइड की मात्रा कम है। पानी में फ्लोराइड की मात्रा एक मिली ग्राम प्रति लीटर से अधिक होने पर वह पीने लायक नहीं है।
खून व पैशाब की जांच
2. खून में फ्लोराइड पाए जाने से साबित होता है कि फ्लोराइड शरीर में प्रवेश कर चुका है। इसकी मात्रा 0।05 मिली ग्राम प्रतिलीटर से अधिक होने पर शरीर के लिए हानिकारक है। पेशाब में फ्लोराइड पाए जाने से यह कह सकते हैं कि खाने पीने में कहीं न कहीं जरूर फ्लोराइड है। इसकी मात्रा 1 मिली ग्राम प्रतिलीटर से अधिक होने पर शरीर के लिए हानिकारक है।
हड्डी का एक्स-रे
3. हड्डी का एक्स-रे करने से फ्लोरोसिस की पुष्टि हो सकती है। इससे यह पता चलता है कि कुछ हद तक हड्डियों में फ्लोराइड जमा हो गया है।
फ्लोराइड रहित पानी के लिए आप क्या कर सकते हैं
1. फिल्टर का उपयोग - एक्टिवेटेड एल्युमिना फिल्टर, फ्लोराइड को पानी से निकाल देता है। इनरेम फाउंडेशन द्वारा बनाए गए फिल्टर में जीरो-बी भी दिया गया है जो पानी के कीटाणुओं को निकाल देता है।
2. बरसात पानी का संग्रह - बरसात के पानी में फ्लोराइड की मात्रा बहुत कम होती है। बारिश के समय पर घर के छत से पड़ने वाले पानी को एक टंकी में संग्रहित कर इसे साल भर शुद्ध कर पीने के लिए उपयोग कर सकते है।
3. अन्य फ्लोराइड रहित पानी - अगर आपके घर में कोई दूसरे स्रोत से पानी प्राप्त है तो हमेशा उसे फ्लोराइड के लिए जांच कीजिए, उसके बाद आप उसे फिल्टर करने के बाद ही पीजिए।
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