प्राकृतिक आपदा

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August 2, 2024 There is a need for a multi-faceted approach to disaster management, combining advanced monitoring, early warning systems, community preparedness, and sustainable land use practices to mitigate future risks.
Aftermath of a 2022 landslide on Nedumpoil ghat road (Image: Vinayaraj, Wikimedia Commons; CC BY-SA 4.0)
July 31, 2024 Gully erosion is a serious problem that can affect agriculture, livelihoods and lives in India. Having accurate maps to know its present extent is crucial.
Gully erosion maps, the need of the hour (Image Source: Dehaan via Wikimedia Commons)
May 31, 2024 From scorching to sustainable: Building resilience against heatwaves
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May 11, 2024 Deforestation, expansion of agricultural land, encroachment into forested areas, and unplanned urbanisation alter landscape connectivity, fragment habitats, and increase fire ignition sources.
Uttarakhand's wildfire wake-up call (Image: Pickpic)
April 25, 2024 Understanding the impact of heat on our world
Rising temperatures, rising risks (Image: Kim Kestler, publicdomainpictures.net)
February 5, 2024 Navigating sustainable development in the wake of legal battles and environmental challenges
The heavy rains and landslides in 2023 have highlighted the city's inability to bear the burden of additional population (Image: Vincent Desjardins; CC BY 2.0 DEED)
प्राकृतिक आपदा से हार क्यों बार-बार
Posted on 22 Sep, 2011 10:44 AM

जब आपदाओं के प्रति हम सब गंभीर और जागरूक होंगे। प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता के लिए 13 अक

भूकंप में कितने सेफ हैं आपके घर
Posted on 19 Sep, 2011 11:52 AM

सिक्किम में रविवार शाम को आए भूकंप से जान-माल का जबर्दस्त नुकसान हुआ। ऐसे में दिल्ली एनसीआर के लोगों के मन में यह कशमकश है कि नया फ्लैट खरीदते या प्लॉट पर मकान बनाते हुए वे किन बातों का ध्यान रखें कि भूकंप के झटकों का उनके घर पर कोई असर न हो। एक्सपर्ट्स से बात करके पूरी जानकारी दे रहे हैं अमित कुश :

भूकंप
Posted on 17 Sep, 2011 12:40 PM भूकंप प्राकृतिक आपदा का सर्वाधिक विनाशकारी रूप माना जाता है। इसके कारण व्यापक तबाही और मानव जीवन की भारी क्षति होती है। लोग भारी संख्या में हताहत होते हैं। आमतौर पर इसका प्रभाव अत्यंत व्यापक क्षेत्र में महसूस किया जाता है लेकिन इनका परिणाम कितना भी भयावह क्यों न होता हो, साथ ही यह भी सत्य है कि इनके आने की संभावना कम होती है। इसलिए भूकंप आने के बाद उसके प्रभावों का सामना करने की कार्रवाई बिना किसी
भूकंप से टूटे रास्ते
हिमाचल:असामान्य बर्फबारी और बारिश से लोगों में दहशत का माहौल
इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई असामान्य बारिश और बर्फबारी के कारण आम जनमानस को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और विभिन्न जिलों में हिमस्खलन की घटनाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं Posted on 09 Mar, 2024 12:43 PM

हिमाचल शब्द संस्कृत के दो शब्दों हिमा (बर्फ) और अचला (पर्वत) से बना है, जिसका अर्थ है बर्फीले-पहाड़ या बर्फीली-श्रृंखला। इसी प्रकार हिमालय शब्द हिमा और आलय (निवास) से बना है, जिसका अर्थ है घर या बर्फ का निवास।     

हिमाचल में हिमस्खलन की घटनाएं
नैनीताल भू-स्खलन: विशेष सिविल अधिकारी की रिपोर्ट
जानिए वर्ष में 1880 में नैनीताल में आये भू-स्खलन की विशेष सिविल अधिकारी की रिपोर्ट में क्या विशेष है Posted on 02 Mar, 2024 03:24 PM

शेर-का-डांडा पहाड़ी के 18 सितंबर, 1880 के भू-स्खलन के बाद इस क्षेत्र में तैनात विशेष सिविल अधिकारी मिस्टर एच. सी. कोनीबीयरे, ( ई.एस.क्यू.सी. एस.) ने 11 अक्टूबर, 1880 को नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंसेस एण्ड अवध के सचिव को भू-स्खलन के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट का हिन्दी भावार्थ निम्न प्रकार थाः-

नैनीताल भू-स्खलन विशेष सिविल अधिकारी की रिपोर्ट
अफगानिस्तान से दिल्ली तक भूकम्प बड़ी तबाही का सिग्नल तो नहीं!
दिल्ली -एनसीआर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान सहित उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में 3 अक्टूबर के बाद से बार-बार भूकम्प के झटके महसूस किए जा रहे हैं। 3 अक्टूबर की दोपहर को तो भूकम्प के जोरदार झटके महसूस किए गए थे, जिसका केन्द्र नेपाल के बझांग जिले में था। उत्तर भारत में उस दौरान लगातार दो बार धरती कांपी थी। हालांकि भारत में भूकम्प के उन झटकों से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ था लेकिन केवल 26 मिनट में ही नेपाल से लेकर दिल्ली तक दो बार लगे भूकम्प के जोरदार झटकों से हर कोई कांप गया था।  Posted on 18 Dec, 2023 12:33 PM

दिल्ली -एनसीआर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान सहित उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में 3 अक्टूबर के बाद से बार-बार भूकम्प के झटके महसूस किए जा रहे हैं। 3 अक्टूबर की दोपहर को तो भूकम्प के जोरदार झटके महसूस किए गए थे, जिसका केन्द्र नेपाल के बझांग जिले में था। उत्तर भारत में उस दौरान लगातार दो बार धरती कांपी थी। हालांकि भारत में भूकम्प के उन झटकों से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ था ले

अफगानिस्तान से दिल्ली तक भूकम्प बड़ी तबाही का सिग्नल तो नहीं!
भूकंप कब आता है और क्यों आता है? (When does an earthquake occur and why does it occur? In Hindi)
विनाशकारी भूकम्प इतिहास में काली तारीखों के रूप में दर्ज हैं। वैसे तो हर वर्ष दुनिया भर में करीब 50,000 छोटे बड़े भूकम्प आते हैं लेकिन उनमें से 100 विनाशकारी होते हैं। कम से कम एक भूकम्प भयानक विनाश करता है। मानव जीवन के इतिहास में सबसे अधिक तबाही मचाने वाला भूकंप 23 जनवरी 1556 को चीन में आया था,जिसमें लगभग 8 लाख से भी अधिक लोग मारे गये थे। 1 नवम्बर 1755 को लिस्बन, पुर्तगाल में आया भयंकर भूकम्प संभवत: पहला ऐसा भूकम्प था, जिसके विस्तृत अध्ययन के रिकार्ड आज भी सुरक्षित हैं। यह रिकार्ड तत्कालीन पादरियों के प्रेक्षणों पर आधारित थे तथा इनमें पहली बार भूकम्प तथा इसके प्रभावों की सुव्यवस्थित जांच पड़ताल की गई थी। Posted on 23 Nov, 2023 12:40 PM

लातूर और उस्मानाबाद जिलों में तीस सितम्बर 1993 को प्रातः का समय अचानक धरती के थरथरा उठने से वहां के निवासियों पर जो कहर ढला, उससे अभी तक वहां के निवासी उबर नहीं पाये हैं। इसके पूर्व 20 अक्टूबर 1991 को उत्तरकाशी तथा निकटवर्ती जिलों में प्रकृति की यह विनाश लीला देखने को मिली थी। इस भयंकर विनाश का कारण था - भूकम्प, जिसने देश के विभिन्न भागों को झकझोर दिया था।

विनाशकारी भूकम्प
हिमालय के गढवाल क्षेत्र की प्राकृतिक आपदाऐं
गढ़वाल हिमालय क्षेत्र भूकम्पों एवं बाढ़ों से अक्सर प्रभावित रहा है। जो कि भूस्खलन का मुख्य कारण है। पिछले 40 से 50 वर्षों में इस क्षेत्र में अनगिनत भूकम्प, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनायें घटित हुई हैं जिनमें 1970 में अलकनन्दा की प्रलयकारी बाढ़, 1991 का उत्तरकाशी भूकम्प, 1999 काचमोली भूकम्प एवं 16 जून 2013 की केदारघाटी में भूस्खलन की घटना गढ़वाल के इतिहास में भीषणतम श्रासदियों में से एक है। Posted on 17 Nov, 2023 03:02 PM

प्राकृतिक संसाधनों के अन्धाधुंध दोहन ने हिमालय के अस्तित्व को संकट में डाल दिया है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि हिमालय का अपरदन तेज हो रहा है। भूस्खलनों की संख्या बढ़ रही है, बाढ़ों का क्रम तेज हो रहा है। जिससे न सिर्फ हिमालय के निवासियों अपितु मैदानी क्षेत्रों पर भी इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ रहा है। मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ों तथा जल में गाद के घनत्व में अप्रत्याशित वृद्धि ने खेतों, नहरों

प्राकृतिक आपदा
नेपाल भूकंप (Nepal Earthquake In Hindi )
हिमालय पर रहते थे और फैलाश पर्वत पर स्थाई निवास बनाये थे। ऐसा लगता है हमने उनको है तपस्या भंग कर दी है। उनकी तपस्या में खलल डाला है इंसान ने जब उनको खुली तो प्रकृति के साथ हो अन्याय को देखकर के क्रोधित हुए और ने अपनी तीसरी आंख खोल दी। जिससे चारों ओर सिर्फ मौत से सीत दिखाई दे रही है। इंसान से ऐसी फोन सी गलती हुई कि शिव ने रुष्ट होकर ऐसा तांडव नृत्य किया। इस पर हमें आज विचार करने की जरूरत है। Posted on 13 Oct, 2023 03:34 PM

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जब अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं तो तवा मच जाती है। नेपाल में भूकंप की तस्वीरें देखकर तो यही लगता कि शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया है। पशुपतिनाथ शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला और देखते ही देखते पूरा इलाका मानो शान बन गया। नेपाल में दसों हज़ार लोगों के मरने की आशंका हजारों लोग जख्मी है। मौत के इस सन्नाटे की पूरी दुनिया में है। लोग खौफ में हैं, दहशत में हैं और जीने की

नेपाल भूंकप
हिमालयी नदियों द्वारा बढ़ती तबाहीः कारण तथा निवारण (Increasing Devastation by Himalayan Rivers: Reasons and Remedy)
हिमालय पृथ्वी का सबसे युवा तथा कच्चा पर्वत है। इसलिए यह प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। Posted on 17 Jul, 2023 01:14 PM

प्रस्तावना

हिमालय पृथ्वी का सबसे युवा तथा कच्चा पर्वत है। इसलिए यह प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। हिमालय में जो नदियां बहती हैं वो अपने साथ गाद लेकर आती हैं। इस कारण यहां नालों तथा छोटी नदियों का निश्चित मार्ग नहीं है वो अक्सर अपना रास्ता बदलते हैं। भारी बारिश हिमालयी क्षेत्र में मौसम का सामान्य हिस्सा है। भूस्खलन और बाढ़ पहले भी पहाड़ों पर आते

हिमालयी नदियाँ,PC-विकिपीडिया
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