सफलता की कहानियां और केस स्टडी

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जनता ने उतारी गंगा
Posted on 14 Jul, 2009 01:02 PM
कानपुर देहात। शिवली स्थित शोभन आश्रम की अगुवाई में जनता के भगीरथ प्रयास से गंगा उतरने की घटना मूर्त रूप ले रही है। कर्मकांड से अलग हट कर इस आश्रम के स्वामीजी ने इहलोक सुधारने को वरीयता दी और दर्जनों गांवों की हजारों हेक्टेयर असिंचित भूमि की प्यास बुझाने के लिए जनसहयोग से नहर का निर्माण करा दिया। यह महत्वाकांक्षी पब्लिक कैनाल परियोजना अब पूरी होने की ओर है।
एक नई हरित क्रांति
Posted on 13 Jul, 2009 11:58 AM
मात्र 52 परिवारों वाला एक छोटा सा गांव एनाबावी आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। इन दिनों यहां पास के गांव कालेम के किसान लाभदायक कृषि के तौर-तरीके सीखने के लिए जुटे रहते हैं. जिन लोगों ने 1960 के दशक में हरित क्रांति के उत्साह को नहीं देखा था, वे उस जोश की झलक यहां देख सकते हैं. हरित क्रांति और इस क्रांति में फर्क इतना ही है कि अब के किसान सिंथेटिक रसायनों का इस्तेमाल किए बिना ही उत्पादन में जुटे हैं.

हैदराबाद में एयर इंडिया कर्मी अजीत कुमार रोजाना कृषि सहकारी भंडार से सब्जियां खरीदने जाते हैं जो उसके दफ्तर के बगल में ही है. कुमार की पत्नी उसे रोज समय से ऑफिस छोड़ने सहकारी स्टोर पर जाने की याद दिलाती रहती है, क्योंकि वहां मिलने वाली ताजा और कीटनाशक मुक्त सब्जियां दो घंटे के अंदर ही बिक जाती हैं. इसीलिए जैसे ही स्टोर पर सब्जी पहुंचती है,
एक गांव जहां पानी ही पानी
Posted on 10 Jul, 2009 05:08 PM नई दिल्ली। बूंद-बूंद आंसू टपकाते नल भारत के लगभग हर शहर की समस्या हैं। ऐसे में सरकारी आश्वासनों से मन बहलाने के बजाय देश के कुछ इलाके अपने लिए पानी की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। हरियाणा के मेवात जिले का करहेड़ा गांव इसकी जीती-जागती मिसाल है। जल संरक्षण प्रणाली को लेकर करहेड़ा को मिली छोटी सी सफलता कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
अकोलनेर में फिर फूल खिले
Posted on 18 Jun, 2009 12:44 PM
तीन साल तक सूखे की मार झेलने के बाद अकोलनेर गांव के लोगों ने 2005 में फिर से आकर्षक फूलों की खेती शुरू कर दी है. एक किसान रघु थांगे ने इस वित्तीय वर्ष में क्रयसेंथेमम्स से 5 लाख रुपए कमाए हैं. अपनी 5 हेक्टेयर जमीन वाली प्लॉट पर उसने 15 मीटर गहरा कुआं खुदवा लिया है, जिसमें 6-8 मीटर पानी भरा रहता है.
सूखी होली..
Posted on 04 Feb, 2009 07:33 AM

सूखी होली खेलने से बच सकता है पानी


नई दिल्ली, पानी की कमी को देखते हुए लोगों को चाहिए कि वह सूखी होली खेलें. इस तरह वह जल संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह अच्छी बात है कि सामाजिक संस्थाएं और आमजन इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं.
सुनीता नारायण की क्लास
Posted on 31 Jan, 2009 05:37 PM शिमला, हिमाचल प्रदेश पानी की हर बूंद के सदुपयोग के साथ-साथ पेड़ के हर पत्ते की अहमियत बताकर दुनिया के सामने आदर्श बनने की राह पर है। पर्यावरण संरक्षण की अगली कड़ी में राज्य सरकार अपने हरेक विधायक को कार्बन न्यूट्रल राज्य बनाने का पाठ पढ़ाने जा रही है। इस दिशा में खुद पहल की है मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने। शिमला में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य के सभी विधायकों को पर्यावरण विशेषज्ञ इस मामले में
पानी मसले पर बनाएं कमेटी
Posted on 12 Dec, 2008 10:18 AM भास्कर न्यूज/ राजधानी हरियाणा. सफाई व पीने के पानी की सुचारु व्यवस्था पर पंजाब व हरियाणा सरकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य व जिला स्तर पर कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस तीर्थ सिंह ठाकुर व जस्टिस सूर्यकांत की खंडपीठ ने राज्यों के मुख्य सचिव को राज्य स्तरीय व डिप्टी कमिश्नर को जिला स्तरीय कमेटी का हेड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।
पानी है..पनाह चाहिए
Posted on 12 Dec, 2008 07:25 AM

भास्कर न्यूज/इंदौर। तालाबों के गहरीकरण के लिए यह समय मुनासिब है, यदि समय रहते इनकी गाद निकालकर ढांचे में जरूरी बदलाव कर दिए जाए तो शहर से पानी की किल्लत हमेशा के लिए दूर हो सकती है। शहर में चार प्रमुख तालाब हैं, जिनमें से केवल यशवंत सागर ही पानी की 15 फीसदी जरूरत पूरी करता है।

ठौर ठिकाना
पानी है..पनाह चाहिए
Posted on 12 Dec, 2008 07:25 AM भास्कर न्यूज/इंदौर। तालाबों के गहरीकरण के लिए यह समय मुनासिब है, यदि समय रहते इनकी गाद निकालकर ढांचे में जरूरी बदलाव कर दिए जाए तो शहर से पानी की किल्लत हमेशा के लिए दूर हो सकती है। शहर में चार प्रमुख तालाब हैं, जिनमें से केवल यशवंत सागर ही पानी की 15 फीसदी जरूरत पूरी करता है।
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