साक्षात्कार

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नाबार्ड : गांव बढ़े तो देश बढ़े
Posted on 20 Aug, 2013 12:09 PM राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश बक्षी से ग्रामीण भारत की बैंकिंग आवश्यकताएं, वित्तीय समावेशन हेतु उनके संगठन द्वारा उठाए गए कदमों और रूपे (RuPay) किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को ऋण वितरण आदि के संबंध में बातचीत के कुछ अंश..
आखिरी नहीं यह विध्वंस
Posted on 27 Jun, 2013 11:23 AM “कहते हैं कभी तहजीबे बसती थीं नदियों के किनारे,
आज नदियां तहजीब का पहला शिकार हैं।’’

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मजबूत पंचायत से पूरा होगा विकेंद्रीकरण का सपना : मणिशंकर
Posted on 02 Jun, 2013 03:33 PM पूर्व केंद्रीय पंचायती राज मंत्री मणिशंकर अय्यर पंचायतों को मजबूत करने की दिशा में हमेशा से सक्रिय रहे हैं। यही कारण है कि पंचायती राज मंत्रालय ने उनकी अध्यक्षता में पंचायती राज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनायी। इस कमेटी ने हाल ही में राष्ट्रीय पंचायती राज व्यवस्था के स्थापना दिवस पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। पेश है इस रिपोर्ट के आलोक में पंचायतनामा के लिए मणिशंकर अय्यर से
श्री विधि से धान उत्पादन का लक्ष्य संभव
Posted on 31 May, 2013 03:06 PM
धान उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इस वर्ष बिहार में 25 लाख एकड़ क्षेत्र में श्री विधि से धान उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बिहार में लगभग 32 से 35 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है। श्री विधि और संकर किस्म के धान को बढ़ावा देकर उत्पादकता बढ़ाने का कोशिश हो रही है। धान उत्पादन के लिए केंद्र से ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ बिहार और झारखंड को मिले। श्री विधि स
खेती लाभकारी होगी, तभी होगा कृषि का विकास
Posted on 28 May, 2013 03:38 PM डॉ. टी.हक देश के जाने माने कृषि अर्थशास्त्री हैं। भारत सरकार के कमिशन फॉर एग्रिकल्चर, कॉस्ट ऑफ प्राइसेस के चेयरमैन रहे डॉ.
मनरेगा से संभव है बदलाव
Posted on 30 Apr, 2013 01:53 PM महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के माध्यम से भारत में आर्थिक सामाजिक व राजनीतिक परिवर्तन की आस बंधी है। दिवा अरोरा द्वारा कुछ समय पूर्व यह साक्षात्कार लिया गया था जिसमें मनरेगा व सूचना का अधिकार कानून के संबंध में उनसे चर्चा की गई थी। यह दो आलेखों की श्रृंखला का पहला साक्षात्कार है।
यमुना में अबाध प्रवाह चाहिए
Posted on 23 Mar, 2013 03:21 PM

कृष्णप्रिया राधा जी का गांव है बरसाना। बरसाना में स्थित मानमंदिर के संस्थापक और यमुना रक्षक दल के प्रणेता रमेश बाबा की पहचान जुझारू संत की है। कृष्ण भक्ति के साथ ही, कृष्ण लीला के इलाकों के संरक्षण और यमुना मुक्ति अभियान को भी वे भगवद् भक्ति ही मानते हैं। प्रस्तुत है रमेश बाबा से सिराज केसर द्वारा लिया गया साक्षात्कार का संपादित अंश

गंगा जल की आणविक संरचना आंतरिक शक्ति का द्योतक है -प्रो. उदयकांत चौधरी
Posted on 20 Mar, 2013 12:04 PM नदियां केवल हमारी धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि मानव सभ्यता के प्रारंभिक इतिहास से ही मानव का जीवन रही है। जब धरा पर भयंकर दुर्भिक्ष पड़ा था उस वक्त भागीरथ मुनि की कठोर तपस्या ने मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर आने के लिए विवश कर दिया। लेकिन स्वर्ग से पृथ्वी पर गिरती प्रचंड धारा को सहन करना संभव न था। यह उस वक्त की सबसे बड़ी समस्या थी कि प्रचंड वेग को धारण कौन करेगा?
मेरे लेखन और कला का केवल विषय रहा है नर्मदा - अमृतलाल बेगड़
Posted on 20 Mar, 2013 12:01 PM वर्तमान युग की बढ़ती भागदौड़, आगे बढ़ने की अंधी प्रतियोगिता में जब लोगों के पास अपनों के लिए घर-परिवार, मित्र, रिश्तेदारों के लिए, उनका हाल-चाल लेने की फुर्सत नहीं बच रही है। ऐसे में नदी, जंगल और पेड़ों, प्रकृति का हाल-चाल लेना, उनके साथ समय बिताना, उनसे बात कर उसकी भावाभिव्यक्ति को सार्थक-साकार रूप देना सचमुच आश्चर्य की बात है।
महिलाओं को रोज़गार ही मेरे वेस्ट का आधार – निर्मला गिरीश कंदलगांवकर
Posted on 08 Mar, 2013 04:26 PM एक अच्छा विचार केवल एक इंसान के ही जिंदगी की दशा और दिशा ही नहीं बदलता वरन् समूह में एक साथ कई लोगों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, धार्मिक, वैचारिक दशा सुधारने एवं जीवन में गतिमयता, प्रवाहमयता लाने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। इस बात का जीता-जागता सबूत है महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले की श्रीमती निर्मला गिरीश कान्दड़गांवकर देशपांडे। इन्होंने विवाह पश्चात लगभग दो दशकों तक घर-परिवार की ज़िम्मेदा
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