पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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ਵੱਟ ਦੇ ਕੰਢੇ ਰੱਖਿਆ ਇਤਿਹਾਸ
Posted on 10 Jan, 2016 12:08 PM

ਇਹ ਕਹਾਣੀ ਸੱਚੀ ਹੈ ਜਾਂ ਇਤਿਹਾਸਕ ਹੈ-ਪਤਾ ਨਹੀਂ। ਪਰ ਆਪਣੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਮੱਧ-ਭਾਗ ਦੇ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡੇ ਹਿੱਸੇ

ਪੰਜ ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਵਾਰਿਸ ਹੁਣ ਬੀਆਬਾਨਾਂ ਦੇ ਸ਼ਾਹ
Posted on 10 Jan, 2016 11:04 AM

ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਲੋਕ ਜੀਵਨ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਨਿੱਤਨੇਮ ਜੁੜੇ ਸਨ, ਖੂਹ, ਤਾਲਾਬ, ਸਰੋਵਰ, ਬਾਓਲੀਆਂ ਕ

ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਨਿਰਮਲ ਆਬ
Posted on 10 Jan, 2016 10:41 AM
ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਪ੍ਰਾਣੀ ਦੀ ਕਲਪਨਾ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ। ਜਲ ਸ੍ਰੋਤ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਜੀਵਨ ਸ੍ਰੋਤ ਹਨ। ਜੀਵਨ ਸ੍ਰੋਤ ਵਾਲੇ ਕਿਸੇ ਜਲ ਸ੍ਰੋਤ ਦੀ ਕਥਾ ਜਦੋਂ ਸਾਹਿਤ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹਮਣੇ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਸਾਹਿਤਕ ਸਰੋਤ ਦਾ ਉੱਤਮ ਨਮੂਨਾ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਜੀਵਨ ਧਾਰਾ ਨਿਰਮਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਧਾਰਾ ਸਦਕਾ ਹੀ ਵਹਿ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਜੇ ਜੀਵਨ ਹੈ ਤਾਂ ਸਮਾਜ ਹੈ ਤੇ ਸਾਹਿਤ ਸਮਾਜ ਦਾ ਆਬ (ਸ਼ੀਸ਼ਾ, ਚਮਕ, ਆਬਰੂ) ਹੈ। ਹੁਣ ਜਦੋਂ ਸਾਹਿਤ ਸਮਾਜ ਦੀ ਬਾਤ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸਾਹਿਤ ਦੇ ਸਰੋਕਾਰ, ਸਮਾਜ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸ੍
जल काव्य
Posted on 09 Jan, 2016 02:53 PM


अमृत और दूसरा क्या है
यह जल ही तो अमृत है

जल है तो
सचमुच कल है
आशान्वित अपना
हर पल है।

जल का जो
समझे न मोल
उसे बताओ
यह कितना अनमोल।

जल श्रोतों से
प्राप्त जल से
प्राणों का संचार
जल ही से तो
समक्ष हमारे
यह समग्र संसार।

अपव्यय खुद
जल का रोको
कोई और करे तो

मौसम कितना प्यारा है
Posted on 09 Jan, 2016 02:46 PM
मौसम कितना प्यारा है।
सब कुछ नया नजारा है।।

चिडियाँ चहक रही पेड़ों पर, चूँ-चूँ, चिट्-चिट्, कूँ-कूँ कर,
गूँजे उपवन सारा है।

सनन-सनन चलती है वायु, बढ़ा रही है सबकी आयु, ये प्राणों का सहारा है।

सूरज उदित हुआ पूरब में, भर देता है जीवन सब में, ये आँखों का तारा है।

पक्षी चहक उठे कुछ कहकर, जागो तुम भी आलस तजकर ये सन्देशा हमारा है।
जल संसाधन
Posted on 07 Jan, 2016 01:32 PM
नदी-तालाब और कुएँ,
गाड़-गदेरे और झरने।
यही हमारी प्यास बुझाते,
इन्हीं में आते मेघ जल भरने।।

खाल पोखर और मंगेरे।
चाल-ढाल और धारे-पंदेरे।
कितना सुन्दर कितना निर्मल।
नित चमकता इनमें पानी रे।।

यही हैं स्रोत धरा पर जल के।
यही जीवन में हमारे रस भरते।
ये न होते अगर धरा पर।
कैसे भला हम जीवन जीते।।
मेरा पानी
Posted on 05 Jan, 2016 09:57 AM
जगमग करती बिजली का उपहार दिया है पानी ने
हर सुख-सुविधा से भरा हुआ संसार दिया है, पानी ने

झर-झर कर ज्वाला में जल कर
कितना पानी भाप बना
काला बादल बनकर घूमा फिर सतरंगा चाप बना है
ऊपर जाकर भी माटी से प्यार किया है, पानी ने।

जगमग करती बिजली का उपहार दिया है पानी ने
हर सुख सुविधा से भरा हुआ संसार दिया है पानी ने
कहाँ गुम होते जा रहे हैं -हम
Posted on 03 Jan, 2016 11:42 AM

इस योजना का प्रमुख अंग था हिमालय के समानान्तर एक बड़ी नहर का निर्माण करके उसे मध्य देश और

कहाँ गुम होते जा रहे हैं ये तालाब
Posted on 03 Jan, 2016 11:22 AM

सचमुच, ये धरती माता, एक मटके के समान ही है, जिसमें से लगातार पानी उलीचा जा रहा है। हमारे

अटारी खेजड़ा का रास्ता
Posted on 03 Jan, 2016 10:42 AM

अटारी खेजड़ा गाँव के लोग पशुओं को पानी उपलब्ध कराने के मामले में निश्चिंत हैं। चालीस साल त

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