पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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पानी पंचायत : ग्रामीण विकास को निरंतर बनाए रखने का आधार
Posted on 19 Jun, 2016 01:32 PM
‘विचार जो कामयाब रहे’ पुस्तक में भारत के बीस अग्रणी कामयाब लोगों की कहानियाँ हैं। बीस ऐसे लोगों का जो अपने जीवन में कामयाबी की एक बड़ा मुकाम हासिल किया और उनके इस कोशिश की वजह से देश और समाज को भी काफी फायदा हुआ। यह पुस्तक इन लोगों की आत्मकथ्य है। इस पुस्तक में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, आर.सी. सिन्हा, डॉ. आर.ए.माशेलकर, एन. चंद्रबाबू नायडू, डॉ. वर्गीस कुरियन, एन.आर.
भोग संस्कृति के विकास से संकट में है धरती
Posted on 19 Jun, 2016 12:19 PM


भारतीय ज्ञापनीठ की पहचान प्राय ‘स्तरीय कथा साहित्य प्रकाशित करने वाली संस्था के तौर पर होती है, लेकिन हाल ही में उन्होंने प्रकृति पर मँडरा रहे अस्तित्व के संकट की ओर आम लोगों का ध्यान आकृष्ट करवाने के उद्देश्य से ‘ज्ञान गरिमा’ पुस्तकमाला के अन्तर्गत पर्यावरण से जुड़े कुछ आलेखों का संकलन प्रकाशित किया है।

जल जंगल और जनमानस
Posted on 18 Mar, 2016 04:18 PM
जल जल जंगल से जनमानस है
जनमानस से जल और जंगल
स्वच्छता के लिये जरूरी है मनोवृत्ति में बदलाव
Posted on 13 Mar, 2016 03:48 PM


स्वच्छता ,स्वास्थ्य और देश का विकास एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारे देश में स्वच्छता गम्भीर चुनौती है क्योंकि संसार में सबसे अधिक लगभग 60 प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं। अस्वच्छता से अतिसार, बच्चों में कुपोषण और शारीरिक विकास में कमी व अन्य खतरनाक बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं जिनसे मनुष्य के जीवन को बहुत बड़ा खतरा है।

जल का महत्व
Posted on 11 Mar, 2016 01:25 PM
जीवन का अनमोल सौगात है जल,
सुखमय जीवन का नवप्रभात है जल,
लोक कल्याण का जीवन संगीत है जल,
ऊर्जा स्रोत का सतरंगी उद्गम का मीत है जल।

सभ्य संस्कृति का सम्मान है जल,
जीवन का सच्ची पहचान है जल,
प्यासे लोगों का अमृत रूपी जान है जल,
प्रकृति का अनूठा वरदान है जल।

सृष्टि का परिधान है जल,
जीव-जन्तुओं का जान है जल,
जलमेव जीवनम
Posted on 07 Mar, 2016 03:38 PM


बहुत हो चुकी हैं चर्चाएं, राजा की और रानी की।
एक नई कविता गाएं हम, इस धरती पर पानी की ।।

अंतरिक्ष के कोटि ग्रहों में, धरती ग्रह अलबेला है।
यहाँ देवता वरूण रूप धर, अविरल जल का खेला है ।।

अनुपम ग्रह धरती है यहाँ पँच तत्व का मेला है ।
जीवन मरण जहाँ दोनों हैं, ऐसा केन्द्र अकेला है ।।
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