Term Path Alias
/sub-categories/books-and-book-reviews
/sub-categories/books-and-book-reviews
जब तक भारत और नेपाल के इन प्रस्तावित बांधों को लेकर कोई संधि नहीं हो जाती तब तक गंगा-ब्रह्मपुत
पचनौर, चन्दौली, मधकौल, सोनाखान, अखता आदि गाँवों के खेतों में पड़ा बालू और उसके फलस्वरूप उजड़े
रिंग बांध की बात इसलिए उठी कि हम लोगों का घर नहीं उजड़ेगा, जहाँ है वहीं रहेंगे। अगर ऐसा नहीं क
राज्य सरकार की इस पुनर्वास नीति में इतना तो जरूर हुआ कि तटबंधों के अंदर बने घर के एवज में उसकी
सरकार की इस तरह की बातें लोग बहुधा मान लेते हैं क्योंकि सरकार के प्रचार तंत्र ने यह झूठ परोस द
‘‘...हमारे गाँव में जिसकी 5 एकड़, 10 एकड़ या 25 एकड़ जमीन है वह ज्यादातर बांध के अंदर है जहाँ