Term Path Alias
/sub-categories/books-and-book-reviews
/sub-categories/books-and-book-reviews
धरती माँ की कोख में, जल के हैं भंडार।
बूंद-बूंद को तड़प रहे, फिर भी हम लाचार।।
दोहन करने के लिये, लगा दिया सब ज्ञान।
पुनर्भरण से हट गया, हम लोगों का ध्यान।।
गहरे से गहरे किये, हमने अपने कूप।
रही कसर पूरी करी, लगा लगा नलकूप।।
जल तो जीवन के लिए, होता है अनमोल।
पर वर्षा के रूप में,मिलता है बेमोल।।
इन्हें स्कूल की कैण्टीन से बाहर करें, खेलकूद के मैदान से और बस अड्डों से बाहर करें। छतरियों, कुर्सियों, दुकानों की दीवारों, टी शर्टों और हार्डिंग्स से इन्हें बाहर करें। वैश्विक गाँव में वैश्विक उपनिवेशवादियों के चंगुल में भारत को नहीं फँसने देना है। दुनिया के स्तर पर परिवर्तन बहुत तेजी से हुआ है। राष्ट्र कमजोर हुए हैं, बाजार मजबूत हुआ है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्विक ताकत हैं। दुनिया में नई ग