उत्तर प्रदेश

Term Path Alias

/regions/uttar-pradesh-1

गंगा ही नहीं रही तो तारेगा कौन?
Posted on 12 Apr, 2010 08:36 PM
अपने उद्गम से लेकर हरिद्वार के उन घाटों तक गंगा का निर्मल जल वैसे ही कल-कल, छल-छल बहता हुआ, जैसा कभी बचपन में देखता था। गंगा मां की गोद में डुबकी मारकर जाने-अनजाने में किए गए अपने पापों को धोकर मोक्ष की कामना से स्नान करने वालों की भीड़। मैं कई किलोमीटर तक गंगा के किनारे चलता रहा। एक घाट पर अकेला नहाता एक इंसान नजर आया। मैंने उसे पहचान लिया। कई बार उसे दाह संस्कार करते देखा था। गंगा में स्ना
नीर फाउंडेशन को मिला वाटर चैम्पियन अवार्ड
Posted on 09 Apr, 2010 06:24 PM
मेरठ के खाते में एक उपलब्धि उस समय जुड़ गई जब इंटरनेशनल वॉटर एशोसिएशन, नीदरलैण्ड और वर्ल्ड एन्वायरन्मेंट फेडरेशन, अमेरिका द्वारा वर्ल्ड वाटर डे के मौके पर मेरठ स्थित गैर-सरकारी संगठन नैशनल एन्वायरन्मेंटल एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन अर्थात नीर फाउंडेशन को वर्ष 2009 के वॉटर चैम्पियन अवार्ड के लिए चुना गया। वर्ष 2009 के लिए विश्व के अलग-अलग देशों में पानी बचाने की अलख जगाने वाले चुनिंदा 12 उम्
नोएडा का पानी
Posted on 06 Apr, 2010 09:38 AM नोएडावासी दूषित पानी पीने का खामियाजा भी भुगत रहे हैं। यहां अनेक लो
डॉल्फिन को बचाइए
Posted on 06 Apr, 2010 09:10 AM
गंगा हमारी आस्था से जुड़ी वह पवित्र नदी है, जो अपने नाम के साथ अनेक किंवदंतियों, परंपराओं और सभ्यताओं को समेटे हुए है। लेकिन निरंतर बढ़ते प्रदूषण से न सिर्फ गंगा मैली हो गई, बल्कि इसकी गोद में पल रहा हमारा राष्ट्रीय जलीय जीव, गंगा डॉल्फिन, का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया। डॉल्फिन के संबंध में माना जाता है कि यह अति प्राचीन मछली है, जो मानव समाज की दोस्त है। कहा जाता है कि भगीरथ की तपस्या से
चालीस लाख नलकूप हर साल खींच रहे अरबों गैलन पानी
Posted on 07 Mar, 2010 10:48 AM लखनऊ। क्या आपको मालूम है कि उत्तर प्रदेश में छोटे-बड़े लगभग 40 लाख नलकूप हर साल धरती के पेट से चार करोड़ मिलियन गैलन से अधिक पानी निकाल लेते हैं, जो सिंचाई के काम आता है। लगभग इतना ही पानी पीने के लिए निकाला जाता है। यही कारण है कि जमीन के भीतर का जलस्तर 20 से 70 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की दर से नीचे जा रहा है, जिसे रोकना अति आवश्यक है। यह बात किसी और ने नहीं, बल्कि पूर्व मुख्य सचिव नवीन चन्द्र वाजपेय
बर्फ रोकेगी यूरिनल की तीखी दुर्गन्ध?
Posted on 02 Mar, 2010 07:08 AM इलाहाबाद । बर्फ की सिल्ली अब रेलवे स्टेशनों पर यूरिनल से उठने वाली तीखी दुर्गन्ध को रोकने का काम करेगी। इलाहाबाद जंक्शन पर प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरूआत की गई है। सफलता मिली तो इस प्रयोग को मंडल और जोन के अन्य स्टेशनों पर भी अमल में लाया जा सकता है।
बनारस का रस खत्म हो रहा
Posted on 22 Feb, 2010 12:27 PM

सूखा और बड़े पैमाने पर जल दोहन से जिले में स्थिति विस्फोटक होती जा रही है। भूगर्भ जल विभाग के आंकड़े दर्शाते हैं कि कई इलाकों में एक साल में जलस्नोत 4 से 6 मीटर खिसक गया है। सर्वेक्षकों के मुताबिक वाटर रीचार्जिंग के लिए अभियान नहीं चलाया गया तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाएगी। ग्रामीण इलाकों में स्थिति थोड़ी ठीक है, लेकिन शहरी इलाकों में चिंताजनक हो गई है।

कहां खो गए आगरा के 115 तालाब
Posted on 10 Feb, 2010 07:00 PM

आगरा। जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो भला कौन बचा सकता है। शहर के तालाबों के साथ प्रशासन ने कुछ ऐसा ही रवैया अपना रखा है। रसातल की ओर सरकते जल स्तर से बेफिक्र प्रशासन सहित सभी सरकारी विभाग तालाबों को समतल कर उन्हें भूमाफियाओं के मनमाफिक बनाते जा रहे हैं। हद तो यह है कि पानी की कीमत पर मालपानी ऐंठने के लिए हाईकोर्ट तक को गच्चा दे दिया। सवाल उठता है कि कभी सैकड़ों की संख्या में दिखने वाले तालाब आखि

सारस संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन
Posted on 09 Feb, 2010 11:37 AM
नोएडा, ओखला पक्षी विहार में सारस संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नेहरू पब्लिक स्कूल नोएडा, बाल भवन पब्लिक स्कूल, मयूर विहार, दिल्ली व डीएवी पब्लिक स्कूल, नोएडा के शिक्षक व छात्रों ने भाग लिया। इस मौके पर सारस संरक्षण समिति ने फिल्म दिखाई। साथ ही छात्रों को पक्षी विहार में घुमाया। इस मौके पर सारस संरक्षण विशेषज्ञ गोपी सुंदर भी मौजूद थे। उन्होंने वैटलैंड व पक्षियों के संबंध
अभिशाप या वरदान : केन- बेतवा गठजोड़
Posted on 08 Feb, 2010 11:14 AM

सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री महोदय, (प्रशासनिक कार्यालय)
भारत सरकार , नई दिल्ली

विषय: केन बेतवा गठजोड़ समझौता 25 अगस्त 2005 के बुंदेलखंड उप्र - मप्र विन्ध्य क्षेत्र के संदर्भ में -


महोदय,
केन बेतवा नदी को जोड़ने के लिये 25 अगस्त 2005 को एक समझौता ज्ञापन पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय मुलायम सिंह यादव, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री प्रिय रंजनदास मुंशी द्वारा आपकी उपस्थिति में हस्ताक्षर किये गये हैं। उक्त समझौता ज्ञापन के मुताबिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर)

×