उत्तर प्रदेश

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गंगा में गिरने वाले जहरीले पानी से खतरा
Posted on 06 Jan, 2011 11:07 AM

अब तक 1500 करोड़ रुपया गंगा एक्शन प्लान पर खर्च होने के बाद भी गंगा में प्रदूषण कम नहीं हो रहा, बल्कि बढ़ा ही है। आज हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि 100 करोड़ लीटर गंदापानी रोजाना गंगा में बह रहा है, जिसमें हरिद्वार व बनारस जैसे धार्मिक स्थानों के कचरे के अलावा अकेले गाजियाबाद जिले की सिंभावली शराब मिल का मिथेन मिला हुआ पानी व कानपुर के चमड़े की 15,000 (टेनेरी) इकाइयां गंगा में प्रदूषण का प्रमु

'आओ जानें, अपना पानी' अभियान
Posted on 30 Dec, 2010 10:40 AM

अभियान में निकले चौंकाने वाले तथ्य


भारत नदियों का देश कहा जाता है। यहां पानी के विभिन्न प्रकार के स्रोत व उनकी परम्परा मौजूद रही है। पानी की इसी परम्परा ने भारतीय समाज को एक सभ्य व प्रकृति के साथ जीने वाला बनाया है। भारत के कुल करीब साढे़ छः लाख गांवों में करीब 50 लाख तालाब व अन्य जलस्रोत मौजूद हैं। लेकिन वर्तमान में ये अधिकतर दयनीय हालत में हैं।
कभी शीशे की तरह चमकता था हिंडन का पानी
Posted on 24 Dec, 2010 02:53 PM

पौराणिक ग्रंथों में हरनंदी के नाम से प्रचलित नदी अब हिंडन नाम से जानी जाती है। यह नदी दो नदियों के संगम से बनी है। यह नदी महाभारत कालीन लाक्षागृह से लेकर देश के स्वतंत्रता संग्राम तक का साक्ष्य रही है। देश की इस धरोहर के बारे में बता रहे हैं किरणपाल राणा :
 

अब और गंदगी नहीं ढोएगी हिंडन और यमुना
Posted on 07 Dec, 2010 04:34 PM ग्रेटर नोएडा।। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही हिंडन और यमुना नदी को शहर की गंदगी से निजात मिल जाएगी। दरअसल ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी नदियों को प्रदूषित होने से बचाने और शहर के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए एक आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट बनाने जा रही है। यह ट्रीटमेंट प्लांट मुंबई की तर्ज पर बनाया जाएगा और इस परियोजना पर करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत आएगी। अथॉरिटी ने इसके लिए कासना गांव के नर्सरी के पास 5
नोएडा में कारखानों का जहरीला पानी पी रहे हैं लोग
Posted on 06 Dec, 2010 01:33 PM

नोएडा। कारखानों के जहरीले पानी से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के खेत-खलिहान बंजर और जहरीले हुए जा रहे हैं। कारखानों से निकलने वाले सड़े और जहरीले पानी की वजह से गौतमबुद्ध नगर की जमीन तो बंजर हो ही गई है, साथ ही इस पानी से यहां के निवासी और जानवर भी बीमार हो रहे हैं। यहां की धरती में यह पानी गहरे तक घुस चुका है और इस पानी के पीने से लोग डायरिया और बुखार जैसी बीमारी के शिकार हो रहे हैं। सालों से यहां की ज

मनरेगा, जो मन में आए करो!
Posted on 06 Dec, 2010 12:23 PM

उत्तर प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोज़गार योजना (मनरेगा) ग़रीबों के लिए केंद्र सरकार की खास योजना है। लेकिन अधिकारियों ने इसे अपनी तरह से चलाने की मनमानी शुरू कर दी है। इस समय प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के मन में जो आ रहा है वही, इस योजना के लिए भेजे गए फंड के साथ किया जा रहा है। हालांकि राहुल गांधी द्बारा इसमें हो रही लूट की ओर इशारा करने के बाद मायावती ने कुछ अधिकारियों के ख़ि

सूचना अधिकार और राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियमों को लागू करने में ढिलाई
Posted on 28 Nov, 2010 10:36 AM सूचना का अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम के तहत जनता जांच के प्रावधान से आम नागरिक को यह अधिकार प्राप्त है कि वह सरकार को जवाबदेह ठहरा सके, परन्तु जमीनी स्तर पर यह दोनों ही अधिनियम सही मायनों में लागू नहीं हो पाते हैं।
सिर पर सवार है मैला उतरने का नाम नहीं लेता
Posted on 16 Oct, 2010 08:42 AM
सभ्यता के विकास में मल निस्तारण समस्या रही हो या न रही हो, लेकिन भारत में कुछ लोगों के सिर पर आज भी मैला सवार है. तमाम कोशिशों के बावजूद भारत सरकार उनके सिर से मैला नहीं उतार पायी है जो लंबे समय से इस काम से निजात पाना चाहते हैं. हालांकि सरकार द्वारा सिर से मैला हटा देने की तय आखिरी तारीख कल बीत गयी लेकिन कल ही 31 मार्च को दिल्ली में जो 200 लोग इकट्ठा हुए थे वे आज वापस अपने घरों को लौट गये हैं. तय है, आज से उन्हें फिर वही सब काम करना पड़ेगा जिसे हटाने की मंशा लिये वे दिल्ली आये थे. उमाशंकर मिश्र की रिपोर्ट-

भारत सरकार द्वारा 31 मार्च 2009 तक सिर पर मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने की घोषणा की वास्तविकता को उजागर करने के लिए आज छह राज्यों के 200 लोग नई दिल्ली में एकत्रित हुए। मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश,
डीएम ने संभाली सफाई व्यवस्था की कमान
Posted on 13 Oct, 2010 08:35 AM शहर के दर्जनों मोहल्ले में निरीक्षण किया सफाई व अतिक्रमण की समस्याओं से हुए रू-ब-रूसहारनपुर, 13 मई 2010। शहर की सफाई व्यवस्था व गर्मी के मौसम में संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए किए जा रहे व्यवस्थाओं के निरीक्षण के लिए जिलाधिकारी आलोक कुमार खुद निकले।

जिलाधिकारी ने पठानपुरा, कमेला कालोनी, चिलकाना रोड, मछियारों का चौक, मिर्चीवाली गली, पुराना मंडी, आजाद कालोनी, गोल कोठी आदि क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने पठानपुरा पर गली एवं सड़क पर बंधी हुई गाय एवं भैंस बांधकर डेयरी चला रहे अब्दुल समद को सार्वजनिक जगह तुरंत खाली किए जाने के निर्देश दिए। वहीं अम्बाला रोड पर अग्निशमन केन्द्र के पास लगी रेता को तुरंत हटाया तथा आग लगने पर उन पर जुर्माना किए जाने तथा ट्रैक्टर ट्राली को जब्त किए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी निरीक्षण के दौरान भटियारो का चौक, इस्लामिया इंटर कालेज, मिर्चीवाली गली में कूड़ा न उठाने व
..और नदियों के किनारे घर बसे हैं
Posted on 23 Sep, 2010 01:02 PM मानव सभ्यता और बाढ़ का रिश्ता आदिकाल से चला आ रहा है। अनेक सभ्यताएं नदियों के किनारे पनपी और बाढ़ से नेस्तनाबूद हो गई। आज भी बाढ़ एक ऐसी आपदा है जिसके नाम से ही देश के अनेक गांवों एवं नगरों के लोग थर्रा उठते हैं। एक शोध के अनुसार 1980 से 2008 के दौरान भारत में चार अरब से भी अधिक लोग बाढ़ प्रभावित हुए। प्रति वर्ष बाढ़ से करोड़ों रुपयों के घर-बार, खेती और मवेशी नष्ट हो जाते हैं।
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