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राजस्थान
पुष्कर सरोवर सूखा
Posted on 01 Sep, 2009 09:17 AM
ब्रह्मा जी का सरोवरपुष्कर एकदम सूख चुका है, धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष सभी लोग एक भय से ग्रस्त हैं, इस सम्बन्ध में समस्या की गहरी पड़ताल करने की एक कोशिश है यह रिपोर्ट)
चाँद - विश्व की सबसे बड़ी बावड़ी
Posted on 01 Sep, 2009 08:54 AMराजस्थान में जयपुर से 95 किमी दूरी पर स्थित आभानेरी गाँव में विश्व की सबसे बड़ी बावड़ी (सीढ़ियों वाला गहरा कुँआ) स्थित है, जिसका नाम है 'चाँद बावड़ी'। चाँद बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में राजा चाँद ने किया था। इस विशालतम बावड़ी के प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं -
1) यह बावड़ी चारों तरफ़ से 35 मीटर चौड़ी है।
अकाल - सुकाल के बीच हलकान
Posted on 30 Aug, 2009 09:23 AM4 फरवरी को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बाड़मेर आए तो उन्होंने अफसरों को सीधे शब्दों में कह दिया कि संवेदनशील, पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन सरकार की पहली मंशा है। इसके बाद अनियमितता में डूबे विभागों ने मुख्यमंत्री जी के कथन को जिस ढ़ंग से उड़ाया उसका एक रंग है यह।
बांधों में नहीं आया पानी
Posted on 01 Aug, 2009 02:45 PMटोंक। सावन माह आधा बीतने के बाद भी अच्छी बारिश नहीं होने से टोंक जिले में सिंचाई विभाग के सभी बांध रीते हैं। बांध पानी को तरस रहे हैं। भूजल स्तर गहराने से प्रशासन चिंतित है। जून माह में बारिश का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन जिले में इस बार मानसून कमजोर रहा। गत साल (08) में टोंक जिले में 25 जुलाई तक 228.92 बारिश हुई, लेकिन इस साल मात्र 152.71 एमएम बारिश ही हुई है। जिले के गलवा बांध, टोरडीसागर, गलव
नरेगा श्रमिकों को बताए कानूनी अधिकार
Posted on 27 Jul, 2009 06:39 AMनागौर। ताल्लुका विघिक सेवा समिति के तत्वावधान में बासनी गांव में विघिक साक्षरता शिविर में सोमवार को नरेगा श्रमिकों को उनके कानूनी अघिकारों से अवगत कराया गया।शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राज व्यास ने कहा कि नरेगा के तहत एक तिहाई महिलाओं को रोजगार दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कानून के अनुसार महिलाओं व पुरूषों को समान मजदूरी देने, चिकित्सा सुविधा, छाया, पानी, कार्यस्थल दूर होने पर परिवहन भत्तेपत्रिका की ओर से अमृतम् जलम् अभियान
Posted on 20 Jul, 2009 08:12 AMकोटा। जल है तो कल है..., जल ही जीवन है..., पानी बचाओ, जीवन बचाओ..., कुछ ऎसे ही गगनभेदी नारे रविवार की भोर छंटने के साथ ही गूंज उठे। जल का महत्व बताने और जल संरक्षण की अलख जगाने के लिए पत्रिका मानव मित्र संस्थान के अमृतम् जलम् अभियान के तहत रविवार को वाहन रैली निकाली गई। माहेश्वरी समाज के सहयोग से आयोजित इस रैली के माध्यम से शहर के विभिन्न हिस्सों में नारे लगाते हुए जल संरक्षण का संदेश दिया ग
भीलवाड़ा के बांधों में पहुंचा पानी
Posted on 13 Jul, 2009 08:40 PMभीलवाड़ा। लंबे इन्तजार के बाद जिले में शुक्रवार रात मेघ मेहरबान हुए लेकिन शनिवार दिन में तरसाते रहे। रात में हुई बारिश से जलाशयों में पानी की आवक शुरू हुई। किसानों को राहत मिली। पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक 80 मिलीमीटर बारिश करेड़ा में दर्ज की गई। बारिश के चलते माण्डलगढ़ के गोवटा बांध में 13.5 फीट, राथलियास बांध में 6.5 फीट, जेतपुरा बांध में 3.5 फीट, पचानपुरा बांध में 4.10 फीट, कान्याखेड़ी बांध में22 साल बाद दिखा जवाई का पैंदा
Posted on 13 Jul, 2009 08:20 PMजोधपुर। मानसून की बेरूखी ने मारवाड़ के सबसे बड़े जवाई बांध का पैंदा दिखा दिया है। यह स्थिति लगभग 22 साल बाद उत्पन्न हुई है कि 65 फीट भराव वाले बान्ध का जलस्तर घटकर माइनस (-) 9.80 फीट तक पहुंच गया है। इसके डेड स्टोरेज से अभी भी पम्पिंग कर पानी लिया जा रहा है। चार-पांच दिन बाद बांध का डेड स्टोरेज भी पूरी तरह सूख जाएगा।नरेगा के तहत वृक्षारोपण
Posted on 03 Jul, 2009 08:00 PMजयपुर, सरकार ने देश में मानसून से पूर्व राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत सघन वृक्षारोपण अभियान संचालित करने का निर्णय लिया है, जिसे ‘हरित राजस्थान' का नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह अभियान राजस्थान के लिए जीवन रेखा साबित हो तथा पूरे देश में राज्य का यह अभियान एक मिसाल बने, इसके लिए सम्बन्धित विभाग गंभीरता पूर्वक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्यजसवंतसागर की अकाल मौत!
Posted on 01 Jan, 2009 08:28 AMदिनेश बोथरा/ भास्कर
जोधपुर। रिजर्वायर के रूप में 109 साल पहले बनाए गए जसवंतसागर बांध ने दम तोड़ दिया है। पिछले लंबे अरसे से इसमें पानी का ठहराव नहीं होने के कारणों की जांच कर रहे नेशनल इंस्टीटच्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) ने अपनी आखिरी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि अब यह बांध रिजर्वायर नहीं रहा, केवल ग्राउंडवाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर के तौर पर काम आ रहा है। लाइमस्टोन फार्मेशन वाले इसके भूगर्भ के खोखलेपन से सतह पर भी सिंकहोल बनने लगे हैं।लाइमस्टोन के कारण वैसे ही भूगर्भ में