22 साल बाद दिखा जवाई का पैंदा

जोधपुर। मानसून की बेरूखी ने मारवाड़ के सबसे बड़े जवाई बांध का पैंदा दिखा दिया है। यह स्थिति लगभग 22 साल बाद उत्पन्न हुई है कि 65 फीट भराव वाले बान्ध का जलस्तर घटकर माइनस (-) 9.80 फीट तक पहुंच गया है। इसके डेड स्टोरेज से अभी भी पम्पिंग कर पानी लिया जा रहा है। चार-पांच दिन बाद बांध का डेड स्टोरेज भी पूरी तरह सूख जाएगा।

अरावली पर्वतमाला की तराई में जवाई नदी पर बना यह बांध यदा-कदा ही पूरी तरह से खाली हुआ है। जल संसाधन विभाग के अनुसार वर्ष 1987 में इस बांध का जल स्तर (-) 9 फीट तक पहुंचा था। इसके बाद एक-दो बार इसका जल स्तर (-) 6 फीट तक पहंुचा। वर्षो बाद फिर बांध का पानी पैंदे बैठा है।

कम हो गया डेड स्टोरेज
बांध का डेड स्टोरेज पिछले 65 वर्षो में कम हो गया हैं। वष्ाü 1944 में बांध के बनने के बाद अंग्रेज इंजीनियरों ने सर्वे कर इसके डेड स्टोरेज में 495.05 एमसीएफटी पानी की भराव क्षमता आंकी थी। हर साल 1/30 प्रति स्वाक्यर फीट मिट्टी का जमाव होता है। इसमें डेड स्टोरेज में 1/3 तथा लाइव में 2/3 मिट्टी की आवक हो रही है। इसके चलते वर्तमान में बांध के डेड स्टोरेज की क्षमता घटकर 145 एसीएफटी ही रह गई है।

मगरमच्छों के लिए रहेगा पानी
डेड स्टोरेज का पानी समाप्त होने के बाद बांध के खड्डों में मगरमच्छों के लिए पानी बचाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मगरमच्छों के लिए पानी छोड़ा भी जा सकता है।

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