पश्चिम बंगाल

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डूब रहा है सुंदरवन
Posted on 07 Apr, 2011 12:07 PM बहत्तर साल के जलालुद्दीन ने ग्लोबल वार्मिंग का नाम तक नहीं सुना है। वे नहीं जानते कि यह किसी बला का नाम है। वे बस एक बात जानते हैं और यह कि दुनिया में होने वाले अत्याचारों और प्रकृति से छेड़छाड़ की वजह से अब बंगाल की खाड़ी के बढ़ते जलस्तर ने उनके पुरखों की पांच बीघे जमीन लील ली है। भारत और बांग्लादेश की सीमा पर बंगाल की खाड़ी के मुहाने पर बसे सुंदरवन के घोड़ामारा नामक जिस द्वीप पर जलालुद्दीन अपनी
जहां शोक बन जाती है गंगा, पद्मा और तिस्ता
Posted on 10 Feb, 2011 01:05 PM
मालदा के केबी झाऊबन ग्राम पंचायत के तहत रहने वाले अहमद के परिवार के पास वर्ष 1971 में सौ बीघे जमीन थी। लेकिन हर साल बदलते गंगा के बहाव की वजह से होने वाले भूमिकटाव के चलते धीरे-धीरे उसकी जमीन नदी के पेट में समाती गई और आज उनके पास एक इंच जमीन भी नहीं बची है। दस साल पहले वर्ष 2000 में उसके पास जमीन का जो टुकड़ा और मकान बचा था, वह भी गंगा ने लील लिया। तबसे वह हर साल अपना ठिकाना बदलता रहा है। फ
भविष्यवाणी जो सुनी नहीं गई
Posted on 12 Aug, 2010 09:02 AM श्री कपिल भट्टाचार्य एक विलक्षण अभियंता थे। उन्होंने फरक्का बैराज और दामोदर घाटी परियोजना का विरोध उस समय किया, जब ज्यादातर वैज्ञानिक, इंजीनियर और बुद्धिजीवी इसके पक्ष में जुटे थे। इसी विरोध के कारण उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। नवंबर 1989 में उपेक्षा और एकांत की पीड़ा झेलते हुए उनका निधन हुआ। यह लेख उन्होंने आज से कोई 40 बरस पहले लिखा था।
दामोदर घाटी परियोजना को बने हुए अनेक वर्ष बीत चुके हैं। जिस समय यह परियोजना बन रही थी, उसी समय मैंने इसके दोषों और इससे होने वाले भयंकर परिणाम की जानकारी सबके सामने रखी थीः इसके कारण पश्चिम बंगाल के पानी को निकालने वाली मुख्य नदी हुगली भी जाएगी और फिर देश में भयानक बाढ़ आएगी। हुगली नदी भरने से कलकत्ता बंदरगाह में आने वाले बड़े समुद्री जहाजों का आना भी संभव नहीं हो सकेगा। मेरे दृढ़ प्रतिवाद और चेतावनी के बावजूद केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेसी और राज्य सरकारों ने मिलजुल कर दामोदर घाटी परियोजना को लागू किया।

दामोदर नदी में साल भर छोटी-छोटी बाढ़ों के कारण जो उपजाऊ मिट्टी जमा होती है, उसे आषाढ़ में आने वाली बड़ी बाढ़ बहाकर समुद्र में पहुंचा देती है। सावन, भादों और अश्विन महीने में
डूबता द्वीप
Posted on 04 Oct, 2009 06:37 PM
एक डूबता हुआ द्वीपजलवायु परिवर्तन और स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा के आगे किस तरह से 5000 लोगों की आबादी वाला एक गांव घोरामारा दम तोडने की कगार पर है, यह सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वाटरनमेंट की फिल्म 'मीन सी लेवल' में दर्शाया गया है। 59 मिनट लंबी इस वृत्तचित्र का लेखन और निर्देशन सीएसई के एसोसिएट डायरेक्टर प्रदीप साहा ने किया है। यह फिल्म ग्लोबल वार्मिंग से बढता समुद्री जलस्तर, सरकारी नीतियां और उपाय, भू
आईला- वाटर फ़ॉर पीपुल की रपट
Posted on 21 Jun, 2009 05:26 PM


यह रिपोर्ट “वाटर फ़ॉर पीपुल” नामक संगठन द्वारा बंगाल में हाल ही में आये चक्रवाती तूफ़ान “आईला” की स्थिति, उसकी भयावहता की सबसे पहली अनुभूति तथा उसके गुज़र जाने के बाद प्रभावितों को मदद पहुँचाने में आने वाली चुनौतियों के बारे में चित्रण पेश करती है।

 

आइला से बदला सुंदरबन का भूगोल
Posted on 18 Jun, 2009 02:14 PM
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और सुंदरबन में बीते सप्ताह आए चक्रवाती समुद्री तूफान आइला ने सुंदरबन का भूगोल बदल दिया है. इससे इलाके के हजारों लोग अपने ही घर में शरणार्थी बन गए हैं. तूफान के एक सप्ताह बाद तक राहत नहीं पहुंचने की वजह से अब यह लोग हजारों की तादाद में पलायन करने लगे हैं. इनकी मंजिल है राजधानी कोलकाता.
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए पेपर आमंत्रित
Posted on 27 Apr, 2009 01:48 PM दक्षिण पूर्व एशिया के एक प्रमुख बिजनेस स्कूल, इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल वेलफयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट (आईआईएसडब्लूबीएम) कोलकाता में 14-15 दिसंबर 2009 के दौरान सतत विकास के लिए प्रबंधन एवं सामाजिक विज्ञान के फैसले पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की आबादी पर आर्सेनिक का खतरा गहराया…
Posted on 03 Mar, 2009 11:59 AM

विभिन्न अखबारों और अन्य मीडिया में देश में उपलब्ध पेयजल और भूजल में बढ़ते रासायनिक प्रदूषण के बारे में लगातार रिपोर्ट प्रकाशित होती रहती हैं। बढ़ते औद्योगीकरण की वजह से धरती की ऊपरी सतह से लेकर 200-500 फ़ुट गहराई तक का भूजल धीरे-धीरे प्रदूषित होता जा रहा है। इसी प्रकार की एक रिपोर्ट अशोक शर्मा ने सुदूर उत्तर-पूर्व शिलांग से भेजी है। इसके अनुसार पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के लाखों लोग “आर्सेनिक”

आर्सेनिक
चौथा रेनसेंटर बर्दवान में
Posted on 23 Feb, 2009 11:25 AM

भारत का चौथा रेनसेंटर बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में

बैक्टीरिया भी छान निकालेंगे कार्बो नैनो फिल्टर
Posted on 27 Dec, 2008 07:44 AM

जागरण-याहू, कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान [आईआईटी] ने ऐसा कार्बो नैनो फाइबर बनाया है, जिसकी फिल्टर क्षमता मौजूदा उपकरणों से कई गुना ज्यादा है। यह कमाल कर दिखाया है नव विकसित नैनो साइंस विभाग के वैज्ञानिकों ने। अब ऐसे फिल्टर बनाये जा सकेंगे जो औद्योगिक प्रदूषण को तो रोकेंगे ही, पानी से बैक्टीरिया भी छान निकालेंगे।

कार्बो नैनो फिल्टर
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